जयपुर/दिल्ली. 'मिशन शाक्ति' के तहत बुधवार को भारत ने लाइव सैटेलाइट को मिसाइल के जारिए मार गिराया था. जिसके बाद अमरीकी राज्य विभाग ने बयान जारी करभारत के उपग्रह रोधी परीक्षण की घोषणा पर कहा है कि भारत के साथ हमारी मजबूत रणनीतिक साझेदारी है. हम अंतरिक्ष में साझा हितों और सुरक्षा सहयोग को जारी रखेंगे. साथ ही भारत के साथ मिलकर वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग में बढ़ावा भी देंगे.
अमरीकी विदेश विभाग ने कहा कि अंतरिक्ष में मलबे का मुद्दाचिंता का विषय बनता जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की ओर से किया गया, यह परीक्षण अंतरिक्ष मलबे के मुद्दों को हल करने के लिए डिजाइन किया गया था. वहीं अंतरिक्ष और सुरक्षा में सहयोग सहित, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए आपसी तालमेल जारी रहेगा.
बता दें कि भारत के इस परीक्षण का अमरीका को तुरंत पता लग गया था.जब प्रक्षेपण का पता चला, तबअमरीकी अंतरिक्ष कमान ने उपग्रह ऑपरेटरों को सूचित करना शुरू कर दिया. अमरीकी सेना के सैटेलाइट चेतावनी और निगरानी नेटवर्क पर बुधवार को भारत के मिसाइल प्रक्षेपण का पता लग गया था.
एयर फोर्स स्पेस कमांड के वाइस कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डेविड डी थॉम्पसन ने कहा, "हम भारत के परीक्षण से अवगत थे. स्पेस में मिसाइल लॉन्च होने के बाद हमने तुरंत उपग्रह ऑपरेटरों को सूचना देना करना शुरू कर दिया." भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा किए गए एंटी-सैटेलाइट हथियार परीक्षण को "मिशन शक्ति" नाम दिया गया था.
आपको बता दें कि भारत ने 27 मार्च को अंतरिक्ष में अपने ही एक उपग्रह को जटिल क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से मार गिराया था. जिसके बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परीक्षण की घोषणा की. बता दें कि भारत केवल चौथा देश है जिसने अमरीका, रूस और चीन के बाद इस तरह की क्षमता हासिल की है.