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सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, किसानों के मुआवजे का नया नियम खत्म करने की मांग

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Published : Apr 6, 2023, 9:48 PM IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों को मिलने वाले मुआवजे के लिए नए नियमों को समाप्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि SDRF सहायता का पीएम फसल बीमा योजना में समायोजन समाप्त कर देना चाहिए.

jaipur cm ashok gehlot wrote a letter to PM Modi
सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

जयपुर. एसडीआरएफ सहायता का पीएम फसल बीमा योजना में समायोजन होने के चलते किसानों को आर्थिक लाभ मिलने में देरी हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर SDRF सहायता का पीएम फसल बीमा योजना में समायोजन को समाप्त करने की मांग की है. सीएम गहलोत के गुरुवार को लिखे पत्र में कहा गया है कि नए नियम से किसानों को समय पर सहायता न मिलने से एसडीआरएफ का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पा रहा है. इसके साथ गहलोत ने प्राकृतिक आपदा में किसानों को मात्र 2 हेक्टेयर तक की भरपाई का नियम बदलकर इसकी सीमा को बढ़ाने की भी मांग की है.

ये भी पढ़ेंः Rajasthan Assembly: प्रदेश में फसल खराबे पर विधानसभा में हंगामा, सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने किया वॉकआउट

नए नियम बन रहे बाधाः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में किसानों को मुआवजा देने में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2022 में जारी किये गए नए नियमों से मुआवजे की प्रक्रिया और जटिल हो गई है. प्राकृतिक आपदा में किसानों को आसान और सरल प्रक्रिया से जल्द लाभ मिले, इस तरह के नियम होने चाहिए, न कि ऐसे नियम जिससे कि किसानों को और ज्यादा परेशानी उठानी पड़े. उन्होंने कहा कि जो पहले के नियम थे उनके तहत किसानों को आसानी से आर्थिक सहायता दी जा रही थी. समायोजन के नियमों में हुए बदलाव से अब किसानों को समय पर राहत नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार को चाहिए कि किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में संवेदनशीलता दिखाए और एसडीआरएफ से किसानों को फसल खराबे के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिलने वाली राशि के साथ समायोजन को समाप्त करे.

ये भी पढ़ेंः भारी बारिश से खराब हुए फसलों को लेकर सीएम गहलोत ने दिए सर्वे के आदेश

2 हेक्टेयर की सीमा को बढ़ाया जाएः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पत्र में फसल खराबे से मिलने वाली राहत को मात्र 2 हेक्टेयर जोत तक सीमित किए जाने पर भी आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि राजस्थान विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में किसानों की औसत जोत का आकार इससे बड़ा है. फसल खराबे उचित मुआवजा इस नियम के कारण नहीं मिल पा रहा है. गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि किसानों को वार्षिक नुकसान के आधार पर NDRF और SDRF में सहायता देने के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा में वृद्धि की जानी चाहिए.

प्रदेश में लगातार बारिशः बता दें कि राजस्थान में पिछले 1 महीने में कई बार अलग-अलग जिलों में लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई है. जिससे किसानों की खेतों में खड़ी फसल चौपट हो गई है. राजस्थान के करीब दो दर्जन से ज्यादा जिलों में किसानों की फसल खराबा हुआ है. हालांकि प्रदेश की गहलोत सरकार ने फसल खराबे की गिरदावरी कराकर जल्द मुआवजा देने के निर्देश दिए हुए हैं. केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नए नियमों की वजह से किसानों को फसल का मुआवजा मिलने में देरी हो रही है.

जयपुर. एसडीआरएफ सहायता का पीएम फसल बीमा योजना में समायोजन होने के चलते किसानों को आर्थिक लाभ मिलने में देरी हो रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर SDRF सहायता का पीएम फसल बीमा योजना में समायोजन को समाप्त करने की मांग की है. सीएम गहलोत के गुरुवार को लिखे पत्र में कहा गया है कि नए नियम से किसानों को समय पर सहायता न मिलने से एसडीआरएफ का उद्देश्य ही पूरा नहीं हो पा रहा है. इसके साथ गहलोत ने प्राकृतिक आपदा में किसानों को मात्र 2 हेक्टेयर तक की भरपाई का नियम बदलकर इसकी सीमा को बढ़ाने की भी मांग की है.

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नए नियम बन रहे बाधाः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में किसानों को मुआवजा देने में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2022 में जारी किये गए नए नियमों से मुआवजे की प्रक्रिया और जटिल हो गई है. प्राकृतिक आपदा में किसानों को आसान और सरल प्रक्रिया से जल्द लाभ मिले, इस तरह के नियम होने चाहिए, न कि ऐसे नियम जिससे कि किसानों को और ज्यादा परेशानी उठानी पड़े. उन्होंने कहा कि जो पहले के नियम थे उनके तहत किसानों को आसानी से आर्थिक सहायता दी जा रही थी. समायोजन के नियमों में हुए बदलाव से अब किसानों को समय पर राहत नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार को चाहिए कि किसानों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में संवेदनशीलता दिखाए और एसडीआरएफ से किसानों को फसल खराबे के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिलने वाली राशि के साथ समायोजन को समाप्त करे.

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2 हेक्टेयर की सीमा को बढ़ाया जाएः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पत्र में फसल खराबे से मिलने वाली राहत को मात्र 2 हेक्टेयर जोत तक सीमित किए जाने पर भी आपत्ति दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि राजस्थान विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में किसानों की औसत जोत का आकार इससे बड़ा है. फसल खराबे उचित मुआवजा इस नियम के कारण नहीं मिल पा रहा है. गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि किसानों को वार्षिक नुकसान के आधार पर NDRF और SDRF में सहायता देने के लिए 2 हेक्टेयर की सीमा में वृद्धि की जानी चाहिए.

प्रदेश में लगातार बारिशः बता दें कि राजस्थान में पिछले 1 महीने में कई बार अलग-अलग जिलों में लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई है. जिससे किसानों की खेतों में खड़ी फसल चौपट हो गई है. राजस्थान के करीब दो दर्जन से ज्यादा जिलों में किसानों की फसल खराबा हुआ है. हालांकि प्रदेश की गहलोत सरकार ने फसल खराबे की गिरदावरी कराकर जल्द मुआवजा देने के निर्देश दिए हुए हैं. केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए नए नियमों की वजह से किसानों को फसल का मुआवजा मिलने में देरी हो रही है.

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