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कलेक्टर ने विवाद रहित बता जमीन पंचायत को की आवंटित, हाइकोर्ट ने दिए यथास्थिति के आदेश - राजस्थान हाईकोर्ट

झुंझुनूं के नाटास गांव की जमीन को विवाद रहित बताकर कलेक्टर की ओर से ग्राम पंचायत को आवंटित करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने यथास्थिति के आदेश दिए (Court orders of status quo in land allotment case) हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

High Court orders of status quo in land allotment case in Jhunjhunu
कलेक्टर ने विवाद रहित बता जमीन पंचायत को की आवंटित, हाइकोर्ट ने दिए यथास्थिति के आदेश
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Published : Dec 9, 2022, 7:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने झुंझुनूं के नाटास गांव की जमीन को विवाद रहित बताकर उसे आबादी विस्तार के लिए ग्राम पंचायत को आवंटित करने के मामले में कलेक्टर, एसडीओ उदयपुरवाटी और तहसीलदार सहित अन्य से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा (Court orders of status quo in land allotment case) है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि आजादी से पहले यह भूमि बिसाऊ ठिकाने की थी. जहां से यह याचिकाकर्ता के दादा को वर्ष 1946 में मिली थी. इसके बाद से याचिकाकर्ता का परिवार इस जमीन पर खेती कर रहा है. याचिका में कहा गया कि झुंझुनूं कलेक्टर ने गत 10 मार्च को इस भूमि को विवाद रहित बताकर आबादी विस्तार के लिए इसे नाटास ग्राम पंचायत को आवंटित कर दी. जबकि यह भूमि विवाद रहित नहीं है और पंचायत को आवंटन के समय इस जमीन को लेकर कई कोर्ट केस चल रहे थे. ऐसे में इसे ग्राम पंचायत को आवंटित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने झुंझुनूं के नाटास गांव की जमीन को विवाद रहित बताकर उसे आबादी विस्तार के लिए ग्राम पंचायत को आवंटित करने के मामले में कलेक्टर, एसडीओ उदयपुरवाटी और तहसीलदार सहित अन्य से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा (Court orders of status quo in land allotment case) है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि आजादी से पहले यह भूमि बिसाऊ ठिकाने की थी. जहां से यह याचिकाकर्ता के दादा को वर्ष 1946 में मिली थी. इसके बाद से याचिकाकर्ता का परिवार इस जमीन पर खेती कर रहा है. याचिका में कहा गया कि झुंझुनूं कलेक्टर ने गत 10 मार्च को इस भूमि को विवाद रहित बताकर आबादी विस्तार के लिए इसे नाटास ग्राम पंचायत को आवंटित कर दी. जबकि यह भूमि विवाद रहित नहीं है और पंचायत को आवंटन के समय इस जमीन को लेकर कई कोर्ट केस चल रहे थे. ऐसे में इसे ग्राम पंचायत को आवंटित नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए मामले में यथास्थिति के आदेश दिए हैं.

पढ़ें: जयपुर : विधानसभा नगर के नक्शे-मौके पर यथास्थिति के आदेश

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