कोटा: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी और पंजाब से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्होंने कांग्रेस के शासन के दौरान जयपुर में हुए धरना-प्रदर्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की थी. इसी मामले में तत्कालीन विधायक और वर्तमान में राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर ने कोटा के न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी. जिसमें कोर्ट के निर्देश के बाद भी मुकदमा पुलिस ने दर्ज नहीं किया था. साथ ही बाद में कांग्रेस नेता रंधावा और पुलिस की निगरानी याचिका पर पुराने आदेश को खारिज कर दिया था.
अब मदन दिलावर ने इस संबंध में राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर में एक आपराधिक विविध याचिका पेश की थी. इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार और सुखजिंदर सिंह रंधावा को नोटिस जारी किया है. मदन दिलावर का कहना है कि करीब 2 साल पहले जयपुर में सभा के दौरान सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए टिप्पणी की थी. यहां तक कि पीएम मोदी को घेरने के लिए जनता और उपस्थित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उकसाया भी था.
इस मामले में दिलावर ने महावीर नगर थाने में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. तब उन्होंने कोर्ट के हस्तक्षेप से मुकदमा दर्ज करवाने का प्रयास किया. इस पर कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे.
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पुलिस ने नहीं दर्ज की थी FIR : दिलावर की कोटा में दर्ज की गई याचिका पर न्यायालय ने महावीर नगर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे. पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज नहीं किया और न्यायालय के आदेश की अवहेलना की थी. इस मामले में तत्कालीन एसपी को भी कोर्ट में पेश होना पड़ा था. इस पर दिलावर ने एडवोकेट मनोज पुरी के जरिए एक निगरानी याचिका प्रस्तुत की थी, जिसे भी न्यायालय ने खारिज कर दिया था. इसके बाद ही दिलावर ने राजस्थान सरकार और सुखजिंदर सिंह रंधावा के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में आपराधिक विविध याचिका पेश की थी.
कब-क्या हुआ ? यहां जानिए पूरा मामला : दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने पीएम नरेंद्र के खिलाफ बयानबाजी करने से जुड़े मामले में राज्य सरकार और कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से जवाब मांगा है. जस्टिस नरेंद्र सिंह ने यह आदेश शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की आपराधिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि 13 मार्च 2023 को कांग्रेस पार्टी का जयपुर में अडानी समूह को लेकर प्रदर्शन था. इस दौरान सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भाषण दिया कि अडानी को हटाने से कुछ नहीं होगा. मोदी को खत्म करो, यदि वह खत्म होगा तो देश बचेगा और यदि मोदी रहा तो देश बर्बाद हो जाएगा.
रंधावा ने अपने भाषण से भीड़ को प्रेरित किया कि वह प्रधानमंत्री की हत्या कर दे. इसे लेकर याचिकाकर्ता की ओर से कोटा के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-6 के समक्ष परिवाद पेश किया गया था. जिस पर अदालत में 15 मई को सुनवाई करते हुए महावीर नगर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ थानाधिकारी और रंधावा ने एडीजे क्रम 5 अदालत में रिवीजन अर्जी पेश की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 27 अक्टूबर 2023 को निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि थाना अधिकारी को निचली अदालत के आदेश की पालना करनी चाहिए थी. उन्हें मामलों के तथ्यों की जांच कर उसे पर अपनी रिपोर्ट देनी थी. इसके बावजूद उन्होंने बिना अधिकार आदेश को अपीलीय अदालत में चुनौती दे दी. जबकि ऐसा करने कि उन्हें कानूनी शक्ति ही नहीं थी. इसके अलावा निचली अदालत का आदेश एक अंतरिम आदेश था. इस आदेश की रिवीजन करने के बजाय सीधे हाई कोर्ट में याचिका पेश होनी चाहिए थी. इसलिए एडीजे कोर्ट के आदेश को रद्द किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और रंधावा से जवाब मांगा है.