जयपुर. राज्य सरकार के निर्देश पर जयपुर के दोनों निगमों में वार्डों के पुनर्गठन का काम अपने अंतिम दौर में चल रहा है. इस संबंध में बीते दिनों जयपुर ग्रेटर और जयपुर हेरिटेज के 250 वार्डों का नक्शा जारी किया गया था और जनता से आपत्तियां मांगी गई थी. सीमांकन को लेकर 137 आपत्तियां सामने आई थीं. इनमें से 22 आपत्तियों को योग्य मानते हुए निस्तारित किया गया. जबकि 115 आपत्तियों को खारिज कर दिया गया. आपत्तियों का निस्तारण कर अब प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. अब 5 जनवरी को वार्डों का अंतिम स्वरूप शहर की जनता के सामने होगा.
जयपुर नगर निगम को दो भागों में बांटकर 91 वार्डों से बढ़ाकर 250 वार्डों के पुनर्गठन को लेकर किए गए सीमांकन पर 137 आपत्तियों का निपटारा कर दिया गया. इनमें से 115 आपत्तियों को खारिज किया गया. जबकि 22 आपत्तियां का निस्तारण किया गया है. जिसमें कॉलोनी का नाम छूटने या फिर नक्शे में चिन्हित नहीं किए जाने की आपत्ति थी. जबकि झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के 1 वार्ड के बीच से रेलवे लाइन गुजरने की आपत्ति भी सामने आई थी.
परिसीमन का काम देख रहे जयपुर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि 20 दिसम्बर को आपत्ति पेश करने का अंतिम दिन था. इस दौरान जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर दोनों निगमों की कुल 137 आपत्तियां प्राप्त हुई थी. इनमें करीब 72 हेड ऑफिस में जबकि 65 जोन कार्यालयों पर प्राप्त हुई थी.
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उन्होंने कहा कि सभी आपत्तियों को संबंधित विधानसभा प्रभारियों को भेज दिया गया था. प्राप्त आपत्तियों की हर पहलू से जांच के बाद मुख्यालय पर रिपोर्ट पेश की गई थी. उन्होंने बताया कि प्राप्त आपत्तियों में से महज 16 आपत्तियां स्वीकार की गई. जबकि 6 को आंशिक रूप से स्वीकार किया गया है. ऐसे में इन 22 आपत्तियों का करेक्शन कर रिपोर्ट डीएलबी भेजी गई है. बहरहाल, एक लंबी प्रक्रिया से गुजरते हुए अब वार्डों के पुनर्गठन का काम आखिरी दौर में चल रहा है और 5 जनवरी को आम जनता का इंतजार भी खत्म हो जाएगा.