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Jaipur Businessman Duped: दुबई में दी नौकरी मिला धोखा, जालसाज पिता-पुत्र ने किया 6.50 करोड़ का गबन - फ्रॉड पिता पुत्र ने लगाया साढ़े छह करोड़ का चूना

राजधानी के वैशाली नगर थाने में मंगलवार रात कारोबारी महेन्द्र कुमार ने जालसाज पिता पुत्र समेत 4 के खिलाफ मामला दर्ज कराया है (Jaipur Businessman Duped). कुमार का दुबई में कारोबार है और भरोसे पर फ्रॉड पिता पुत्र को काम पर रखा था.

Jaipur Businessman Duped
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Published : Jan 18, 2023, 3:47 PM IST

जयपुर. परिवादी ने अपनी माटी का समझकर जिन लोगों को नौकरी पर रखा उन्होंने ही एक साल में 6.50 करोड़ रुपयों का झोल कर दिया. कारोबारी ने पूरे साल कैश स्टेटमेंट और लेजर चैक नहीं किए क्योंकि उसे काम पर रखे दोनों व्यक्तियों पर भरोसा था (Jaipur Businessman Duped). दिसम्बर माह के अंत में जब अकाउंट्स और लेजर में गडबड़ मिली तो कारोबारी के होश उड़ गए. तब तक दोनों जालसाज करोड़ों रुपए का गबन करके वापस भारत लौट आए, जिसके बाद कारोबारी ने दुबई से भारत आकर वैशाली नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

मेहनत के बल पर बनाया मुकाम- प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि कारोबारी महेन्द्र कुमार दुबई में कारोबार करते हैं, जो मूल रूप से वैशाली नगर स्थित नेमी सागर काॅलोनी के रहने वाले हैं. महेंद्र साल 2005 में दुबई चले गए थे, वहां पर उन्होनें तीन कपंनियां खोली और बड़ा कारोबार जमाया. साल 2019 में जयपुर आए थे तो परिचितों से मिले.

परिचितों ने कराई फ्रॉड पिता पुत्र से मुलाकात- इस दौरान वाॅल सिटी जयपुर निवासी घनश्याम और रामलाल से भी मुलाकात हुई. इन दोनों ने मोहित नाम के एक युवक को नौकरी पर रखने की बात कही. दोनों परिचितों के कहने पर मोहित को नौकरी पर रख लिया गया. उसके बाद पिता जयपाल को भी नौकरी पर रख लिया गया. इन लोगों को साल 2019 में नौकरी पर रखा गया. मोहित ने मन लगाकर काम किया और कारोबारी महेन्द्र कुमार का भरोसा जीत लिया. सेल्स का काम देख रहे मोहित को जल्द ही खुश होकर कारोबारी ने कैश और लेजर के काम पर प्रमोट कर दिया.

पढ़ें- फर्जी कंपनी बना बैंकों को करोड़ों का फटका लगाने वाले दंपती गिरफ्तार, महंगी कारों और लग्जरी लाइफ जीने के हैं शौकीन

गबन कर लौटे वतन- कुछ महीने काम सीखने के बाद मोहित ने काम शुरु कर दिया. तीन साल काम करने के बाद मोहित पिछले साल दिसम्बर में अपने पिता के साथ जयपुर आ गया. उसने अपनी दादी की बीमारी का बहाना बनाया. पिता-पुत्र के जयपुर आने के बाद दुबई का वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर दिसम्बर महीने के अंत में जब महेन्द्र कुमार ने कैश और लेजर संभाला तो उनके होश उड़ गए. करीब तीन मिलियन दिरहाम जो कि साढ़े छह करोड़ भारतीय रुपए होते हैं, इतने रुपयों का मोहित ने फ्राॅड कर दिया.

जयपुर में मामला दर्ज- गबन की जानकारी लगते ही महेन्द्र फ्लाईट लेकर सीधे जयपुर आ गए. उसके बाद अपने परिचित रामलाल और घनश्याम को बुलाया. इनके ही कहने पर मोहित को नौकरी पर रखा गया था. इन लोगों ने मोहित के पिता जयपाल से बात की तो पता चला की करीब दो करोड़ रुपए मोहित के पास हैं और बाकी के करीब साढ़े चार करोड़ रुपए मोहित ने बिटकाॅयन में लगा दिए हैं. पहले तो पिता-पुत्र सारी राशि लौटाने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगने लगे. बाद में राशि लौटाने से साफ इंकार कर दिया. तब जाकर पीड़ित कारोबारी ने पिता-पुत्र समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद ठगी का केस दर्ज कराया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है और फरार चल रहे पिता-पुत्र की तलाश की जा रही है.

