जयपुर. ओल्ड पेंशन स्कीम को बिना शर्त लागू करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी कैंपस की दहलीज के बाहर जेएलएन रोड पर मानव शृंखला बनाई. हालांकि कैंपस के बाहर निकलते वक्त शिक्षक और पुलिस प्रशासन आमने-सामने हो गए. इस दौरान दोनों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. वहीं 23 अगस्त को आरयूएचएस और 24 अगस्त को जेसीटीएसएल ने कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.
राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन विसंगतियों को दूर करने को लेकर मुख्यमंत्री ध्यान आकर्षण के लिए मानव शृंखला बनाकर सरकार को संदेश दिया. इस दौरान जेसीटीएसएल के कर्मचारी भी उनके साथ आए. ओल्ड पेंशन संघर्ष समिति के राज्य संयोजक डॉ संजय कुमार ने बताया कि जिस तरह चिपको आंदोलन के तहत लोगों ने पेड़ों को बचाया था.
उसी तर्ज पर जयपुर सहित राजस्थान के सभी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने अपने-अपने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को पकड़कर मानव शृंखला बनाई. ताकि सरकार तक संदेश पहुंच सके कि विश्वविद्यालय और जेसीटीएसएल की आर्थिक स्थिति सही नहीं है. इसलिए पेंशन का पूरा भार राज्य सरकार उठाए. वहीं जेसीटीएसएल एंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष विपिन चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी 24 तारीख से पहले यदि सरकार पेंशन विसंगतियों को दूर नहीं करती है, तो 24 अगस्त को जयपुर की सभी लो फ्लोर बसें बंद रहेंगी. शहर में चक्का जाम किया जाएगा.
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वहीं राजस्थान स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों ने कहा की 23 अगस्त से इस आंदोलन में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन राशि जमा कराने के विरोध और पेंशन का पूर्ण भार सरकार की ओर से लिए जाने के समर्थन में कार्य बहिष्कार किया जाएगा. इसके साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय गैर-शैक्षणिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ यशपाल चिराना ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति से स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. विश्वविद्यालय का प्रत्येक कर्मचारी अपनी मांगें माने जाने तक पीछे नहीं हटेगा. आपको बता दें कि 23 अगस्त को राजस्थान विश्वविद्यालय में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में कर्मचारी सद्बुद्धि यज्ञ करेंगे.