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HC ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक का सेवाकाल बढ़ाने के खिलाफ दायर याचिका को किया खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक का सेवाकाल 65 साल की उम्र तक बढ़ाने के गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है.

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Published : Aug 10, 2019, 8:45 PM IST

National award winning teachers, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक का सेवाकाल 65 साल की उम्र तक बढ़ाने के गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि शिक्षक ने सेवाकाल में उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया है. ऐसे में अधिकरण और एकलपीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है.

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सेंट एन्सलम स्कूल, अजमेर की प्रबंध कार्यकारिणी की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए दिया. बता दें, स्कूल के शिक्षक रविन्द्र शर्मा ने 28 अप्रैल 2014 को स्कूल प्रशासन को पत्र लिखा की वह 30 जून 2014 को साठ साल की उम्र पूरी कर रहे थे. साथ ही सीबीएसई के सम्बद्धता नियमों में संशोधन का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया कि उत्कृष्ठ प्रदर्शन, अच्छा स्वास्थ्य और व्यवहार रखने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 65 साल की उम्र तक सेवा में रह सकते हैं.

पढ़ें- जयपुर : सर्वसम्मती से बनेगा कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष

ऐसे में उनकी सेवा का भी विस्तार किया जाए लेकिन प्रबंध समिति ने 23 जून 2014 को शिक्षक का सेवाकाल बढ़ाने से इंकार कर दिया. इसके खिलाफ दायर याचिका पर गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण ने 10 नवंबर 2014 को आदेश जारी कर शिक्षक को सेवा में मानते हुए परिलाभ देने को कहा था. जिसके बाद आदेश के खिलाफ स्कूल प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. जिसे एकलपीठ ने 16 दिसंबर 2014 को खारिज कर दिया. इस पर खंडपीठ में अपील दायर कर अधिकरण और एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक का सेवाकाल 65 साल की उम्र तक बढ़ाने के गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि शिक्षक ने सेवाकाल में उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया है. ऐसे में अधिकरण और एकलपीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है.

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सेंट एन्सलम स्कूल, अजमेर की प्रबंध कार्यकारिणी की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए दिया. बता दें, स्कूल के शिक्षक रविन्द्र शर्मा ने 28 अप्रैल 2014 को स्कूल प्रशासन को पत्र लिखा की वह 30 जून 2014 को साठ साल की उम्र पूरी कर रहे थे. साथ ही सीबीएसई के सम्बद्धता नियमों में संशोधन का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया कि उत्कृष्ठ प्रदर्शन, अच्छा स्वास्थ्य और व्यवहार रखने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 65 साल की उम्र तक सेवा में रह सकते हैं.

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ऐसे में उनकी सेवा का भी विस्तार किया जाए लेकिन प्रबंध समिति ने 23 जून 2014 को शिक्षक का सेवाकाल बढ़ाने से इंकार कर दिया. इसके खिलाफ दायर याचिका पर गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण ने 10 नवंबर 2014 को आदेश जारी कर शिक्षक को सेवा में मानते हुए परिलाभ देने को कहा था. जिसके बाद आदेश के खिलाफ स्कूल प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. जिसे एकलपीठ ने 16 दिसंबर 2014 को खारिज कर दिया. इस पर खंडपीठ में अपील दायर कर अधिकरण और एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक का सेवाकाल 65 साल की उम्र तक बढ़ाने के गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि शिक्षक ने सेवाकाल में उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया है। ऐसे में अधिकरण और एकलपीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश सेंट एन्सलम स्कूल, अजमेर की प्रबंध कार्यकारिणी की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए दिए। Body:मामले के अनुसार स्कूल के शिक्षक रविन्द्र शर्मा ने 28 अप्रैल 2014 को स्कूल प्रशासन को पत्र लिखा की वह 30 जून 2014 को साठ साल की उम्र पूरी कर रहे थे। सीबीएसई के सम्बद्धता नियमों में संशोधन का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया कि उत्कृष्ठ प्रदर्शन, अच्छा स्वास्थ्य और व्यवहार रखने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 65 साल की उम्र तक सेवा में रह सकते हैं। ऐसे में उनकी सेवा का भी विस्तार किया जाए, लेकिन प्रबंध समिति ने 23 जून 2014 को शिक्षक का सेवाकाल बढ़ाने से इंकार कर दिया। इसके खिलाफ दायर याचिका पर गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण ने 10 नवंबर 2014 को आदेश जारी कर शिक्षक को सेवा में मानते हुए परिलाभ देने को कहा। इस आदेश के खिलाफ स्कूल प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसे एकलपीठ ने 16 दिसंबर 2014 को खारिज कर दिया। इस पर खंडपीठ में अपील दायर कर अधिकरण और एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी गई।Conclusion:null
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