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मेयर ने रूफटॉप रेस्टोरेंट पर कार्रवाई करने के बजाय रेस्टोरेंट मालिकों को किया आगाह - rajasthan

जयपुर नगर निगम के मेयर को शहर के लोगों और नियम कायदों की नहीं. इसलिये अब वो मानवता की बात करने लगे हैं. मेयर साहब मानवता का हवाला देते हुए रूफटॉप रेस्टोरेंट मालिकों को सिर्फ आगाह करना चाहते हैं.

मेयर ने रूफटॉप रेस्टोरेंट मालिकों को सिर्फ आगाह किया
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Published : Jun 8, 2019, 11:15 AM IST

जयपुर. इन दिनों जयपुर के मेयर आध्यात्मिक हो चले हैं. पहले उन्हें पशुओं में भगवान नजर आए और अब वो मानवता की बातें कर रहे हैं. मानवता से बातें करना गलत नहीं है लेकिन ये बात शहर के उन रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालकों के लिए की जा रही है जो अवैध रूप से व्यवसायिक और आवासीय छतों पर रेस्टोरेंट चला रहे हैं. मेयर साहब का कहना है कि एक बार मानवता के नाते आगाह करना उनका कर्तव्य है, जाते ही किसी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती. ऐसा करने से उसका काम बंद हो जाएगा, किसी को बेरोजगार करना नगर निगम और सरकार का उद्देश्य नहीं है. उन्होंने कहा कि आगाह करने और निवेदन करने के बाद उसके विरुद्ध कार्रवाई करना उपयुक्त है.

मेयर ने रूफटॉप रेस्टोरेंट मालिकों को सिर्फ आगाह किया

मेयर साहब शायद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को भूल गए. जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि आवासीय और व्यावसायिक इमारतों के रूफटॉप को बतौर रेस्टोरेंट इस्तेमाल करना अवैध है. यही वजह है कि मेयर विष्णु लाटा अवैध रूफ टॉप रेस्टोरेंट संचालकों के लिये मानवता का हवाला देकर कार्रवाई करने की बजाय आगाह करने की बात कह रहे हैं.

जयपुर. इन दिनों जयपुर के मेयर आध्यात्मिक हो चले हैं. पहले उन्हें पशुओं में भगवान नजर आए और अब वो मानवता की बातें कर रहे हैं. मानवता से बातें करना गलत नहीं है लेकिन ये बात शहर के उन रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालकों के लिए की जा रही है जो अवैध रूप से व्यवसायिक और आवासीय छतों पर रेस्टोरेंट चला रहे हैं. मेयर साहब का कहना है कि एक बार मानवता के नाते आगाह करना उनका कर्तव्य है, जाते ही किसी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती. ऐसा करने से उसका काम बंद हो जाएगा, किसी को बेरोजगार करना नगर निगम और सरकार का उद्देश्य नहीं है. उन्होंने कहा कि आगाह करने और निवेदन करने के बाद उसके विरुद्ध कार्रवाई करना उपयुक्त है.

मेयर ने रूफटॉप रेस्टोरेंट मालिकों को सिर्फ आगाह किया

मेयर साहब शायद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को भूल गए. जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि आवासीय और व्यावसायिक इमारतों के रूफटॉप को बतौर रेस्टोरेंट इस्तेमाल करना अवैध है. यही वजह है कि मेयर विष्णु लाटा अवैध रूफ टॉप रेस्टोरेंट संचालकों के लिये मानवता का हवाला देकर कार्रवाई करने की बजाय आगाह करने की बात कह रहे हैं.

Intro:जयपुर नगर निगम की मेयर को शहर के लोगों और नियम कायदों की नहीं। इसलिये अब वो मानवता की बात करने लगे हैं। मेयर साहब मानवता का हवाला देते हुए रूफटॉप रेस्टोरेंट मालिकों को सिर्फ आगाह करना चाहते हैं।


Body:जयपुर के मेयर इन दिनों आध्यात्मिक हो चले हैं। पहले उन्हें पशुओं में भगवान नजर आए। और अब वो मानवता की बातें कर रहे हैं। मानवता से बातें करना गलत नहीं। लेकिन ये बात शहर के उन रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालकों के लिए की जा रही है जो अवैध रूप से व्यवसायिक और आवासीय छतों पर रेस्टोरेंट चला रहे हैं। मेयर साहब का कहना है कि एक बार मानवता के नाते आगाह करना उनका कर्तव्य है। जाते ही किसी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। ऐसा करने से उसका काम बंद हो जाएगा, किसी को बेरोजगार करना नगर निगम और सरकार का उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि आगाह करने और निवेदन करने के बाद उसके विरुद्ध कार्रवाई करना उपयुक्त है।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:लेकिन मेयर साहब शायद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन को भूल गए। जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि आवासीय और व्यावसायिक इमारतों के रूफटॉप को बतौर रेस्टोरेंट इस्तेमाल करना अवैध है। यही वजह है कि मेयर विष्णु लाटा अवैध रूफ टॉप रेस्टोरेंट संचालकों के लिये मानवता का हवाला देकर कार्रवाई करने की बजाय आगाह करने की बात कह रहे हैं।
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