जयपुर. राजस्थान में अब कचरा मुक्त शहरों के लिए स्टार रेटिंग की जाएगी. स्वायत्त शासन विभाग ने स्थानीय निकायों को कचरा इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. स्टार रेटिंग में स्थानीय निकाय ये सुनिश्चित करेंगे कि हर घर से कचरा उठ रहा है या नहीं. कचरे का सेग्रीगेशन किया जा रहा है या नहीं. इस संबंध में डीएलबी की ओर से शुरुआत में प्रदेश के 8 निकायों को 3 स्टार रेटिंग के लिए अप्लाई करने के निर्देश दिए गए हैं. और सबसे ज्यादा अपेक्षा जयपुर नगर निगम से है.
भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से गार्बेज फ्री सिटीज स्टार रेटिंग दिए जाने की शुरुआत की जा रही है. ये स्टार रेटिंग स्वच्छ भारत मिशन का ही पार्ट है. जिसके तहत कचरा मुक्त शहरों को थ्री, फाइव और 7 स्टार रेटिंग दी जाएगी. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जयपुर नगर निगम, डूंगरपुर, चूरू, प्रतापगढ़ नगर परिषद, फुलेरा, झालरापाटन, लाडनूं और केशवरायपाटन नगर पालिका को थ्री स्टार रेटिंग के लिए आवेदन करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
ये भी पढ़ें: प्रदेश में निजी बस संचालक जाएंगे हड़ताल पर
स्वायत्त शासन विभाग के मुख्य अभियंता भूपेंद्र माथुर ने बताया कि जिस तरह से पहले खुले में शौच मुक्त को लेकर अभियान चलाया गया था, उसी तरह अब कचरा मुक्त को लेकर अभियान शुरू किया जा रहा है. जिसके तहत गार्बेज कलेक्शन और प्रोसेसिंग का सर्वे करने के बाद निकायों को रेटिंग दी जायेगी.
उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में एक भी ऐसा शहर नहीं है जो 3 स्टार रेटिंग हो. ऐसे में 8 यूएलबी को 1 महीने के अंदर 3 स्टार रेटिंग के लिए अप्लाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान उन्होंने ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग प्राप्त कर चुके जयपुर नगर निगम से अपेक्षा जताई.
स्वायत्त शासन विभाग की जयपुर नगर निगम से अपेक्षाएं तो हैं. लेकिन वर्तमान हालातों की अगर बात करें तो शहर में सैकड़ों सड़क कचरा डिपो मौजूद है, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पूरी तरह नहीं हो रहा. यहां तक की सेग्रीगेशन की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि अगले 1 महीने में क्या जयपुर नगर निगम इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर स्वायत्त शासन विभाग की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है.