जयपुर. परिवादी ने अपनी माटी का समझकर जिन लोगों को नौकरी पर रखा उन्होंने ही एक साल में 6.50 करोड़ रुपयों का झोल कर दिया. कारोबारी ने पूरे साल कैश स्टेटमेंट और लेजर चैक नहीं किए क्योंकि उसे काम पर रखे दोनों व्यक्तियों पर भरोसा था (Jaipur Businessman Duped). दिसम्बर माह के अंत में जब अकाउंट्स और लेजर में गडबड़ मिली तो कारोबारी के होश उड़ गए. तब तक दोनों जालसाज करोड़ों रुपए का गबन करके वापस भारत लौट आए, जिसके बाद कारोबारी ने दुबई से भारत आकर वैशाली नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है.

मेहनत के बल पर बनाया मुकाम- प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि कारोबारी महेन्द्र कुमार दुबई में कारोबार करते हैं, जो मूल रूप से वैशाली नगर स्थित नेमी सागर काॅलोनी के रहने वाले हैं. महेंद्र साल 2005 में दुबई चले गए थे, वहां पर उन्होनें तीन कपंनियां खोली और बड़ा कारोबार जमाया. साल 2019 में जयपुर आए थे तो परिचितों से मिले.

परिचितों ने कराई फ्रॉड पिता पुत्र से मुलाकात- इस दौरान वाॅल सिटी जयपुर निवासी घनश्याम और रामलाल से भी मुलाकात हुई. इन दोनों ने मोहित नाम के एक युवक को नौकरी पर रखने की बात कही. दोनों परिचितों के कहने पर मोहित को नौकरी पर रख लिया गया. उसके बाद पिता जयपाल को भी नौकरी पर रख लिया गया. इन लोगों को साल 2019 में नौकरी पर रखा गया. मोहित ने मन लगाकर काम किया और कारोबारी महेन्द्र कुमार का भरोसा जीत लिया. सेल्स का काम देख रहे मोहित को जल्द ही खुश होकर कारोबारी ने कैश और लेजर के काम पर प्रमोट कर दिया.

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गबन कर लौटे वतन- कुछ महीने काम सीखने के बाद मोहित ने काम शुरु कर दिया. तीन साल काम करने के बाद मोहित पिछले साल दिसम्बर में अपने पिता के साथ जयपुर आ गया. उसने अपनी दादी की बीमारी का बहाना बनाया. पिता-पुत्र के जयपुर आने के बाद दुबई का वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर दिसम्बर महीने के अंत में जब महेन्द्र कुमार ने कैश और लेजर संभाला तो उनके होश उड़ गए. करीब तीन मिलियन दिरहाम जो कि साढ़े छह करोड़ भारतीय रुपए होते हैं, इतने रुपयों का मोहित ने फ्राॅड कर दिया.

जयपुर में मामला दर्ज- गबन की जानकारी लगते ही महेन्द्र फ्लाईट लेकर सीधे जयपुर आ गए. उसके बाद अपने परिचित रामलाल और घनश्याम को बुलाया. इनके ही कहने पर मोहित को नौकरी पर रखा गया था. इन लोगों ने मोहित के पिता जयपाल से बात की तो पता चला की करीब दो करोड़ रुपए मोहित के पास हैं और बाकी के करीब साढ़े चार करोड़ रुपए मोहित ने बिटकाॅयन में लगा दिए हैं. पहले तो पिता-पुत्र सारी राशि लौटाने के लिए कुछ समय की मोहलत मांगने लगे. बाद में राशि लौटाने से साफ इंकार कर दिया. तब जाकर पीड़ित कारोबारी ने पिता-पुत्र समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद ठगी का केस दर्ज कराया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है और फरार चल रहे पिता-पुत्र की तलाश की जा रही है.

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