जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने परिचालक से रिश्वत मांगने के 15 साल पुराने मामले में तत्कालीन परिवहन निरीक्षक दिनेश मुद्गल को दो साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने प्रकरण में जब्त 10 हजार रुपये राजकोष में जमा कराने को कहा है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 11 दिसंबर 2007 को परिवादी छोगालाल ने एसीबी डीआई के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि वह झालाना डूंगरी आगार में परिचालक है. पिछले 9 माह से वहां तैनात परिवहन निरीक्षक अभियुक्त उससे मासिक बंधी मांगता है और रिश्वत नहीं देने पर सेवा पुस्तिका में रिमार्क लगाने की धमकी देता है.
वहीं, अब वह दस हजार रुपये रिश्वत और मांग रहा है. उसे डर है कि अभियुक्त उसे नौकरी से बाहर नहीं निकलवा दे. एसीबी ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 13 दिसंबर को अभियुक्त के बेटे व अन्य अन्य को परिवादी से 10 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा जांच में पता चला कि उन्होंने अभियुक्त के कहने पर ही परिवादी से रिश्वत राशि ली थी. इस पर एसीबी ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.
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मादक पदार्थ रखने वाली महिला तस्कर को कारावास : एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत महानगर प्रथम ने मादक पदार्थ रखने वाली महिला तस्कर निंबुडी देवी को दो साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने पचास वर्षीय इस महिला पर बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को सजा के तौर पर दो माह अतिरिक्त भुगतने होंगे. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक उमाशंकर खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि 28 अगस्त 2019 को गलता गेट थाना पुलिस दिल्ली रोड पर गश्त कर रही थी.
दोपहर करीब तीन बजे पुलिस वाहन का टायर पंचर होने पर पुलिसकर्मी पैदल गश्त करते हुए आरएसी कट पर पहुंचे. पुलिस को देखकर यहां एक महिला के साथ खड़े करीब आधा दर्जन लड़के भाग गए और महिला भी तेज कदमों से वहां से जाने लगी. इस पर पुलिस ने उसके पकड़ लिया और उसकी तलाशी ली. तलाशी के दौरान महिला के पास मौजूद प्लास्टिक के कट्टे में एक किलोग्राम गांजा और 16 हजार रुपये बरामद हुए. महिला ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके पास गांजा रखने का लाइसेंस नहीं है और बरामद धनराशि उसे गांजा बेचने से मिली है. इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.