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वीरेंद्र राठौड़ ने अपनी ही पार्टी पर कसा तंज, ऐसी बीएमडब्ल्यू का क्या फायदा जब ड्राइवर ही न हो

राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस ने बैठक बुलाई गई थी. इसमें पूर्व और वर्तमान सभी अध्यक्ष शामिल हुए थे. नए अध्यक्षों की नियुक्ति न होने पर राजस्थान के सहप्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ काफी नाराज हुए.

virendra rathore taunted his own party
वीरेंद्र राठौड़ ने अपनी ही पार्टी पर कसा तंज
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Published : May 3, 2023, 6:55 PM IST

वीरेंद्र राठौड़ ने अपनी ही पार्टी पर कसा तंज

जयपुर. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए आरक्षित 59 विधानसभा सीटों और छह लोकसभा सीटों में लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन के तहत बुधवार को सभी वर्तमान और निवर्तमान जिला अध्यक्षों को जयपुर बुलाया गया. बैठक में एआईसीसी के SC-ST विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक के राजू, अनुसूचित जाति के चेयरमैन राजेश लिलोठिया, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवाजीराव के साथ ही राजस्थान के दोनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ेंः सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सह प्रभारियों को बांटे 11-11 जिले, भाजपा को रावण और कांग्रेस को बताया राम

3 साल से निर्वतमान अध्यक्ष रूप में कर रहे हैं कामः यह बैठक तो एससी एसटी सीटों पर नए नेता तैयार कैसे किए जाएं इसे लेकर थी. बावजूद इसके इस बैठक में अन्य मुद्दे भी उठे. बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे निवर्तमान जिला अध्यक्षों ने इस बात की शिकायत रख दी कि बीते करीब 3 साल से वह निवर्तमान अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. अब राजस्थान में चुनाव सर पर हैं, न तो हमारा कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है और न ही हमें कार्यमुक्त कर दूसरी जिम्मेदारी दी जा रही है. ऐसे में राजस्थान के सभी निवर्तमान जिला अध्यक्ष कंफ्यूज है और संगठन का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. यह सुनकर राजस्थान के सहप्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर नाराज हो गए और उन्होंने अब तक संगठन में नियुक्तियां नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए, यहां तक कह दिया की चलाने के लिए बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कार हो और उसे चलाने के लिए ड्राइवर न हो तो फिर बीएमडब्ल्यू का क्या फायदा?

ललित तूनवाल ने राठौड़ को समझाने का किया प्रयासः राठौड़ का साफ तौर पर कहना था कि जब राजस्थान में सरकार कांग्रेस की है और अब चुनाव है तो, चुनाव में जब संगठन ही नहीं है तो कांग्रेस पार्टी की सरकार होने का फायदा कैसे मिलेगा. जब इस बात पर कांग्रेस के कार्यालय प्रभारी सचिव ललित तूनवाल ने वीरेंद्र राठौर को यह समझाने का प्रयास किया कि लगातार राजस्थान में नियुक्तियों का दौर चल रहा है और करीब 2000 मंडल अध्यक्ष के साथ ही 13 जिलाध्यक्ष, ज्यादातर ब्लॉक अध्यक्ष और बाकी के संगठन में नियुक्तियां कर दी गई है. इसके बावजूद वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने उनकी बात को अनसुना करते हुए कह दिया कि वह इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष से बात करेंगे.

वीरेंद्र राठौड़ ने अपनी ही पार्टी पर कसा तंज

जयपुर. अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए आरक्षित 59 विधानसभा सीटों और छह लोकसभा सीटों में लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन के तहत बुधवार को सभी वर्तमान और निवर्तमान जिला अध्यक्षों को जयपुर बुलाया गया. बैठक में एआईसीसी के SC-ST विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक के राजू, अनुसूचित जाति के चेयरमैन राजेश लिलोठिया, आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवाजीराव के साथ ही राजस्थान के दोनों सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौड़ और अमृता धवन भी मौजूद रहे.

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3 साल से निर्वतमान अध्यक्ष रूप में कर रहे हैं कामः यह बैठक तो एससी एसटी सीटों पर नए नेता तैयार कैसे किए जाएं इसे लेकर थी. बावजूद इसके इस बैठक में अन्य मुद्दे भी उठे. बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे निवर्तमान जिला अध्यक्षों ने इस बात की शिकायत रख दी कि बीते करीब 3 साल से वह निवर्तमान अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. अब राजस्थान में चुनाव सर पर हैं, न तो हमारा कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है और न ही हमें कार्यमुक्त कर दूसरी जिम्मेदारी दी जा रही है. ऐसे में राजस्थान के सभी निवर्तमान जिला अध्यक्ष कंफ्यूज है और संगठन का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. यह सुनकर राजस्थान के सहप्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर नाराज हो गए और उन्होंने अब तक संगठन में नियुक्तियां नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए, यहां तक कह दिया की चलाने के लिए बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कार हो और उसे चलाने के लिए ड्राइवर न हो तो फिर बीएमडब्ल्यू का क्या फायदा?

ललित तूनवाल ने राठौड़ को समझाने का किया प्रयासः राठौड़ का साफ तौर पर कहना था कि जब राजस्थान में सरकार कांग्रेस की है और अब चुनाव है तो, चुनाव में जब संगठन ही नहीं है तो कांग्रेस पार्टी की सरकार होने का फायदा कैसे मिलेगा. जब इस बात पर कांग्रेस के कार्यालय प्रभारी सचिव ललित तूनवाल ने वीरेंद्र राठौर को यह समझाने का प्रयास किया कि लगातार राजस्थान में नियुक्तियों का दौर चल रहा है और करीब 2000 मंडल अध्यक्ष के साथ ही 13 जिलाध्यक्ष, ज्यादातर ब्लॉक अध्यक्ष और बाकी के संगठन में नियुक्तियां कर दी गई है. इसके बावजूद वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने उनकी बात को अनसुना करते हुए कह दिया कि वह इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष से बात करेंगे.

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