जयपुर. विभिन्न मांगों को लेकर 13 जनवरी से अनशन कर रहे जेल प्रहरियों और सीएम गहलोत के बीच बुधवार देर रात वार्ता हुई. इसमें सीएम ने जेल प्रहरियों के प्रतिनिधिमंडल को जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार करने के लिए आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगले महीने राजस्थान के बजट के दौरान वे जेल कार्मिकों को खुश कर देंगे. इन्हीं सकारात्मक बातचीत के बाद जेल प्रहरियों ने अब सात दिन से चल रही भूख हड़ताल समाप्त कर दी (Jail Guards Hunger Strike End) है. आज से जेलों की मैस में फिर से खाना बनने लगा है.
13 जनवरी से चल रहा था मेस का बहिष्कार: राजस्थान की 130 से भी ज्यादा जेलों में काम करने वाले जेल कार्मिकों ने 13 जनवरी से मेस का बहिष्कार कर दिया था. वे साल 1999 से चली आ रही वेतन विसंगति का अंत करने की मांग कर रहे हैं. जेल कार्मिकों का कहना है कि वह लंबे समय से पुलिस के समान वेतन मान की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस पर सहमति नहीं बनी है. अब सरकार से उम्मीद है.
यह है जेल प्रहरियों की मांग: चौथे वेतन आयोग तक जेल प्रहरियों का वेतन राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल के बराबर ही था, लेकिन 5वें वेतन आयोग से अब तक उनका वेतनमान महज 1,900 की श्रंखला में ही है. साल 2017 से जेल प्रहरी अपने वेतन की विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं. 2017 में जब जेल प्रहरियों ने मेस का बहिष्कार किया था. उस वक्त जेल प्रशासन और सरकार ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही उनके वेतन की विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है.
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चार सौ जेल प्रहरी अस्पताल में भर्ती: जेल प्रहरियों का कहना है कि वह जेल के अंदर रहकर खूंखार मुजरिमों के बीच ड्यूटी करते हैं और आरएसी के जवान जेल के बाहर सुरक्षा में तैनात रहते हैं. उसके बावजूद दोनों के वेतनमान में काफी अंतर है. साल 2017 में सरकार की ओर से जो समझौता किया गया था उसमें जेल प्रहरियों का ग्रेड-पे आरएसी जवानों के बराबर करने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं किया गया है. जेल में मेस का बहिष्कार करने और अन्न त्याग करने के बाद कई जेल प्रहरियों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका हैं.