जयपुर. चंडीगढ़ के एयरबेस में सोमवार को इंडक्शन समारोह का अयोजन किया गया. इस दौरान चिनूक सीएच-47 को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया. यह हेलीकॉप्टर दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम है.इस मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि चिनूक सीएच-47 मिलिट्री ऑपरेशन में भाग ले सकता है. यह गेम चेंजर साबित होगा.
वहीं आपको बता दें कि चिनूक सीएच-47 की मदद से अमेरिका ने आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया था. 2015 में भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए डील की थी.
यह है चिनूक सीएच-47 की खासियत
- इस हेलीकॉप्टर में एक बार में गोला-बारूद, हथियार के अलावा सैनिकों को भी भेजा जा सकता है.
- इस हेलीकॉप्टर को रडार से पकड़ पाना मुश्किल है. इसे दो पायलट उड़ा सकते हैं.
- ये हेलीकॉप्टर 10 टन तक वजन को 20000 फीट की ऊंचाई तक लेकर उड़ सकता है.
- भारी सामानों के बावजूद ये 280 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.
- ये हेलीकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है.
- चिनूक हेलीकॉप्टर राहत और बचाव अभियानों में मददगार साबित होगा.
- भारत चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश होगा. बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी.