जयपुर. निर्मला सेवानी 13 साल की उम्र से यज्ञ हवन और कर्मकांड में अनुष्ठान कर रही हैं. ज्योतिष विद्या से लेकर वास्तु शास्त्र और मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर खुद को स्थापित कर चुकी निर्मला सेवानी के लिए कैरियर के रूप में इस रास्ते का चुनाव आसान नहीं था. उन्होंने परिवार और रिश्तेदारों के बीच संघर्ष किया, तो समाज के लिए चुनौती भी पेश की. एक महिला पंडित के रूप में खुद को स्थापित कर चुकी निर्मला के लिए इसी वजह से नए विकल्प का चुनाव काफी मुश्किल था. वे करीब 40 साल से अपने चुने हुए रास्ते को कामयाबी की इबारत के रूप में दूसरी महिलाओं के लिए पेश कर रही हैं. इस महिला दिवस पर ईटीवी भारत निर्मला सेवानी से खास बातचीत की. चलिए जानते हैं उनके सफर के बारे में.
निर्मला सेवानी का दावा है कि वह आपके जीवन में आने वाले हर मुद्दे, समस्या या निहितार्थ को हल कर सकती हैं. वे जीवन से जुड़े मुद्दों पर विश्लेषण के बाद परामर्श भी उपलब्ध करवाती है. निर्मला सेवानी दावा करती है कि उनके पास आने वाले लोगों की समस्याओं में जीवन से जुड़ी चुनौतियां, जीवनसाथी के चुनाव, कारोबारी परेशानियां और अन्य मुद्दों पर बात होती है. वह बतौर महिला पंडित कुंडली मिलान, जन्म पत्रिका, लाल किताब दर्पण, वैदिक कुंडली, उपचारात्मक कुंडली, अंक ज्योतिष रिपोर्ट, वास्तु परामर्श, हथेली पढ़ना, भविष्य की क्वेरी संकल्प,
रत्न परामर्श जैसे विषयों में समाधान उपलब्ध करवाती हैं.
13 साल की उम्र में पहली भविष्यवाणी: निर्मला सेवानी ने अपनी पहली भविष्यवाणी 13 साल की उम्र में जयपुर में की थी. उन्होंने अपने 15 वर्षीय पड़ोसी से जो कुछ कहा था, वह एक हफ्ते बाद सच हो गया. हालांकि, बालिका के तौर पर अपनी समयपूर्व पूर्व भविष्यवाणी को लेकर उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने बताया कि जब परिजनों से उन्होंने अपनी इच्छा बताई, तो विरोध का सामना भी करना पड़ा. हालांकि, उन्हें पिता का सहयोग भी रहा. निर्मला बताती हैं कि साल 1994 में उन्होंने अपनी ही मित्र की शादी करवाई थी. दिल्ली में हुई इस शादी में महिला पंडित की मौजूदगी को लेकर लोगों में भारी उत्साह रहा. लेकिन जब जयपुर में उन्हें फेरे करवाने के लिए आमंत्रित किया गया, तो लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि अपने विरोधियों को उन्होंने खुली चेतावनी देते हुए आमंत्रित किया और कहा कि उनके अनुष्ठान में अगर त्रुटि निकाली जाएगी, तो वह सुधार के लिए तैयार है.
निर्मला अब तक 42 शादियां करवा चुकी हैं. उनकी ओर से साल 2018 में रामनवमी पर आयोजित विस्तार यज्ञ में 51 वेदियों पर करीब 700 लोगों ने आहुतियां दी थी. वे हर साल लगभग 200 हवन करवाती हैं. ज्योतिर्विद् और वास्तुविज्ञ निर्मला ने बताया कि उन्होंने 1989 में अपना औपचारिक अभ्यास शुरू किया और अब वह बहुत लोकप्रिय भविष्यवक्ता हैं. आज उनके साथ व्यापार और फिल्म जगत के साथ-साथ साहित्य राजनीति जैसे क्षेत्रों से लोग जुड़े हैं.
67 प्रकार के हवन में है महारत हासिल : निर्मला सेवानी बताती हैं कि अलग-अलग मंतव्य से जुड़े 67 प्रकार के हवन करवाने में उन्हें महारत हासिल है. वे अपने ध्यान के दम पर खुद के ज्ञान को बढ़ावा दे रही हैं. अक्सर वे 8 से 10 घंटे तक ध्यान करती है और नवरात्र में मौन रखती हैं. जिससे उनकी भविष्यवाणियों में सटीकता लाने के लिए ध्यान केंद्रित रहे.
बतौर महिला पंडित कार्य करने के बाद निर्मला सेवानी ने चाइनीस वास्तु शास्त्र की अवधारणाओं को भी चुनौती दी. उन्होंने कहा कि लाफिंग बुद्धा और विंड चाइम्स जैसे तथाकथित आकर्षण के लिए लोगों की अंधी स्वीकृति और सनक का उपहास करती है. चीनी लोगों द्वारा बांस की गोली को शुभ माना जा सकता है, लेकिन मैं स्वास्थ्य के लिए घर में एक कड़ी पत्ता के पेड़, धन के लिए हरसिंगार और मानसिक शांति के लिए मोगरा की उपस्थिति की सलाह दूंगी. उन्होंने कहा कि वेदों की पुनर्स्थापना होनी चाहिए, क्योंकि यजुर्वेद कहता है कि सृष्टि में 24 घंटे अनुष्ठान चलते हैं.