जयपुर. राज्य आवासन मंडल की ओर से करीब 8 साल पहले बनाए गए फ्लैट्स में से 22 हजार फ्लैट अब तक नहीं बिक पाए हैं. जिसका कारण हाउसिंग बोर्ड की ऊंची दरें और किस्तों में भुगतान बंद करना माना जा रहा है. इन कंडम हो चुके फ्लैट्स को अब राज्य सरकार डिस्काउंट देकर बेचने की तैयारी कर रही है. हाउसिंग बोर्ड इस संबंध में अपने पुराने ढर्रे को बदलते हुए ऑनलाइन बिक्री की योजना तैयार कर रहा है. बोर्ड अपनी संपत्तियों को जीआईएस मैपिंग से कनेक्ट करेगा.
ताकि दूरदराज और विदेश में बैठा व्यक्ति भी बोर्ड की संपत्तियों और आसपास की बसावट को देख सके. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने आगामी 3 महीने में ई-ऑक्शन प्रक्रिया लागू करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही बताया कि मकानों की नीलामी 10 फीसदी के डिस्काउंट से शुरू होगी और बिक्री नहीं होने की स्थिति में ये डिस्काउंट 50 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.
प्रताप नगर, मानसरोवर, जवाहर नगर, लालकोठी, मालवीय नगर और कोटपुतली में हाउसिंग बोर्ड के ये आवास फिलहाल धूल फांक रहे हैं. इसकी वजह से बोर्ड को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड नए फ्लैट्स बनाने से पहले इन बचे हुए 22 हजार फ्लैट्स को बेचने की तैयारी में जुटा है.