जयपुर. छोटी काशी में सोमवार को होली के मौके पर एक बार फिर परंपरा का निर्वहन किया गया. राजशाही भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन आज भी सिटी पैलेस में ही सबसे पहले होली पूजन के बाद होलिका दहन होता है. यहीं से होलिका की आंच परकोटे के अन्य हिस्सों में ले कर होली मंगल की जाती है. सोमवार को सिटी पैलेस में शाम को पूर्व राज परिवार ने होलिका दहन किया और जयपुर की परंपरा साकार होती नजर आई.
पीढ़ियां बदलीं, लेकिन परंपरा आज भी बरकरार है. राजधानी में होलिका दहन का मुख्य कार्यक्रम सिटी पैलेस में हुआ. जहां पूर्व राजघराने की ओर से होलिका दहन किया गया और यहां से होलिका की आंच को लेकर शहर में जगह-जगह होलिका दहन किया गया. सिटी पैलेस में होलिका दहन पूरे पारंपारिक तरीके से किया गया. जिसमें पूर्व राजपरिवार के पदमनाभ सिंह, पद्मिनी देवी, गौरवी कुमारी शामिल हुए. होलिका दहन से पहले जयपुर के पद्मनाभ सिंह ने पूजन और हवन अनुष्ठान किया.
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इसके बाद गुलाल और अबीर से सजी होलिका की राजपरिवार के लोगों ने परिक्रमा लगाकर भगवान से खुशहाली की कामना की. होली मंगल करने के बाद सिटी पैलेस के बाहर मौजूद परकोटे के लोग यहां से आंच लेकर दौड़े और अपने मोहल्ले की होली मंगल की. इस दौरान बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी मौजूद रहे. कोरोना काल के बाद इस बार सिटी पैलेस में पुराना माहौल नजर आया. इस दौरान रंग-गुलाल भी उड़ाया गया. वहीं पारंपारिक चंग-ढप के साथ कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया.
वहीं मंगलवार को धुलंडी के मौके पर रंगोत्सव मनाया जाएगा. जहां मंदिरों में विशेष झांकियां सजाने के साथ गुलाल बरसाया जाएगा. तो वहीं परकोटा क्षेत्र में रंग गुलाल खेलने वालों की टोलियां घूमती नजर आएंगी. उधर, पर्यटन विभाग की ओर से सुबह 10 बजे पर्यटकों के लिए खासा कोठी में होली फेस्ट का आयोजन किया जाएगा. जिसमें लोक कलाकार सामूहिक प्रस्तुतियां भी देते दिखेंगे.