जयपुर. नगर निगम के पांचवीं बोर्ड की 12वीं साधारण सभा स्थगित कर दी गई है. जिसमें शहरी सरकार ने वर्ष 2019-20 का 1870.07 करोड़ का सालाना बजट पेश होना था. फिलहाल इसके लिए अब इंतजार करना पड़ेगा.
वर्ष 2018-19 में विकास के लिए 763.31 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था, लेकिन निगम 8 महीने में महज 134.50 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाया. ऐसे में इस बार का बजट भी पिछले आंकड़ों को देखते हुए कागजी ही नजर आ रहा है.
शहरी सरकार का वर्ष 2019-20 का सालाना बजट साधारण सभा में पेश होना है. इस बार 1870.07 करोड़ रुपए का भारी-भरकम बजट पेश किया जाएगा. इसमें से शहर के विकास के लिए 580.12 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. जो कुल बजट का महज 31.02 फीसदी ही है. वहीं पिछले साल के मुकाबले इस बार विकास कार्यों का बजट घटा दिया गया है.
माना जा रहा है कि जयपुर नगर निगम बीते बजट को अब तक खपा नहीं पाया है. शायद इसी वजह से इस बार विकास कार्यों के बजट को घटाया गया है. वर्ष 2018-19 में विकास के लिए 763.31 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था लेकिन निगम 8 महीने में सिर्फ 134.50 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाया. जो महज पिछले बजट का 17.60 फीसदी ही है. हालांकि स्वीकृत बजट को घटाकर संशोधित बजट 614.60 करोड रुपए रखा गया था. जिसका भी 8 महीने में 21.88 फीसदी ही खर्च कर पाए.
ऐसे में भले ही इस बार सालाना बजट बढ़ाया गया हो और विकास कार्यों के बजट को कम किया गया हो, लेकिन पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो ये बजट भी महज कागजी ही बनता दिख रहा है.
नगर निगम के बीते साल के खर्चों पर नजर डालें तो बजट खर्च सड़क निर्माण 110 करोड़ 37.59 करोड़ कियोस्क निर्माण, चारदिवारी जीर्णोद्धार, नाला सुधार 95 करोड़ 17.95 करोड़ सड़क व नाली रखरखाव में 100 करोड़ 20.92 करोड़ कब्रिस्तान के विकास 10 करोड़ 1.15 करोड़ हेरिटेज संरक्षण 60 लाख 32.75 लाख खर्च हुए.
वहीं शहरी सरकार ने विधायक और सांसद कोष के अलावा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार, स्वच्छ भारत मिशन और आपदा प्रबंधन से मिलने वाले अनुदान राशि में 187.31 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया गया था. लेकिन महज 27.10 करोड़ रुपए ही खर्च हो पाए.
निगम ने कच्ची बस्ती के विकास के लिए 30 करोड़, पार्किंग प्रोजेक्ट के लिए 4 करोड़ रुपए, हिंगोनिया गौशाला में विकास कार्यों के लिए 18 करोड़, निगम भवनों की मरम्मत के लिए 10 करोड़, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव के लिए 11 करोड़, वर्षा जल संरक्षण के लिए 5 करोड़, फुट ओवरब्रिज के लिए 10 करोड़, और फायर स्टेशनों की मरम्मत के लिए 5 करोड़ का बजट रखा गया था. लेकिन अभी तक किसी में भी एक रुपए का काम नहीं किया गया. हालांकि निगम प्रशासन ने बाद में इनमें संशोधित व्यय प्रावधान किए, लेकिन कोई काम शुरू नहीं हो पाया.
उधर, नगर निगम प्रशासन ने वर्ष 2019-20 के बजट पर भले ही वित्त समिति की मुहर लगा ली हो. लेकिन समिति के कई सदस्यों ने बजट पर आपत्ति जताई है. बहरहाल, अभी साधारण सभा की बैठक स्थगित हुई है. संभव है कि बजट पास होने से पहले-पहले इन आपत्तियों पर भी सुनवाई कर ली जाएगी. ऐसे में अपेक्षा की जा सकती है कि शहर के लिए इस बार जो बजट पास होगा वह महज कागजी बनकर नहीं रह जाएगा. बल्कि शहर के विकास कार्यों में पुरी तरह से इस्तेमाल होगा.