जयपुर. परकोटा क्षेत्र में सीवर और ड्रेनेज को हाईटेक तरीके से साफ किया (High Tech Equipments for cleaning sewer) जाएगा. इसके लिए हेरिटेज नगर निगम ने दो मशीनें खरीदी हैं. यहां सीवर की सफाई रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी वाली बैंडीकूट के जरिए होगी. वहीं ड्रेन क्लीनिंग मशीन मकिंग एक्सकेवेटर से नालों की सफाई की जाएगी. हेरिटेज निगम महापौर मुनेश गुर्जर ने बुधवार को दोनों मशीनों को हरी झंडी दिखाया.
महापौर मुनेश गुर्जर (Heritage Nagar Nigam) ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि कोई भी व्यक्ति मैनहोल में ना उतरे. क्योंकि ये व्यक्ति के शरीर के लिए भी हानिकारक होता है. सीवर में उतरने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. लेकिन अब मैनुअल स्कैवेंजिंग (Manual scavenging in Jaipur) को खत्म करने की ओर कदम बढ़ाया गया है. इसलिए दो मशीनें खरीदी गईं हैं.
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इनमें से एक सीवर की जबकि दूसरी नालों की सफाई करेगी. उन्होंने बताया कि परकोटे में सीवर लाइन पुरानी है, जनसंख्या ज्यादा हो चुकी है. ऐसे में सीवर जाम की समस्या बनी रहती है. लेकिन बैंडीकूट मशीन के जरिए इस समस्या का समाधान होगा. इसके अलावा मकिंग एक्सकेवेटर मशीन नालों की सफाई करेगी. ये छोटे और बड़े दोनों तरह के नालों में काम करेगी. महापौर ने कहा कि नई मशीनों से स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग में भी फायदा मिलेगा.
क्या है बैंडीकूट रोबोट : बैंडीकूट एक मकड़ी के आकार का रोबोट है जो मैनहोल्स की सफाई करता है. युवा इंजीनियरों की एक टीम ने न्यूमैटिक पावर से लैस और रिमोट चालित इस रोबोट को कुछ साल पहले ही विकसित किया था. 50 किलोग्राम भार वाली इस मशीन के रोबोटिक आर्म 360 डिग्री के कोण पर घूमते हुए कचरे को साफ करते हैं. बैंडीकूट रोबोट सीवर में फंसे कचरे को आसानी से निकालने में सक्षम है. अगर सीवर में कोई पत्थर या फिर रेत भी होती है तो ये रोबोट उसे भी निकालने में सक्षम है. सीवर इंस्पेक्शन कैमरा, पावर बकेट मशीन और पावर रोडिंग ऑपरेटर्स का काम ये एक अकेला रोबोट ही कर लेता है. इसकी लागत करीब 45 लाख है.
क्या है मकिंग एक्सकेवेटर : ये एक स्पाइडर फीचर का रोबोटिक एक्सकेवेटर है. ये तंग गलियों में जाने के लिए अपनी चौड़ाई कम और आवश्यकता पड़ने पर चौड़ाई को बढ़ा सकता है. इससे नाले और नालियों की सफाई आसानी से की जा सकती है. सफाई के दौरान ये नालियों को टूटने नहीं देती. शहर के अंदर बहुत ज्यादा बिजली के तार फैले हुए हैं. गलियों में बड़ी मशीन की छत इन तारों में फंस जाती है. लेकिन मकिंग एक्सकेवेटर डाउन होकर भी काम कर लेता है. इसका डीजल कंजम्शन भी कम है. ये 360 डिग्री घूम सकता है. इसकी लागत करीब 31 लाख है.