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दारा सिंह एनकाउंटर केस: दारा की विधवा और साथी सहित 9 पुलिसकर्मियों को नोटिस - Notice issued in Dara Singh encounter case and summoned reply

न्यायाधीश महेंद्र माहेश्वरी और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने सीबीआई की ओर से पेश तीन अपीलों पर सुनवाई करते हुए दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर प्रकरण में मृतक दारा सिंह की विधवा सुशीला देवी, गवाह विजेंद्र और बरी किए गए पुलिसकर्मियों में से नौ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Dec 2, 2019, 8:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर प्रकरण में मृतक दारा सिंह की विधवा सुशीला देवी, गवाह विजेंद्र और बरी किए गए पुलिसकर्मियों में से नौ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

न्यायाधीश महेंद्र माहेश्वरी और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश सीबीआई की ओर से पेश तीन अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए. वहीं, प्रकरण में ए. पोन्नुचामी सहित चार पुलिसकर्मियों की ओर से उनके अधिवक्ता के पेश होने के कारण उन्हें नोटिस जारी नहीं किए गए.

अपील में सीबीआई ने एडीजे क्रम-14 कोर्ट के 13 मार्च 2018 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें अदालत ने 14 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था. वहीं, दो अपीलों में दारासिंह की विधवा सुशीला देवी और उसके साथी रहे विजेंद्र के पक्षद्रोही होने को चुनौती दी गई है.

पढ़ेंः आनंदपाल सिंह के भाई को जेल में जान का खतरा, हाईकोर्ट ने मामले में मांगा जवाब

सीबीआई की ओर से अपील में कहा गया कि निचली अदालत में प्रकरण का ट्रायल सही नहीं हुआ है. प्रकरण में शिकायतकर्ता और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली दारा सिंह की विधवा सुशीला देवी और गवाह विजेंद्र ट्रायल कोर्ट में बरी हो गए हैं. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए.

निचली अदालत में मामले में पुलिस अधिकारी ए. पोन्नुचामी, तत्कालीन एएसपी एएसपी अरशद अली, पुलिसकर्मी निसार खां, नरेश शर्मा, सत्यनारायण गोदारा, सुरेन्द्रसिंह, मुंशीलाल, सरदारसिंह जाट, सुभाष गोदारा, राजेश चौधरी, बद्रीप्रसाद खटीक, जगराम गुर्जर, जुल्फिकार अली और अरशद अली को बरी कर दिया था. सीबीआई ने मुंशीलाल को बरी करने को अपील में चुनौती नहीं दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दारा सिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर प्रकरण में मृतक दारा सिंह की विधवा सुशीला देवी, गवाह विजेंद्र और बरी किए गए पुलिसकर्मियों में से नौ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

न्यायाधीश महेंद्र माहेश्वरी और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश सीबीआई की ओर से पेश तीन अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए. वहीं, प्रकरण में ए. पोन्नुचामी सहित चार पुलिसकर्मियों की ओर से उनके अधिवक्ता के पेश होने के कारण उन्हें नोटिस जारी नहीं किए गए.

अपील में सीबीआई ने एडीजे क्रम-14 कोर्ट के 13 मार्च 2018 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें अदालत ने 14 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था. वहीं, दो अपीलों में दारासिंह की विधवा सुशीला देवी और उसके साथी रहे विजेंद्र के पक्षद्रोही होने को चुनौती दी गई है.

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सीबीआई की ओर से अपील में कहा गया कि निचली अदालत में प्रकरण का ट्रायल सही नहीं हुआ है. प्रकरण में शिकायतकर्ता और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली दारा सिंह की विधवा सुशीला देवी और गवाह विजेंद्र ट्रायल कोर्ट में बरी हो गए हैं. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए.

निचली अदालत में मामले में पुलिस अधिकारी ए. पोन्नुचामी, तत्कालीन एएसपी एएसपी अरशद अली, पुलिसकर्मी निसार खां, नरेश शर्मा, सत्यनारायण गोदारा, सुरेन्द्रसिंह, मुंशीलाल, सरदारसिंह जाट, सुभाष गोदारा, राजेश चौधरी, बद्रीप्रसाद खटीक, जगराम गुर्जर, जुल्फिकार अली और अरशद अली को बरी कर दिया था. सीबीआई ने मुंशीलाल को बरी करने को अपील में चुनौती नहीं दी है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने दारासिंह उर्फ दारिया एनकाउंटर प्रकरण में मृतक दारासिंह की विधवा सुशीला देवी, गवाह विजेन्द्र और बरी किए गए पुलिसकर्मियों में से नौ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश सीबीआई की ओर से पेश तीन अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिए। वहीं प्रकरण में ए. पोन्नुचामी सहित चार पुलिसकर्मियों की ओर से उनके अधिवक्ता के पेश होने के कारण उन्हें नोटिस जारी नहीं किए गए।Body:अपील में सीबीआई ने एडीजे क्रम-14 कोर्ट के 13 मार्च 2018 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें अदालत ने 14 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था। वहीं दो अपीलों में दारासिंह की विधवा सुशीला देवी और उसके साथी रहे विजेन्द्र के पक्षद्रोही होने को चुनौती दी गई है। सीबीआई की ओर से अपील में कहा गया कि निचली अदालत में प्रकरण की ट्रायल सही नहीं हुई है। प्रकरण में शिकायतकर्ता और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली दारासिंह की विधवा सुशीला देवी और गवाह विजेन्द्र ट्रायल कोर्ट में बरी हो गए हैं। ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए।
निचली अदालत में मामले में पुलिस अधिकारी ए. पोन्नुचामी, तत्कालीन एएसपी एएसपी अरशद अली, पुलिसकर्मी निसार खां, नरेश शर्मा, सत्यनारायण गोदारा, सुरेन्द्रसिंह, मुंशीलाल, सरदारसिंह जाट, सुभाष गोदारा, राजेश चौधरी, बद्रीप्रसाद खटीक, जगराम गुर्जर, जुल्फिकार अली और अरशद अली को बरी कर दिया था। सीबीआई ने मुंशीलाल को बरी करने को अपील में चुनौती नहीं दी है।Conclusion:
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