जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायालय के आदेश के बावजूद पटवारियों को भू अभिलेख निरीक्षक के पद पर पदोन्नति देकर पदस्थापन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जताई है. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन मई तक आदेश की पालना करने का निर्देश दिए हैं. अदालत ने कहा कि यदि आदेश की पालना नहीं होती है तो प्रमुख राजस्व सचिव हाजिर होकर इस संबंध में स्पष्टीकरण दें कि पालना क्यों नहीं की गई.
जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश शिवराज सिंह बुंदेला और हरिओम भार्गव की अवमानना याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि डेढ़ साल बीतने के बाद भी अब तक अदालती आदेश की पालना नहीं की गई. ऐसे में दो सप्ताह में आदेश की पालना की जाए अन्यथा प्रमुख राजस्व सचिव हाजिर होकर शपथ पत्र पेश कर पालना नहीं करने के कारणों के संबंध में स्पष्टीकरण दें.
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अवमानना याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पटवारियों ने भू अभिलेख पद पर पदोन्नति देने में भेदभाव करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर हाईकोर्ट ने 15 सितंबर, 2021 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता पटवारियों को भू अभिलेख निरीक्षक के पद पर पदोन्नति देने और उन्हें पदस्थापित करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद विभाग की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई. इस पर याचिकाकर्ताओं ने गत वर्ष अवमानना याचिका दायर कर आदेश की पालना सुनिश्चित करने को कहा था.
अवमानना याचिका में हाईकोर्ट की ओर से संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी हो चुके हैं, लेकिन अब तक आदेश की पालना नहीं की गई. ऐसे में अवमानना के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आदेश की पालना के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया. इस पर अदालत ने तीन मई तक आदेश की पालना करने अन्यथा प्रमुख राजस्व सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं.