जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2023 की प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नों की गलत जांच करने के मामले में आरपीएससी सचिव से जवाब-तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने ये अंतरिम आदेश पुष्पेन्द्र मीणा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. कोर्ट ने आयोग से पूछा है कि क्यों न याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश जारी किए जाएं.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि आरपीएससी ने 28 जून को आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा के 905 पदों के लिए भर्ती निकाली थी, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा एक अक्टूबर को आयोजित की गई. वहीं आयोग ने इसी दिन उत्तर कुंजी जारी कर अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांग ली. इस पर याचिकाकर्ताओं ने 17 सवालों को लेकर अपनी आपत्तियां आयोग में पेश कर दी. याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने उनकी आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया और बीस अक्टूबर को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी कर दिए.
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मान्यता प्राप्त पुस्तकों और बोर्ड की किताबों के आधार पर याचिकाकर्ताओं के प्रश्न सही हैं. ऐसे में यदि आरपीएससी प्रश्नों के जवाब सही जांचता तो याचिकाकर्ताओं का मुख्य परीक्षा के लिए चयन हो जाता. याचिका में गुहार की गई है कि मामले में विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर इन प्रश्नों का पुन: परीक्षण कराया जाए और कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी किया जाए. वहीं, याचिकाकर्ता को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए जाएं जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आयोग से जवाब-तलब किया है. गौरतलब है कि वर्ष 2021 की आरएएस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा के विवादित सवालों का विवाद भी विवाद हाईकोर्ट पहुंचा था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब 240 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे.