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खर्च करने में फिसड्डी, वसूली में भी पीछे जयपुर नगर निगम - राजस्थान, बजट

बीते 5 सालों में हर साल जयपुर नगर निगम के बजट में कई करोड़ राशि बढ़ा दी जाती है लेकिन हालात ये है कि बजट की ये राशि महज कागजों तक सिमट कर रह जाती है.

जयपुर नगर निगम
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Published : Mar 2, 2019, 10:50 PM IST

जयपुर. भले ही शहरी सरकार ने साधारण सभा में बजट पारित करा शहर के विकास का रास्ता साफ कर दिया हो लेकिन सच्चाई ये है कि बजट की कई घोषणाएं धरातल पर उतर ही नहीं पाती. यही एक बड़ा कारण है कि शहर के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं.

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बीते 5 सालों में हर साल जयपुर नगर निगम के बजट में कई करोड़ राशि बढ़ा दी जाती है लेकिन हालात ये है कि बजट की ये राशि महज कागजों तक सिमट कर रह जाती है. शहर की जरूरतों पर इसे खर्च करना शायद निगम प्रशासन भूल जाता है. बात करें साल 2018-19 की तो बीते साल बजट का महज 25 फीसदी पैसा ही शहर के विकास में लग पाया. इतना ही नहीं डोर टू डोर कचरा संग्रहण से लेकर सड़कों के निर्माण में शहरी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई और जो अनुमान लगाया था, उससे कम पैसा ही खर्च कर पाए.

पांच साल में बजट का हाल
2015-16 में1257करोड़
2016-17 में 1352करोड़
2017-18 में 1751करोड़
2018-19में 1597 करोड़
2019-20 में 1870 करोड़

इतना ही नहीं शहर में वसूली करने के मामले में भी निगम पीछे ही रहा.... पार्किंग, विवाह स्थल, लीज, सीवरेज कनेक्शन से लेकर विज्ञापनों की साइट और यूडी टैक्स वसूल करने में निगम विफल ही साबित हुआ है. इन मदों से नगर निगम को सर्वाधिक आय होती है लेकिन बीते साल जो लक्ष्य बजट में रखा था उसको निगम पूरा नहीं कर पाई.

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वसूल करने में पीछे नगर निगम -
2018-19 लक्ष्य-आय 2019-20 लक्ष्य
हाउस टैक्स 49 करोड़-7 करोड़ 49 करोड़
पार्किंग30 करोड़-12.5 करोड़ 30 करोड़
सीवरेज कलेक्शन 15 करोड़-47 लाख 15 करोड़
लीज35 करोड़-15 करोड़ 35 करोड़
विवाह स्थल 40 करोड़- शून्य 10 करोड़
साइन बोर्ड 50 करोड़-21 करोड़ 55 करोड़

निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है. क्योंकि बजट बैठक में महापौर ने करीब 122 करोड़ रुपए कर्ज की बात कही थी और सहयोग के लिए प्रदेश सरकार का आभार भी व्यक्त किया.

खर्च में फिसड्डी नगर निगम
2018-19 में लक्ष्य और खर्च 2019-20 लक्ष्य
कचरा संग्रहण 160 करोड़-58 करोड़ 150 करोड़
सड़क निर्माण 110 करोड़-37 करोड़ 110 करोड़
गौशाला 40 करोड़-17 करोड़ 40 करोड़
ठोस कचरा प्रबंधन 40 करोड़ -शून्य 10 करोड़

हालांकि, अब निगम प्रशासन ने यूडी टैक्स और विवाह स्थल के लाइसेंस शुल्क के जरिये वसूली का दौर शुरू किया है... लेकिन लक्ष्य अभी भी काफी दूर है... हाल ही में पारित हुए बजट में महापौर ने शहरवासियों से विकास का वादा भी किया है, लेकिन ये वादे जमीनी हकीकत बन पाएंगे या नहीं ये देखने वाली बात होगी.

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जयपुर. भले ही शहरी सरकार ने साधारण सभा में बजट पारित करा शहर के विकास का रास्ता साफ कर दिया हो लेकिन सच्चाई ये है कि बजट की कई घोषणाएं धरातल पर उतर ही नहीं पाती. यही एक बड़ा कारण है कि शहर के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं.

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बीते 5 सालों में हर साल जयपुर नगर निगम के बजट में कई करोड़ राशि बढ़ा दी जाती है लेकिन हालात ये है कि बजट की ये राशि महज कागजों तक सिमट कर रह जाती है. शहर की जरूरतों पर इसे खर्च करना शायद निगम प्रशासन भूल जाता है. बात करें साल 2018-19 की तो बीते साल बजट का महज 25 फीसदी पैसा ही शहर के विकास में लग पाया. इतना ही नहीं डोर टू डोर कचरा संग्रहण से लेकर सड़कों के निर्माण में शहरी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई और जो अनुमान लगाया था, उससे कम पैसा ही खर्च कर पाए.

पांच साल में बजट का हाल
2015-16 में1257करोड़
2016-17 में 1352करोड़
2017-18 में 1751करोड़
2018-19में 1597 करोड़
2019-20 में 1870 करोड़

इतना ही नहीं शहर में वसूली करने के मामले में भी निगम पीछे ही रहा.... पार्किंग, विवाह स्थल, लीज, सीवरेज कनेक्शन से लेकर विज्ञापनों की साइट और यूडी टैक्स वसूल करने में निगम विफल ही साबित हुआ है. इन मदों से नगर निगम को सर्वाधिक आय होती है लेकिन बीते साल जो लक्ष्य बजट में रखा था उसको निगम पूरा नहीं कर पाई.

