जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के लिए बड़े-बड़े दावे करने में लगे निगम अफसरों की बदौलत शहर की सफाई व्यवस्था सुधरने की बजाय बदहाल होने लगी है. निगम के अफसरों ने सफाई कर्मियों को उनके काम से हटाकर कचरा डिपो की निगरानी में लगा दिया है. इसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था पहले से ज्यादा चरमरा गई है.
जानकारी के अनुसार शहर में करीब 858 ओपन कचरा डिपो है. उन सभी पर इन दिनों सफाई कर्मियों को तीनों पारियों में निगरानी के लिए लगाया गया है, जिससे शहर भर में 800 से ज्यादा कर्मचारी सफाई कार्य नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि डोर-टू-डोर कंपनी के साथ अनुबंध के अनुसार डोर-टू-डोर होने के बाद शहर में ओपन डिपो होने ही नहीं चाहिए थे. यदि ओपन डिपो है तो ये कंपनी की लापरवाही है.
इसके लिए कंपनी पर कार्रवाई के बजाय निगम खुद के कर्मचारियों से बेगार करवा रहा है. वहीं ओपन डिपो पर लगाए जाने के कारण निगम के सफाई कर्मी भी नाराज है. कचरा डालने से रोकने पर अक्सर उन्हें विवाद का सामना करना पड़ता है. कुछ वार्डो से तो सफाई कर्मचारियों के साथ मारपीट के मामले भी सामने आए हैं.
माना जा रहा है कि डोर-टू-डोर कंपनी को सहूलियत देने के लिए निगम अधिकारियों ने सफाई कर्मचारियों को डिपो की निगरानी के लिए लगाया है. ऐसे में फिलहाल निगम की इस पहल का पॉजिटिव के बजाय नेगेटिव असर सामने आ रहा है.