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Armed Forces Tribunal : शौर्य चक्र विजेता की विधवा को LPF देने पर पुनर्विचार करे रक्षा मंत्रालय - Rajasthan Hindi news

सशस्त्र सेना न्यायाधिकरण ने मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता नौ सैन्य कर्मी की विधवा को लिबराइज्ड फैमिली पेंशन देने के लिए रक्षा मंत्रालय के को पुनर्विचार करने को कहा है.

LFP to Shaurya Chakra Awardee widow
LFP to Shaurya Chakra Awardee widow
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 5, 2023, 8:32 PM IST

जयपुर. सशस्त्र सेना न्यायाधिकरण ने मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता नौ सैन्य कर्मी की विधवा को लिबराइज्ड फैमिली पेंशन देने के लिए रक्षा मंत्रालय को 3 फरवरी, 2021 के तहत 6 माह में पुनर्विचार करने को कहा है. न्यायाधिकरण ने यह आदेश मीना यादव की अपील पर दिए.

न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी गोवर्धन बाढदार और संजीव मित्तल ने अपने आदेश में कहा कि वर्ष 1996 में आईएनएस सावित्री पर ड्यूटी के दौरान अपीलार्थी के पति की मौत हुई थी. भले ही यह घटना दुश्मन से सामना करने के दौरान नहीं हुई हो, लेकिन उन्हें इस श्रेणी में ही रखा गया है. राष्ट्रपति ने मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा था. याचिका में अधिवक्ता रामेश्वर लाल ने न्यायाधिकरण को बताया कि अपीलार्थी के पति महिपाल यादव वर्ष 1984 में भारतीय नौसेना में नियुक्त हुए थे. जुलाई 1996 में आईएनएस सावित्री पर ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई थी. उन्हें युद्ध शहीद मानते हुए वर्ष 1997 में मरणोपरांत शौर्य चक्र भी दिया गया और स्पेशल फैमिली पेंशन भी जारी कर दी गई.

पढ़ें. Rajasthan Highcourt : विवाहित पुत्री से ज्यादा विधवा पुत्रवधू अनुकम्पा नियुक्ति की हकदार, कोर्ट ने दिए ये आदेश

अपील में कहा गया कि अपीलार्थी लिबराइज्ड फैमिली पेंशन की हकदार है. नेवी ने उन्हें एलएफपी देने की सिफारिश की, लेकिन नेवल पेंशन ऑफिसर ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि स्पेशल फैमिली पेंशन और लिबराइज्ड फैमिली पेंशन के मापदंड अलग-अलग हैं. वहीं मार्च, 2020 में अपीलार्थी के आवेदन को खारिज कर दिया गया. इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने 6 माह में अपीलार्थी को लिबराइज्ड फैमिली पेंशन देने के लिए पुनर्विचार करने को कहा है.

जयपुर. सशस्त्र सेना न्यायाधिकरण ने मरणोपरांत शौर्य चक्र विजेता नौ सैन्य कर्मी की विधवा को लिबराइज्ड फैमिली पेंशन देने के लिए रक्षा मंत्रालय को 3 फरवरी, 2021 के तहत 6 माह में पुनर्विचार करने को कहा है. न्यायाधिकरण ने यह आदेश मीना यादव की अपील पर दिए.

न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी गोवर्धन बाढदार और संजीव मित्तल ने अपने आदेश में कहा कि वर्ष 1996 में आईएनएस सावित्री पर ड्यूटी के दौरान अपीलार्थी के पति की मौत हुई थी. भले ही यह घटना दुश्मन से सामना करने के दौरान नहीं हुई हो, लेकिन उन्हें इस श्रेणी में ही रखा गया है. राष्ट्रपति ने मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा था. याचिका में अधिवक्ता रामेश्वर लाल ने न्यायाधिकरण को बताया कि अपीलार्थी के पति महिपाल यादव वर्ष 1984 में भारतीय नौसेना में नियुक्त हुए थे. जुलाई 1996 में आईएनएस सावित्री पर ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई थी. उन्हें युद्ध शहीद मानते हुए वर्ष 1997 में मरणोपरांत शौर्य चक्र भी दिया गया और स्पेशल फैमिली पेंशन भी जारी कर दी गई.

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अपील में कहा गया कि अपीलार्थी लिबराइज्ड फैमिली पेंशन की हकदार है. नेवी ने उन्हें एलएफपी देने की सिफारिश की, लेकिन नेवल पेंशन ऑफिसर ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि स्पेशल फैमिली पेंशन और लिबराइज्ड फैमिली पेंशन के मापदंड अलग-अलग हैं. वहीं मार्च, 2020 में अपीलार्थी के आवेदन को खारिज कर दिया गया. इस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने 6 माह में अपीलार्थी को लिबराइज्ड फैमिली पेंशन देने के लिए पुनर्विचार करने को कहा है.

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