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ओसामा बिन लादेन का खात्मा करने वाला हेलिकॉप्टर चिनूक भारतीय वायुसेना के बेडे़ में शामिल

चिनूक सीएच-47 को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया.

हेलिकॉप्टर चिनूक भारतीय वायुसेना में शामिल
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Published : Mar 25, 2019, 2:51 PM IST

जयपुर. चंडीगढ़ के एयरबेस में सोमवार को इंडक्शन समारोह का अयोजन किया गया. इस दौरान चिनूक सीएच-47 को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया. यह हेलीकॉप्टर दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम है.इस मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि चिनूक सीएच-47 मिलिट्री ऑपरेशन में भाग ले सकता है. यह गेम चेंजर साबित होगा.

Helicopter Chinook is included in the IAF
हेलिकॉप्टर चिनूक भारतीय वायुसेना में शामिल

वहीं आपको बता दें कि चिनूक सीएच-47 की मदद से अमेरिका ने आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया था. 2015 में भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए डील की थी.

यह है चिनूक सीएच-47 की खासियत

- इस हेलीकॉप्टर में एक बार में गोला-बारूद, हथियार के अलावा सैनिकों को भी भेजा जा सकता है.

- इस हेलीकॉप्टर को रडार से पकड़ पाना मुश्किल है. इसे दो पायलट उड़ा सकते हैं.

- ये हेलीकॉप्टर 10 टन तक वजन को 20000 फीट की ऊंचाई तक लेकर उड़ सकता है.

- भारी सामानों के बावजूद ये 280 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.

- ये हेलीकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है.

- चिनूक हेलीकॉप्टर राहत और बचाव अभियानों में मददगार साबित होगा.

- भारत चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश होगा. बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी.

जयपुर. चंडीगढ़ के एयरबेस में सोमवार को इंडक्शन समारोह का अयोजन किया गया. इस दौरान चिनूक सीएच-47 को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया. यह हेलीकॉप्टर दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम है.इस मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि चिनूक सीएच-47 मिलिट्री ऑपरेशन में भाग ले सकता है. यह गेम चेंजर साबित होगा.

Helicopter Chinook is included in the IAF
हेलिकॉप्टर चिनूक भारतीय वायुसेना में शामिल

वहीं आपको बता दें कि चिनूक सीएच-47 की मदद से अमेरिका ने आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया था. 2015 में भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए डील की थी.

यह है चिनूक सीएच-47 की खासियत

- इस हेलीकॉप्टर में एक बार में गोला-बारूद, हथियार के अलावा सैनिकों को भी भेजा जा सकता है.

- इस हेलीकॉप्टर को रडार से पकड़ पाना मुश्किल है. इसे दो पायलट उड़ा सकते हैं.

- ये हेलीकॉप्टर 10 टन तक वजन को 20000 फीट की ऊंचाई तक लेकर उड़ सकता है.

- भारी सामानों के बावजूद ये 280 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.

- ये हेलीकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है.

- चिनूक हेलीकॉप्टर राहत और बचाव अभियानों में मददगार साबित होगा.

- भारत चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश होगा. बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी.

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ओसामा बिन लादेन का खात्मा करने वाला हेलिकॉप्टर चिनूक भारतीय वायुसेना में शामिल

जयपुर. चंडीगढ़ के एयरबेस में सोमवार को इंडक्शन समारोह का अयोजन किया गया. इस दौरान चिनूक सीएच-47 को भारतीय वायुसेना को सौंपा गया. यह हेलीकॉप्टर दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन करने में सक्षम है.

इस  मौके पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कहा कि चिनूक सीएच-47 मिलिट्री ऑपरेशन में भाग ले सकता है. यह गेम चेंजर साबित होगा. वहीं आपको बता दें कि चिनूक सीएच-47 की मदद से अमेरिका ने आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का खात्मा किया था. इस हेलिकॉटर का वायुसेना को और अधिक ताकतवर बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा. 2015 में भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए डील की थी.

यह है चिनूक सीएच-47 की खासियत

चिनूक हेलीकॉप्टर बहुत ऊंचाई पर उड़ान भरने के साथ ही भारी-भरकम सामान को भी काफी ऊंचाई पर आसानी से पहुंचा सकता है.अमेरिकी सेना लंबे वक्त से चिनूक का इस्तेमाल कर रहा है.

- वियतनाम युद्ध, लीबिया, ईरान, अफगानिस्तान समेत इराक में भी यह हेलीकॉप्टर बड़ी और निर्णायक भूमिका निभा चुका है.

- इस हेलीकॉप्टर में एक बार में गोला-बारूद, हथियार के अलावा सैनिकों को भी भेजा जा सकता है.

- इस हेलीकॉप्टर को रडार से पकड़ पाना मुश्किल है. इसे दो पायलट उड़ा सकते हैं.

- ये हेलीकॉप्टर 10 टन तक वजन को 20000 फीट की ऊंचाई तक लेकर उड़ सकता है.

- भारी सामानों के बावजूद ये 280 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है.

- ये हेलीकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है.



- चिनूक हेलीकॉप्टर राहत और बचाव अभियानों में मददगार साबित होगा.

- भारत चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश होगा. बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी.


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