जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि संजय बाजार में लगने वाले साप्ताहिक हाटबाजार के लिए क्या फुटकर दुकानदारों को लाइसेंस जारी किया गया है. इसके अलावा यहां अतिक्रमण और वर्षों से लंबित डक्टिंग प्रोजेक्ट के लिए क्या किया जा रहा है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश संजय बाजार व्यापार विकास समिति की याचिका पर (Court on Sanjay Bazar Haat Bazar) दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले में हाटबाजार दुकानदारों के संगठन को मामले में इंटरवीनर बना लिया है.
समिति की ओर से अदालत को बताया गया कि संजय बाजार की स्थापना करीब पांच दशक पहले की गई थी. यहां अवैध साप्ताहिक हाटबाजार लगाने के चलते स्थानीय दुकानदारों को परेशानी होती है. वहीं अतिक्रमण होने के चलते चारदीवारी में होने के बावजूद भी यह बाजार पिछड़ा हुआ है. समिति के अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि पूर्व न्यायाधीश वीएस दवे और न्यायाधीश इंद्रसेन इसरानी की कमेटी ने बाजार के विकास के लिए डटिंग प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, लेकिन इस पर अब तक भी काम शुरू नहीं हुआ है.
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बाजार में लोगों की ओर से खरीदी गई बेशकीमती दुकाने के लिए अब ग्राहक तक नहीं मिल रहे हैं. वहीं फुटकर दुकानदारों की ओर से कहा राज्य सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कानून बनाकर उनके हिक सुरक्षित किए हैं. याचिकाकर्ता ने अधूरे तथ्यों के साथ जनहित याचिका दायर की है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस संबंध में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है.