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वसूल करने में पीछे नगर निगम -
2018-19 लक्ष्य-आय 2019-20 लक्ष्य
हाउस टैक्स 49 करोड़-7 करोड़ 49 करोड़
पार्किंग30 करोड़-12.5 करोड़ 30 करोड़
सीवरेज कलेक्शन 15 करोड़-47 लाख 15 करोड़
लीज35 करोड़-15 करोड़ 35 करोड़
विवाह स्थल 40 करोड़- शून्य 10 करोड़
साइन बोर्ड 50 करोड़-21 करोड़ 55 करोड़

निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है. क्योंकि बजट बैठक में महापौर ने करीब 122 करोड़ रुपए कर्ज की बात कही थी और सहयोग के लिए प्रदेश सरकार का आभार भी व्यक्त किया.

खर्च में फिसड्डी नगर निगम
2018-19 में लक्ष्य और खर्च 2019-20 लक्ष्य
कचरा संग्रहण 160 करोड़-58 करोड़ 150 करोड़
सड़क निर्माण 110 करोड़-37 करोड़ 110 करोड़
गौशाला 40 करोड़-17 करोड़ 40 करोड़
ठोस कचरा प्रबंधन 40 करोड़ -शून्य 10 करोड़

हालांकि, अब निगम प्रशासन ने यूडी टैक्स और विवाह स्थल के लाइसेंस शुल्क के जरिये वसूली का दौर शुरू किया है... लेकिन लक्ष्य अभी भी काफी दूर है... हाल ही में पारित हुए बजट में महापौर ने शहरवासियों से विकास का वादा भी किया है, लेकिन ये वादे जमीनी हकीकत बन पाएंगे या नहीं ये देखने वाली बात होगी.

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Intro:भले ही शहरी सरकार ने साधारण सभा में बजट पारित करा शहर के विकास का रास्ता साफ कर दिया हो,,, लेकिन सच्चाई ये है कि बजट की कई घोषणाएं धरातल पर उतर ही नहीं पाती... यही एक बड़ा कारण है कि शहर के लोग अभी भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं...


Body:पांच साल में बजट का हाल 
2015-16 1257  करोड़
2016-17 1352  करोड़
2017-18 1751  करोड़
2018-19   1597 करोड़
2019-20 1870 करोड़

बीते 5 सालों में हर साल जयपुर नगर निगम के बजट में कई करोड़ राशि बढ़ा दी जाती है... लेकिन हालात ये है कि बजट की ये राशि महज कागजों तक सिमट कर रह जाती है... शहर की जरूरतों पर इसे खर्च करना शायद निगम प्रशासन भूल जाता है... बात करें साल 2018-19 की तो बीते साल बजट का महज 25 फीसदी पैसा ही शहर के विकास में लग पाया.... इतना ही नहीं डोर टू डोर कचरा संग्रहण से लेकर सड़कों के निर्माण में शहरी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई.... और जो अनुमान लगाया था, उससे कम पैसा ही खर्च कर पाए... इतना ही नहीं, शहर के वसूली में भी निगम पीछे ही रहा... पार्किंग, विवाह स्थल, लीज, सीवरेज कनेक्शन से लेकर विज्ञापनों की साइट और यूडी टैक्स वसूल करने में निगम विफल ही साबित हुआ है....

वसूल करने में पीछे नगर निगम -
2018-19 लक्ष्य आय 2019-20 लक्ष्य
हाउस टैक्स 49 करोड़ 7 करोड़ 49 करोड़
पार्किंग    30 करोड़ 12.5 करोड़ 30 करोड़
सीवरेज कलेक्शन 15 करोड़ 47 लाख 15 करोड़
लीज    35 करोड़ 15 करोड़ 35 करोड़
विवाह स्थल 40 करोड़ 0 10 करोड़
साइन बोर्ड 50 करोड़ 21 करोड़ 55 करोड़

इन मदों से नगर निगम को सर्वाधिक आय होती है,,, लेकिन बीते साल जो लक्ष्य बजट में रखा था,,, उसको निगम पूरा नहीं कर पाई... ऐसे में निगम की आर्थिक स्थिति सुधारने की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है... बजट बैठक में महापौर ने करीब 122 करोड़ रुपए कर्ज की बात कही थी,,, और सहयोग के लिए प्रदेश सरकार का आभार भी व्यक्त किया...

खर्च में फिसड्डी नगर निगम 
  2018-19 लक्ष्य खर्च 2019-20 लक्ष्य
कचरा संग्रहण 160 करोड़ 58 करोड़ 150 करोड़
सड़क निर्माण 110 करोड़ 37 करोड़ 110 करोड़
गौशाला 40 करोड़ 17 करोड़ 40 करोड़
ठोस कचरा प्रबंधन 40 करोड़ 0 10 करोड़


Conclusion:हालांकि, अब निगम प्रशासन ने यूडी टैक्स और विवाह स्थल के लाइसेंस शुल्क के जरिये वसूली का दौर शुरू किया है... लेकिन लक्ष्य अभी भी काफी दूर है... हाल ही में पारित हुए बजट में महापौर ने शहरवासियों से विकास का वादा भी किया है, लेकिन ये वादे जमीनी हकीकत बन पाएंगे या नहीं ये देखने वाली बात होगी...
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