जयपुर. जल और पशुधन संरक्षण सहित कृषि के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में चलाई जा रही योजनाओं को राज्य सरकार राजस्थान में भी लागू करने जा रही है. इन योजनाओं की संभावनाओं को तलाशने और अध्ययन करने के लिए कृषि विभाग के आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया. यह समिति छत्तीसगढ़ जाकर वहां की जल और पशु संरक्षण को लेकर बनी नरवा, गरुवा, घुरवा बारी योजना का अध्ययन करेगी.
इस योजना के तहत वहां पर जल स्रोतों का संवर्धन, पशुधन संरक्षण और जैविक खाद का उपयोग तथा बारी विकास का कार्य किया जा रहा है. साथ ही फसलों को जानवर से बचाने के लिए ग्राम स्तर पर गठान योजना बनाई गई है. छत्तीसगढ़ की कृषि अधिकारियों ने बीते फरवरी माह में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कृषि एवं संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिवों की बैठक में इन योजनाओं की संकल्पना क्रियान्वित एवं फायदों के बारे में विस्तार से बताया था. यह बैठक जयपुर में हुई थी.
इन योजनाओं को प्रदेश में क्रियान्वित के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई. योजना छत्तीसगढ़ में अभी आरंभिक चरण में है. इसके नतीजे आने से इसे राजस्थान में लागू करने की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए कृषि विभाग के आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित किया गया है. समिति के उद्यानिकी, गोपालन, पशुपालन, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक और कृषि विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. समिति राजस्थान में हो रहे कार्यों और छत्तीसगढ़ में हो रहे विचारों का अध्ययन कर राज्य में लागू करने के संबंध में रिपोर्ट देगी. बैठक में राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना के निदेशक ओमप्रकाश, उद्यानिकी विकास निदेशक मोहन लाल यादव सहित भूजल कृषि उद्यान पशुपालन गोपालन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.