जयपुर. शहर में सवा चार लाख पानी के घरेलू उपभोक्ता हैं. इनमें से 50 फीसदी उपभोक्ताओं के मीटर खराब पड़े हुए हैं. हालांकि विभाग ने बंद पड़े मीटर को बदलने की कवायद शुरू कर दी है.
ऐसे में जिन उपभोक्ताओं के मीटर बंद हैं, उनको पानी में छूट का लाभ किस तरह मिलेगा ये सोचने वाली बात होगी. बता दें गहलोत सरकार ने 15 हजार लीटर तक पानी खर्च करने पर चार्ज खत्म कर दिया है. वहीं विभाग का दावा है कि बंद पड़े मीटरों में से करीब 30 हजार मीटरों को बदल दिया गया है.
अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी ने बताया कि जयपुर शहर में सवा 4 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं और करीब 50 फीसदी मीटर खराब हैं या वे काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमृत और स्मार्ट सिटी के तहत बंद पड़े मीटरों के बदलने का काम शुरू कर दिया गया है. वहीं पहले चरण में 75 हजार मीटर बदले जाएंगे. इनमें से करीब 30 हजार मीटर विभाग बदल चुका है. उन्होंने बताया कि मीटर बदलने के बाद विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी भी हुई है. वहीं विभाग ने दावा किया है कि अगले 2 साल में जयपुर शहर के बंद पड़े मीटरों को बदल दिया जाएगा. सोलंकी ने बताया कि बंद पड़े मीटर को बदलने का जलदाय विभाग कोई शुल्क नहीं ले रहा है, जिस कंपनी को मीटर बदलने का ठेका दिया गया है. वह मीटर बदलकर आपको पुराना मीटर लेने की एक रसीद भी देगी.
उपभोक्ताओं को छूट के लाभ के सवाल पर सोलंकी ने बताया कि इसमें 2 तरह से उपभोक्ताओं को छूट मिल सकेगी. एक तो उपभोक्ता जिनके मीटर चालू हैं और जिनका खपत 15 हजार लीटर से कम हैं. उनको पानी के चार्ज और सीवरेज चार्ज से पूरी तरह से छूट मिलेगी. इसके अलावा बंद मीटरों का एवरेज के आधार पर खपत निकाली जाएगी. पिछले तीन महीनों या पिछले साल इस महीने में उनकी खपत कितनी थी. उसी के आधार पर उनको लाभ दिया जाएगा. यदि उनकी खपत 15 हजार लीटर से कम है तो उनको भी छूट का लाभ दिया जाएगा.
सोलंकी ने बताया कि वे उपभोक्ता जिनका पहले से ही एवरेज के आधार पर बढ़ा हुआ बिल आ रहा है. उनको छूट किस तरह से मिलेगी यह विभाग के लिए चुनौती रहेगी. ऐसे में हो सकता है कि अगर बन्द पड़े मीटर बदल दिए जाए तो उपभोक्ता छूट के लालच में पानी कम खर्च करेगा. इस समस्या पर जलदाय विभाग को काम करने की आवश्यकता है.