ETV Bharat / state

कार्तिक मास शुरू, नदी में स्नान करने से पूरी होती है मनोकामनाएं

कार्तिक मास को शास्त्रों में पुण्य मास कहा गया है. पुराणों के अनुसार जो फल प्रयाग में कुंभ के दौरान गंगा स्नान का होता है, वही फल कार्तिक माह में सूर्योदय से पूर्व किसी भी नदी में स्नान करने मात्र से प्राप्त हो जाता है. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास स्नान की शुरुआत शरद पूर्णिमा से होती है और इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा को होता है.

author img

By

Published : Oct 14, 2019, 8:47 AM IST

जयपुर खबर, कार्तिक मास खबर, कार्तिक मास में स्नान, jaipur news, kartik mas, Kartik month related news

जयपुर. कार्तिक मास में किया गया धार्मिक कार्य अनंत गुना फल प्रदान करता है. इसी महीने में ज्यादातर व्रत और त्योहार आते हैं. कार्तिक शुक्ल एकादशी इस माह का सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है. इस माह में ही सारे शुभ और मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होता है. राजस्थान में भी विशेष रूप से इस माह में महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान कर मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना करती हैं.

जयपुर खबर, कार्तिक मास खबर, कार्तिक मास में स्नान, jaipur news, kartik mas, Kartik month related news
भगवान विष्णु की होती है पूजा

पौराणिक काथाओं के अनुसार सत्यभामा पूर्व जन्म में एक ब्राह्मण की पुत्री थी. युवावस्था में ही एक दिन उनके पति और पिता को एक राक्षस ने मार दिया. कुछ दिनों तक ब्राह्मण की पुत्री रोती रही. इसके बाद उसने स्वयं को विष्णु भगवान की भक्ति में समर्पित कर दिया.

पढ़ें- राजसमंद में शरद पूर्णिमा पर एक साथ विराजे करीब 102 लड्डू गोपाल

कार्तिक मास में नियम पूर्वक सूर्योदय से पूर्व स्नान करके वे भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करती थी. बुढ़ापा आने पर एक दिन ब्राह्मण की पुत्री ने उन्होंने कार्तिक स्नान के लिए गंगा में डुबकी लगाई, तब बुखार से कांपने लगी और गंगा तट पर उसकी मृत्यु हो गई. उसी समय विष्णु लोक से एक विमान आया और ब्राह्मण की पुत्री का दिव्य शरीर विमान में बैठकर विष्णु लोक पहुंच गया. जब भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया तब ब्राह्मण की पुत्री ने सत्यभामा के रूप में जन्म लिया. कार्तिक मास में दीपदान करने के कारण सत्यभामा को सुख और संपत्ति प्राप्त हुई. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में किए गए दान पुण्य का फल व्यक्ति को अगले जन्म में जरूर मिलता है.

जयपुर खबर, कार्तिक मास खबर, कार्तिक मास में स्नान, jaipur news, kartik mas, Kartik month related news
भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा

पढे़ं- राजसमंद में 25 सितंबर से होगी महात्मा गांधी सप्ताह की शुरुआत

कार्तिम मास में नदी में स्नान करने का महत्व-

  • कार्तिक मास को रोग दूर करने वाला कहा गया है. इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण इस मास का अनुकूलित वातावरण है.
  • जब शरद ऋतु आती है तो आसमान साफ हो जाता है और सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिससे रोगाणु समाप्त हो जाते हैं और मौसम स्वास्थ्य के लिए अनुकूल हो जाता है.
  • ताजी हवा, सूर्य की पर्याप्त रोशनी आदि शरीर को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है. यही कारण है कि कार्तिक मास में सुबह नदी स्नान का विशेष महत्व धर्म शास्त्रों में लिखा है.
  • सुबह उठकर नदी में स्नान करने से ताजी हवा शरीर में स्फूर्ति का संचार करती है. इस प्रकार के वातावरण से कई शारीरिक बीमारियां अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं.

जयपुर. कार्तिक मास में किया गया धार्मिक कार्य अनंत गुना फल प्रदान करता है. इसी महीने में ज्यादातर व्रत और त्योहार आते हैं. कार्तिक शुक्ल एकादशी इस माह का सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है. इस माह में ही सारे शुभ और मांगलिक कार्यों का शुभारंभ होता है. राजस्थान में भी विशेष रूप से इस माह में महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान कर मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना करती हैं.

जयपुर खबर, कार्तिक मास खबर, कार्तिक मास में स्नान, jaipur news, kartik mas, Kartik month related news
भगवान विष्णु की होती है पूजा

पौराणिक काथाओं के अनुसार सत्यभामा पूर्व जन्म में एक ब्राह्मण की पुत्री थी. युवावस्था में ही एक दिन उनके पति और पिता को एक राक्षस ने मार दिया. कुछ दिनों तक ब्राह्मण की पुत्री रोती रही. इसके बाद उसने स्वयं को विष्णु भगवान की भक्ति में समर्पित कर दिया.

पढ़ें- राजसमंद में शरद पूर्णिमा पर एक साथ विराजे करीब 102 लड्डू गोपाल

कार्तिक मास में नियम पूर्वक सूर्योदय से पूर्व स्नान करके वे भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करती थी. बुढ़ापा आने पर एक दिन ब्राह्मण की पुत्री ने उन्होंने कार्तिक स्नान के लिए गंगा में डुबकी लगाई, तब बुखार से कांपने लगी और गंगा तट पर उसकी मृत्यु हो गई. उसी समय विष्णु लोक से एक विमान आया और ब्राह्मण की पुत्री का दिव्य शरीर विमान में बैठकर विष्णु लोक पहुंच गया. जब भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया तब ब्राह्मण की पुत्री ने सत्यभामा के रूप में जन्म लिया. कार्तिक मास में दीपदान करने के कारण सत्यभामा को सुख और संपत्ति प्राप्त हुई. शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में किए गए दान पुण्य का फल व्यक्ति को अगले जन्म में जरूर मिलता है.

जयपुर खबर, कार्तिक मास खबर, कार्तिक मास में स्नान, jaipur news, kartik mas, Kartik month related news
भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा

पढे़ं- राजसमंद में 25 सितंबर से होगी महात्मा गांधी सप्ताह की शुरुआत

कार्तिम मास में नदी में स्नान करने का महत्व-

  • कार्तिक मास को रोग दूर करने वाला कहा गया है. इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण इस मास का अनुकूलित वातावरण है.
  • जब शरद ऋतु आती है तो आसमान साफ हो जाता है और सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिससे रोगाणु समाप्त हो जाते हैं और मौसम स्वास्थ्य के लिए अनुकूल हो जाता है.
  • ताजी हवा, सूर्य की पर्याप्त रोशनी आदि शरीर को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाती है. यही कारण है कि कार्तिक मास में सुबह नदी स्नान का विशेष महत्व धर्म शास्त्रों में लिखा है.
  • सुबह उठकर नदी में स्नान करने से ताजी हवा शरीर में स्फूर्ति का संचार करती है. इस प्रकार के वातावरण से कई शारीरिक बीमारियां अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं.
Intro:Body:

sadhana


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.