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नेता बनने के लिए छोड़ी IPS की नौकरी...ना टिकट मिला और ना अब बन पाएंगे DGP

नेता बनने की चाहत में आईपीएस महेंद्र चौधरी ने अपनी नौकरी दांव पर लगा दी. बाजवजूद उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे में अब डीजीपी बनने का मौका भी हाथ से चला गया. ये पहली बार नहीं जब कोई अधिकारी टिकट के लिए अपनी नौकरी छोड़ी हो. इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में दो IPS अधिकारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी.

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Published : Apr 6, 2019, 8:14 PM IST

नेता बनने के लिए छोड़ी IPS की नौकरी.

जयपुर. नेता बनने की चाहत में आईपीएस महेंद्र चौधरी ने अपनी नौकरी दांव पर लगा दी. बाजवजूद उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे में अब डीजीपी बनने का मौका भी हाथ से चला गया. ये पहली बार नहीं जब कोई अधिकारी टिकट के लिए अपनी नौकरी छोड़ी हो. इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में दो IPS अधिकारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी.

बता दें, पुलिस मुख्यालय में पदस्थ आईजी सीआईडी क्राइम ब्रांच महेंद्र चौधरी ने वीआरएस के लिए 14 मार्च को आवेदन किया था. आदेश में चौधरी को लिखित में भारतीय सेवा प्रावधानों के अनुसार नोटिस की अवधि में शीतलता प्रदान करते हुए 31 मार्च को वीआरएस दे दिया गया.

नेता बनने के लिए छोड़ी IPS की नौकरी.

दरअसल, ये पहला मौका नहीं है जब कोई आईएएस या आईपीएस अफसर ने टिकट मिलने की आस में अपनी नौकरी से वीआरएस लिया हो. पिछले विधानसभा चुनाव में आईपीएस हरिप्रसाद और मदन मेघवाल ने भी ऐसा ही किया था. लेकिन, किसी भी राजनीतिक दल इन को टिकट नहीं दिया. इन दोनों अफसरों ने टिकट मिलने की आस में वीआरएस लिया था.

हालांकि, मदन मेघवाल इस मामले में ज्यादा भाग्यशाली रहे. क्योंकि कांग्रेस की तरफ से इस बार बीकानेर सीट से अर्जुन राम मेघवाल के सामने उन्हें मैदान में उतारा गया है. इसी तरह विधानसभा चुनाव के दौरान आईएएस ओम प्रकाश सैनी को भाजपा ने टिकट दिया. लेकिन, वो जीतने में नाकाम रहे.

ऐसे में बहुजन समाज पार्टी ने इस बार चुनाव में अफसरों पर दांव खेला है. सेवा से बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी को बाड़मेर से अपना प्रत्याशी बनाया है. तो जयपुर शहर से रिटायर्ड आईएएस उमराव सालोदिया को अपना प्रत्याशी बनाया.

जयपुर. नेता बनने की चाहत में आईपीएस महेंद्र चौधरी ने अपनी नौकरी दांव पर लगा दी. बाजवजूद उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे में अब डीजीपी बनने का मौका भी हाथ से चला गया. ये पहली बार नहीं जब कोई अधिकारी टिकट के लिए अपनी नौकरी छोड़ी हो. इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में दो IPS अधिकारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी.

बता दें, पुलिस मुख्यालय में पदस्थ आईजी सीआईडी क्राइम ब्रांच महेंद्र चौधरी ने वीआरएस के लिए 14 मार्च को आवेदन किया था. आदेश में चौधरी को लिखित में भारतीय सेवा प्रावधानों के अनुसार नोटिस की अवधि में शीतलता प्रदान करते हुए 31 मार्च को वीआरएस दे दिया गया.

नेता बनने के लिए छोड़ी IPS की नौकरी.

दरअसल, ये पहला मौका नहीं है जब कोई आईएएस या आईपीएस अफसर ने टिकट मिलने की आस में अपनी नौकरी से वीआरएस लिया हो. पिछले विधानसभा चुनाव में आईपीएस हरिप्रसाद और मदन मेघवाल ने भी ऐसा ही किया था. लेकिन, किसी भी राजनीतिक दल इन को टिकट नहीं दिया. इन दोनों अफसरों ने टिकट मिलने की आस में वीआरएस लिया था.

हालांकि, मदन मेघवाल इस मामले में ज्यादा भाग्यशाली रहे. क्योंकि कांग्रेस की तरफ से इस बार बीकानेर सीट से अर्जुन राम मेघवाल के सामने उन्हें मैदान में उतारा गया है. इसी तरह विधानसभा चुनाव के दौरान आईएएस ओम प्रकाश सैनी को भाजपा ने टिकट दिया. लेकिन, वो जीतने में नाकाम रहे.

ऐसे में बहुजन समाज पार्टी ने इस बार चुनाव में अफसरों पर दांव खेला है. सेवा से बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी को बाड़मेर से अपना प्रत्याशी बनाया है. तो जयपुर शहर से रिटायर्ड आईएएस उमराव सालोदिया को अपना प्रत्याशी बनाया.

Intro:टिकट की चाह में नोकरी छोड़ी , लेकिन नही मिला टिकट

एंकर:- चुनाव के चक्कर में आईपीएस महेंद्र चौधरी ने अपनी नौकरी दाव पर लगा दे टिकट तो मिला नहीं , लेकिन अब डीजीपी बनने का मौका भी हाथ से चला गया , हालांकि ऐसी टिकट की फेरे में गत विधानसभा चुनाव में 2 आईपीएस ने भी अपनी नौकरी खो दी थी , पुलिस मुख्यालय में पदस्थ आईजी सीआईडी क्राइम ब्रांच महेंद्र चौधरी ने वीआरएस के लिए 14 मार्च को उचित माध्यम से आवेदन किया था , आदेश में चौधरी को लिखित में भारतीय सेवा प्रावधानों के अनुसार नोटिस की अवधि में शीतलता प्रदान करते हुए गत 31 मार्च को वीआरएस पदे दिया गया , यह पहला मौका नहीं है जब आईएएस या आईपीएस अफसर ने टिकट मिलने की आस में अपनी नौकरी वीआरएस लिया , गत विधानसभा चुनाव में आईपीएस हरिप्रसाद और मदन मेघवाल ने भी किया था लेकिन किसी भी राजनीतिक दल इन को टिकट नहीं दिया , इन दोनों अफसरों ने टिकट मिलने की आस में वीआरएस लिया था लेकिन मदन मेघवाल इस मामले में ज्यादा भाग्यशाली कांग्रेसी विधानसभा चुनाव के लिए इस बार बीकानेर से टिकट दिया , लोकसभा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को चुनौती दे रहे हैं , इसी प्रकार विधानसभा चुनाव के दौरान आईएएस ओम प्रकाश सैनी को भाजपा चुनाव पार्टी से चुनाव लड़ा लेकिन वो जीतने में नाकाम रहे , बहुजन समाज पार्टी ने इस बार चुनाव में अफसरों पर दांव खेला है , सेवा से बर्खास्त आईपीएस पंकज चौधरी को बाड़मेर से अपना प्रत्याशी बनाया है , तो जयपुर शहर से रिटायर्ड आईएएस उमराव सालोदिया को अपना प्रत्याशी बनाया


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