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हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने रोते हुए लगाई गुहार, कहा-उनकी गोद ली हुई बेटी की हालत खराब, उसे माध्यम बनाकर हो रही राजनीति

हेरिटेज नगर निगम में जारी गतिरोध के बीच महापौर मुनेश गुर्जर ने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का बिना नाम लिए आरोप लगाए हैं. उन्होंने मंत्री और एक पार्षद पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीति के लिए उनकी गोद ली हुई बेटी को माध्यम नहीं बनाएं.

Heritage Nagar Nigam Mayor Munesh Gurjar
हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने सीएम से लगाई गुहार
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Published : Jun 23, 2023, 8:14 PM IST

हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने सीएम से लगाई गुहार.

जयपुर. बयानों के जरिए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर के बीच रिश्तों की कड़वाहट समय-समय पर जगजाहिर होती रही है. इस बार महापौर ने खुलकर मंत्री और एक पार्षद पर आरोप लगाया है कि वो राजनीति के लिए उनकी गोद ली हुई बेटी को माध्यम न बना रहे हैं. महापौर ने रोते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी इस बारे में शिकायत करते हुए मंत्री और पार्षद के कॉल रिकॉर्डिंग की जांच कराने की गुहार लगाई है.

बच्ची बेड रेस्ट पर है : हेरिटेज नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर धरना दे चुकीं महापौर ने अब अपनी ही पार्टी के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम लिए बिना उनपर आरोप लगाए हैं. महापौर ने कहा कि उन्होंने जिस बच्ची को गोद लिया है, उसका नाम इशिता है. वो दलित समाज से आती है. कोई मंत्री, कोई पार्षद उसके परिवार पर दबाव डाल रहा है और उन्हें प्रलोभन भी दे रहे हैं. उन्होंने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि वो एक महिला हैं और महिला के दर्द को समझते हुए उस बच्ची को गोद लिया था. आज जो उनकी आंखों में आंसू हैं, वो बच्ची के दर्द के हैं. कोई कितना नीचे गिर सकता है. उन्होंने कहा कि बच्ची बेड रेस्ट पर है, उसकी बुरी स्थिति है.

पढ़ें. पार्षदों के धरने पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस, खाचरियावास के साथ रफीक-अमीन, महेश जोशी पड़े अकेले

कई दलित बच्चे हैं, मदद कीजिए : उन्होंने कहा कि अगर वाकई मदद करने की इच्छा है तो उनके वार्ड में बहुत सारे दलित बच्चे ऐसे हैं, उनकी मदद कीजिए, उनको गोद लीजिए. उन्होंने खुद मेयर बनते ही 2 महीने बाद इशिता को गोद लिया था. दबाव बनाने और प्रलोभन देने को लेकर उन्होंने एक ऑडियो जारी करने की बात करते हुए कहा कि इससे जुड़े हुए जो मंत्री-पार्षद हैं उनकी कॉल रिकॉर्डिंग की तथ्यात्मक जांच होनी चाहिए. महापौर ने कहा कि यदि उनसे कोई लड़ाई लड़नी है तो आमने-सामने आकर लड़ें. उस बच्ची की हालत खराब है, लेकिन कुछ व्यक्ति उसे और दलितों को माध्यम बनाकर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से निवेदन करते हुए कहा कि इसकी स्पष्ट जांच होनी चाहिए.

बता दें कि एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को लेकर महापौर और कैबिनेट मंत्री आमने-सामने हैं. महापौर मुनेश गुर्जर राजेंद्र वर्मा को निलंबित करने की मांग कर रही हैं, वहीं खाचरियावास एडमिशन कमिश्नर के समर्थन में दिख रहे हैं. इस बीच महापौर ने इशिता के पिता बनवारी और खुद के पति सुशील गुर्जर की फोन पर की गई बातचीत का ऑडियो जारी किया है, जिसमें इशिता के पिता पार्षद दशरथ सिंह का नाम लेते हुए मिलने, बात करने के लिए बुलाने का जिक्र है.

पढ़ें. महापौर और पार्षदों को समझाने पहुंचे मंत्री महेश जोशी, अतिरिक्त कमिश्नर पर जाति का सहारा लेकर भ्रष्टाचार छिपाने का आरोप

गोद ली हुई बेटी का नाम इसलिए आया : मेयर ने जिस इशिता को गोद लिया है वो जन्म से ही यूरिनल संबंधी लाइलाज बीमारी से जूझ रही है. इशिता बचपन से ही बोल और सुन नहीं सकती. 30 दिसंबर 2020 को मेयर मुनेश गुर्जर सोढाला में रामराजपुरा कॉलोनी का निरीक्षण करते हुए इशिता के घर पहुंची थी, तब इशिता के माता-पिता ने मेयर को बच्ची की दुर्लभ बीमारी की जानकारी दी थी. परिवार की आर्थिक स्थिति देखते हुए मुनेश गुर्जर ने इशिता को 1 जनवरी 2021 को गोद लिया. तब से मेयर ही इशिता के इलाज का खर्चा उठा रही हैं. हाल ही में जब एडीशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा की ओर से मेयर पर एसटी-एससी केस लगाए जाने की बात उठी थी, तब मेयर ने दलित समाज के साथ अपने रिश्ते को दर्शाने के लिए इशिता को गोद लेने और उसका बर्थडे तक मनाने का एक वीडियो सार्वजनिक किया था. तभी से राजनीति की बिसात पर इशिता का नाम आ खड़ा हुआ. अब महापौर ने इशिता और खुद के परिवार को सुरक्षा देने की मांग उठाई है.

हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने सीएम से लगाई गुहार.

जयपुर. बयानों के जरिए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर के बीच रिश्तों की कड़वाहट समय-समय पर जगजाहिर होती रही है. इस बार महापौर ने खुलकर मंत्री और एक पार्षद पर आरोप लगाया है कि वो राजनीति के लिए उनकी गोद ली हुई बेटी को माध्यम न बना रहे हैं. महापौर ने रोते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी इस बारे में शिकायत करते हुए मंत्री और पार्षद के कॉल रिकॉर्डिंग की जांच कराने की गुहार लगाई है.

बच्ची बेड रेस्ट पर है : हेरिटेज नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर धरना दे चुकीं महापौर ने अब अपनी ही पार्टी के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम लिए बिना उनपर आरोप लगाए हैं. महापौर ने कहा कि उन्होंने जिस बच्ची को गोद लिया है, उसका नाम इशिता है. वो दलित समाज से आती है. कोई मंत्री, कोई पार्षद उसके परिवार पर दबाव डाल रहा है और उन्हें प्रलोभन भी दे रहे हैं. उन्होंने हाथ जोड़कर निवेदन किया कि वो एक महिला हैं और महिला के दर्द को समझते हुए उस बच्ची को गोद लिया था. आज जो उनकी आंखों में आंसू हैं, वो बच्ची के दर्द के हैं. कोई कितना नीचे गिर सकता है. उन्होंने कहा कि बच्ची बेड रेस्ट पर है, उसकी बुरी स्थिति है.

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कई दलित बच्चे हैं, मदद कीजिए : उन्होंने कहा कि अगर वाकई मदद करने की इच्छा है तो उनके वार्ड में बहुत सारे दलित बच्चे ऐसे हैं, उनकी मदद कीजिए, उनको गोद लीजिए. उन्होंने खुद मेयर बनते ही 2 महीने बाद इशिता को गोद लिया था. दबाव बनाने और प्रलोभन देने को लेकर उन्होंने एक ऑडियो जारी करने की बात करते हुए कहा कि इससे जुड़े हुए जो मंत्री-पार्षद हैं उनकी कॉल रिकॉर्डिंग की तथ्यात्मक जांच होनी चाहिए. महापौर ने कहा कि यदि उनसे कोई लड़ाई लड़नी है तो आमने-सामने आकर लड़ें. उस बच्ची की हालत खराब है, लेकिन कुछ व्यक्ति उसे और दलितों को माध्यम बनाकर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से निवेदन करते हुए कहा कि इसकी स्पष्ट जांच होनी चाहिए.

बता दें कि एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा को लेकर महापौर और कैबिनेट मंत्री आमने-सामने हैं. महापौर मुनेश गुर्जर राजेंद्र वर्मा को निलंबित करने की मांग कर रही हैं, वहीं खाचरियावास एडमिशन कमिश्नर के समर्थन में दिख रहे हैं. इस बीच महापौर ने इशिता के पिता बनवारी और खुद के पति सुशील गुर्जर की फोन पर की गई बातचीत का ऑडियो जारी किया है, जिसमें इशिता के पिता पार्षद दशरथ सिंह का नाम लेते हुए मिलने, बात करने के लिए बुलाने का जिक्र है.

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गोद ली हुई बेटी का नाम इसलिए आया : मेयर ने जिस इशिता को गोद लिया है वो जन्म से ही यूरिनल संबंधी लाइलाज बीमारी से जूझ रही है. इशिता बचपन से ही बोल और सुन नहीं सकती. 30 दिसंबर 2020 को मेयर मुनेश गुर्जर सोढाला में रामराजपुरा कॉलोनी का निरीक्षण करते हुए इशिता के घर पहुंची थी, तब इशिता के माता-पिता ने मेयर को बच्ची की दुर्लभ बीमारी की जानकारी दी थी. परिवार की आर्थिक स्थिति देखते हुए मुनेश गुर्जर ने इशिता को 1 जनवरी 2021 को गोद लिया. तब से मेयर ही इशिता के इलाज का खर्चा उठा रही हैं. हाल ही में जब एडीशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा की ओर से मेयर पर एसटी-एससी केस लगाए जाने की बात उठी थी, तब मेयर ने दलित समाज के साथ अपने रिश्ते को दर्शाने के लिए इशिता को गोद लेने और उसका बर्थडे तक मनाने का एक वीडियो सार्वजनिक किया था. तभी से राजनीति की बिसात पर इशिता का नाम आ खड़ा हुआ. अब महापौर ने इशिता और खुद के परिवार को सुरक्षा देने की मांग उठाई है.

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