बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्र में कार्तिक मास का बड़ा महत्व है और कार्तिक मास की पूर्णिमा को विशेष माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्थान करने से पुण्य फल प्राप्त होता है. प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास कहते हैं कि धर्म शास्त्र अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी माना जाता है. इस दिन कुछ कार्यों की मनाही होती है.
देव दीपावली भी कहते : कार्तिक पूर्णिमा का दिन स्नान-दान के कार्यों के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं और अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करके देवों को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी. इस खुशी में देवताओं ने दीप जलाए थे. कार्तिक पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी-नारायण और शिवजी की पूजा के साथ कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी माना जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें ये काम :-
- कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदीं में स्नान करना चाहिए.
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री हरि विष्णु और मां महालक्ष्मी की पूजा करें.
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी में दीपदान करें. संभव न हो, तो मंदिर में दीपदान करें.
- इस दिन विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रेदव को पानी में कच्चा दूध मिलाकर अर्घ्य देना शुभ माना जाता है.
- इस दिन गौ दान करना भी पुण्य फलदायी माना गया है.
- इस शुभ दिन पर अन्न,गुड़ और कपड़े का दान कर सकते हैं.
ना करें ये काम : कार्तिक पूर्णिमा के दिन चांदी का बर्तन या दूध दान नहीं करना चाहिए. इस शुभ दिन पर कमरे में अंधेरा नहीं रखना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन के सेवन करने की मनाही होती है. इस महापर्व पर बड़े-बुजुर्गों का अपमान करने से बचना चाहिए और न ही अपशब्दों को इस्तेमाल करना चाहिए. इस दिन गरीब,असहाय और जरुरतमंदों को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए. अपने क्षमतानुसार अन्न-धन का दान करना शुभ होता है.