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लॉकडाउन में जागरूकता: इस गांव के लोग कोरोना वायरस के खिलाफ कुछ यूं लड़ रहे जंग

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए शहरों से कहीं ज्यादा गांवों में जागरूकता दिख रही है. कोई बाहरी व्यक्ति गांव में गलती से भी न आए. इसके लिए गांव वालों ने रास्ते पर बैरिकेडिंग कर रखी है.

jaipur news  villagers sealed  sealed the road leading to the village
जागरुकता दिखाते गांव के लोग
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Published : Apr 17, 2020, 5:03 PM IST

जयपुर. देश हो या प्रदेश लॉकडाउन 2 हर जगह जारी है. इसके समर्थन में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी खड़ी है. लेकिन लोगों को समझाइश के लिए सरकार ने एक ओर जहां पुलिस बल लगा रखा है. वहीं दूसरी ओर जागरूकता का भी अभियान चला रखा है.

जागरुकता दिखाते गांव के लोग

बात की जाए शहरों की तो यहां पर लगातार पुलिस को मजबूरन लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों के चालान भी काटने पड़ रहे हैं. उनकी गाड़ियां भी सीज करनी पड़ रही है. लेकिन इस मामले में प्रदेश के गांव ज्यादा सजग दिखाई दे रहे हैं. जहां शहरों में लोग वाहन लेकर अक्सर निकल जाते हैं, लेकिन गांव के लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने गांव को बचाने के लिए तमाम सार्थक कदम उठाए हैं.

यह भी पढ़ेंः आखिर ये आस और उम्मीद कब तक...? साहब कई दिनों से चूल्हे भी नहीं जले

एक ओर जहां गांव के लोग जिनमें किसान भी शामिल हैं, जिनकी फसल से प्रभावित हैं. वहीं गांव के लोग अपने गांव की मुख्य सड़क से कनेक्टिविटी काट चुके हैं. ताकि न तो कोई गांव से बाहर जा सके और न ही गलती से कोई कोरोना संक्रमित गांव के अंदर आ सके. अगर कोई व्यक्ति बाहर से गांव में प्रवेश करता है तो पहले तो उसे 14 दिन का क्वॉरेंटाइन समय पूरा करना होता है, जो प्रशासन की सहायता से ही होता है. उसके बाद ही वह व्यक्ति गांव में प्रवेश कर सकता है.

लेकिन कोई चोरी छुपे गांव में प्रवेश न कर सके और अपने गांव के लोग भी गांव से बाहर न जाएं. इसके लिए मुख्य रास्तों को बंद कर दिया गया है. गांव को जोड़ने वाली सड़क पर कटीली झाड़ियां लगाकर इन रास्तों को पूरी तरीके से ब्लॉक कर दिया गया है. नाकाबंदी के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को इस तरीके से लगाया गया है कि पूरा रास्ता ही ब्लॉक हो जाए. जिससे कोई भी वाहन अंदर प्रवेश न कर सके और अंदर से कोई बाहर न निकल सके. ऐसे में कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए शहरों की तुलना में गांव के लोग ज्यादा गंभीरता दिखा रहे हैं.

जयपुर. देश हो या प्रदेश लॉकडाउन 2 हर जगह जारी है. इसके समर्थन में केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी खड़ी है. लेकिन लोगों को समझाइश के लिए सरकार ने एक ओर जहां पुलिस बल लगा रखा है. वहीं दूसरी ओर जागरूकता का भी अभियान चला रखा है.

जागरुकता दिखाते गांव के लोग

बात की जाए शहरों की तो यहां पर लगातार पुलिस को मजबूरन लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों के चालान भी काटने पड़ रहे हैं. उनकी गाड़ियां भी सीज करनी पड़ रही है. लेकिन इस मामले में प्रदेश के गांव ज्यादा सजग दिखाई दे रहे हैं. जहां शहरों में लोग वाहन लेकर अक्सर निकल जाते हैं, लेकिन गांव के लोगों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने गांव को बचाने के लिए तमाम सार्थक कदम उठाए हैं.

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एक ओर जहां गांव के लोग जिनमें किसान भी शामिल हैं, जिनकी फसल से प्रभावित हैं. वहीं गांव के लोग अपने गांव की मुख्य सड़क से कनेक्टिविटी काट चुके हैं. ताकि न तो कोई गांव से बाहर जा सके और न ही गलती से कोई कोरोना संक्रमित गांव के अंदर आ सके. अगर कोई व्यक्ति बाहर से गांव में प्रवेश करता है तो पहले तो उसे 14 दिन का क्वॉरेंटाइन समय पूरा करना होता है, जो प्रशासन की सहायता से ही होता है. उसके बाद ही वह व्यक्ति गांव में प्रवेश कर सकता है.

लेकिन कोई चोरी छुपे गांव में प्रवेश न कर सके और अपने गांव के लोग भी गांव से बाहर न जाएं. इसके लिए मुख्य रास्तों को बंद कर दिया गया है. गांव को जोड़ने वाली सड़क पर कटीली झाड़ियां लगाकर इन रास्तों को पूरी तरीके से ब्लॉक कर दिया गया है. नाकाबंदी के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेट्स को इस तरीके से लगाया गया है कि पूरा रास्ता ही ब्लॉक हो जाए. जिससे कोई भी वाहन अंदर प्रवेश न कर सके और अंदर से कोई बाहर न निकल सके. ऐसे में कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए शहरों की तुलना में गांव के लोग ज्यादा गंभीरता दिखा रहे हैं.

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