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सरकार से मिली छूट के बाद अब हाउसिंग बोर्ड के आवासों को नीलामी के लिए किया जा रहा चिन्हित

हाउसिंग बोर्ड के जयपुर सहित प्रदेश भर के 22 हजार मकान सालों से धूल फांक रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने अब इन मकानों पर छूट देने का प्रावधान तय किया है. अब इनकी नए सिरे से नीलामी की जाएगी. इसके लिए आवासों को चिन्हित करने की प्रक्रिया की जा रही है.

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Published : Jul 13, 2019, 11:56 PM IST

हाउसिंग बोर्ड के आवासों को नीलामी के लिए किया जा रहा चिन्हित

जयपुर. हाउसिंग बोर्ड के जयपुर सहित प्रदेश भर के 22 हजार मकान सालों से धूल खा रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने अब इन मकानों पर छूट देने का प्रावधान तय किया है. हालांकि किश्तों पर आवासों का आवंटन नहीं किए जाने पर अभी भी इन आवासों के नीलामी की संभावना कम ही है.

आवासन मंडल के मकानों पर बजट में 50 फीसदी तक छूट की घोषणा के बाद जल्द ही उनकी बिक्री शुरू हो जाएगी. इन मकानों को बने हुए 5 साल से ज्यादा का समय हो गया है. राज्य भर में 22 हजार के लगभग मकान है. जो नीलामी की बाट जोह रहे हैं.

हाउसिंग बोर्ड के आवासों को नीलामी के लिए किया जा रहा चिन्हित

अधिकारियों की मानें तो अगले महीने से ई-ऑक्शन से आवासन मंडल के आवासों की नीलामी शुरू हो जाएगी. इस संबंध में राज्य के 11 हजार से ज्यादा मकानों को चिन्हित किया जा चुका है और हर मकान पर 10 से 50 फीसदी की छूट दी जाएगी. जयपुर की बात करें तो यहां मानसरोवर और प्रताप नगर में सबसे ज्यादा आवास मौजूद हैं. जबकि जोधपुर, हनुमानगढ़ और अलवर में भी अच्छी संख्या में मकान खाली पड़े हैं.

जानकारों की माने तो आवासन मंडल के द्वारा बनाए गए आवासों की प्राइवेट बिल्डर्स की तुलना में कीमत अधिक है. और 5 सालों से आवासन मंडल ने किश्तों पर आवासों का आवंटन बंद कर दिया गया है. यहीं वजह है कि मकानों की बिक्री नहीं हो पाई. बहरहाल, खाली पड़े आवासों को चिन्हित करने का काम फिलहाल चल रहा है. जल्द यह काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी.

जयपुर. हाउसिंग बोर्ड के जयपुर सहित प्रदेश भर के 22 हजार मकान सालों से धूल खा रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने अब इन मकानों पर छूट देने का प्रावधान तय किया है. हालांकि किश्तों पर आवासों का आवंटन नहीं किए जाने पर अभी भी इन आवासों के नीलामी की संभावना कम ही है.

आवासन मंडल के मकानों पर बजट में 50 फीसदी तक छूट की घोषणा के बाद जल्द ही उनकी बिक्री शुरू हो जाएगी. इन मकानों को बने हुए 5 साल से ज्यादा का समय हो गया है. राज्य भर में 22 हजार के लगभग मकान है. जो नीलामी की बाट जोह रहे हैं.

हाउसिंग बोर्ड के आवासों को नीलामी के लिए किया जा रहा चिन्हित

अधिकारियों की मानें तो अगले महीने से ई-ऑक्शन से आवासन मंडल के आवासों की नीलामी शुरू हो जाएगी. इस संबंध में राज्य के 11 हजार से ज्यादा मकानों को चिन्हित किया जा चुका है और हर मकान पर 10 से 50 फीसदी की छूट दी जाएगी. जयपुर की बात करें तो यहां मानसरोवर और प्रताप नगर में सबसे ज्यादा आवास मौजूद हैं. जबकि जोधपुर, हनुमानगढ़ और अलवर में भी अच्छी संख्या में मकान खाली पड़े हैं.

जानकारों की माने तो आवासन मंडल के द्वारा बनाए गए आवासों की प्राइवेट बिल्डर्स की तुलना में कीमत अधिक है. और 5 सालों से आवासन मंडल ने किश्तों पर आवासों का आवंटन बंद कर दिया गया है. यहीं वजह है कि मकानों की बिक्री नहीं हो पाई. बहरहाल, खाली पड़े आवासों को चिन्हित करने का काम फिलहाल चल रहा है. जल्द यह काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी.

Intro:जयपुर - हाउसिंग बोर्ड के जयपुर सहित प्रदेश भर के 22 हजार मकान सालों से धूल खा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने अब इन मकानों पर छूट देने का प्रावधान तय किया है। हालांकि किस्तों पर आवासों का आवंटन नहीं किए जाने पर अभी भी इन आवासों के नीलामी की संभावना कम ही है।


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आवासन मंडल के मकानों पर बजट में 50 फीसदी तक छूट की घोषणा के बाद जल्द ही उनकी बिक्री शुरू हो जाएगी। इन मकानों को बने हुए 5 साल से ज्यादा का समय हो गया है। राज्य भर में 22 हजार के लगभग मकान है। जो नीलामी की बाट जोह रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो अगले महीने से ई ऑक्शन से आवासन मंडल के आवासों की नीलामी शुरू हो जाएगी। इस संबंध में राज्य के 11000 से ज्यादा मकानों को चिन्हित किया जा चुका है। और हर मकान पर 10 से 50 फ़ीसदी की छूट दी जाएगी। जयपुर की बात करें तो यहां मानसरोवर और प्रताप नगर में सबसे ज्यादा आवास मौजूद हैं। जबकि जोधपुर, हनुमानगढ़ और अलवर में भी अच्छी खासी संख्या में मकान खाली पड़े हैं। जानकारों की माने तो आवासन मंडल के द्वारा बनाए गए आवासों की प्राइवेट बिल्डर्स की तुलना में कीमत अधिक है। और 5 सालों से आवासन मंडल ने किस्तों पर आवासों का आवंटन बंद कर दिया है। यही वजह है कि मकानों की बिक्री नहीं हो पाई।


Conclusion:बहरहाल, खाली पड़े आवासों को चिन्हित करने का काम फिलहाल चल रहा है। जल्द यह काम पूरा हो जाएगा, उसके बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी।
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