जयपुर. मोबाइल चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का जयपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया है. राजधानी जयपुर की करणी विहार थाना पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना सहित चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके कब्जे से अलग-अलग ब्रांड के 51 मोबाइल बरामद हुए हैं जिनकी बाजार में कीमत करीब दस लाख रुपए है.
डीसीपी (पश्चिम) वंदिता राणा ने बताया कि मोबाइल चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए करणी विहार थानाधिकारी लिखमाराम के नेतृत्व में टीम बनाई गई. इस टीम ने भीड़भाड़ वाले इलाकों, हाट बाजार और सब्जी मंडी में सतत निगरानी की. गांधी पथ, लालरपुरा रोड पर कुछ संदिग्ध लोगों की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और वहां खड़े बादल कुमार, दीपक महतो, सन्नी कुमार और कृष्ण कुमार महतो को दबोच लिया. पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ की तो उनके पास से चुराए गए अलग-अलग ब्रांड के 51 मोबाइल बरामद हुए. प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने ये मोबाइल जयपुर से चुराए हैं. पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है.
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झारखंड और बांग्लादेश बॉर्डर पर बेचते हैं मोबाइल
इन चारों बदमाशों से पूछताछ में सामने आया है कि कृष्ण कुमार महतो तीन साल से अपने गिरोह के बदमाशों के साथ मिलकर अलग-अलग शहरों में मोबाइल चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है. चुराए गए मोबाइल को झारखंड और बांग्लादेश बॉर्डर पर बेचने की बात भी उसने कबूल की है. मोबाइल बेचकर जो रुपए मिलते उससे ये बदमाश शराब पार्टी और मौज-मस्ती करते.
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चारों बदमाश एक ही गांव के, जयपुर में भी साथ रहते
पुलिस की गिरफ्त में आए चारों बदमाश झारखंड में साहेबगंज जिले के नया टोला, महाराजपुर गांव के रहने वाले हैं. अभी जयपुर में झोटवाड़ा इलाके में बोरिंग चौराहे के पास कृष्णा नगर में किराए के मकान में रह रहे हैं. पूछताछ में इन्होंने बताया कि जिस शहर में वारदात करने जाते हैं. वहां ये किराए के मकान में रहते हैं और आसपास के लोगों को शक नहीं हो, इसलिए किराए का मकान बदलते रहते हैं.
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गिरोह के हर बदमाश का अलग-अलग काम
पुलिस ने बताया कि वारदात के समय हर बदमाश का अलग काम होता है. एक बदमाश आसपास के इलाकों में घूमकर वहां लगने वाले सब्जी बाजार, हाट बाजार और अन्य भीड़भाड़ वाली जगहों को चिह्नित करता. रेकी के दौरान आसानी से शिकार बनाए जा सकने वाले लोगों को भी चिह्नित किया जाता था. फिर लोगों को बातों में उलझाकर टारगेट का ध्यान बंटाता. उसका इशारा मिलते ही दूसरा बदमाश मोबाइल चुरा लेता और अपने तीसरे साथी को दे देता. वह दूर खड़े चौथे बदमाश को मोबाइल ले जाकर दे देता वह उसे अपने बैग में रख लेता. जब काफी मोबाइल इकठ्ठे हो जाते तो ये बदमाश उन्हें झारखंड और बांग्लादेश बॉर्डर के पास ले जाकर बेच देते.
पुलिस जुटी मोबाइल मालिकों की पहचान में
प्रारंभिक तौर पर पुलिस को जानकारी मिली है कि जो मोबाइल इन बदमाशों के पास मिले हैं. उनकी प्राथमिकी कालवाड़ और झोटवाड़ा थाने में दर्ज हैं. अब साइबर प्रकोष्ठ की मदद से इन मोबाइल के मालिकों की पहचान की जा रही है. इनसे पूछताछ में कई और मामलों का खुलासा होने की उम्मीद है.