जयपुर. कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद शुक्रवार को प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने अस्पताल का दौरा किया. ईटीवी भारत से बात करते हुए चिकित्सा मंत्री ने कहा, कि कांग्रेस ने अपने पिछले कार्यकाल में अस्पताल के लिए पैसा स्वीकृत किया था, लेकिन वह अस्पताल तक नहीं पहुंचा.
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा, कि उन्होंने जेके लोन अस्पताल का दौरा किया है. इसके अलावा सीएम अशोक गहलोत की निगरानी में एक जांच दल भी वहां भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट पेश की जा चुकी है. अब अस्पताल में हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं. शर्मा ने कहा, कि इस मामले को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा की जा रही है. उन्होंने बताया, कि दिसंबर महीने में अस्पताल में 1438 बच्चे भर्ती हुए, जिनमें से 100 बच्चों की हालत काफी क्रिटिकल थी. इसके अलावा 49 बच्चे ऐसे थे, जो अंडरवेट, प्रीमेच्योर थे. वहीं कुछ बच्चों के फेफड़ों में इन्फेक्शन था और वे निमोनिया से ग्रस्त थे. ऐसे में अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बच्चों को काफी लेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया. ऐसे में उन्हें बचाया नहीं जा सका.
कांग्रेस सरकार ने अस्पताल के लिए जारी किया था बजट
चिकित्सा मंत्री ने कहा, कि साल 2012 में जब कांग्रेस की सरकार थी और अशोक गहलोत सीएम थे तो उन्होंने अस्पताल के लिए करीब 5 से 6 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था. जिसमें 60 गायनिक वार्ड और 60 पीडियाट्रिक वार्ड बनने थे और जुलाई 2012 में इसकी वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो गई थी, लेकिन इसके बाद बीजेपी की सरकार आई और उन्होंने सिर्फ 1.7 करोड़ रुपए की लागत से गायनिक वार्ड ही बनाए. पीडियाट्रिक वार्ड का निर्माण तो हुआ ही नहीं. बाकी बचा हुआ बजट कहां गया, इसका कोई पता नहीं.
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भाजपा को नसीहत देते हुए शर्मा ने कहा, कि अगर कांग्रेस सरकार के दौरान स्वीकृत हुआ पैसा अस्पताल में लगाया जाता तो आज हालात इस तरह के नहीं होते. शर्मा ने कहा, कि साल 2015 में अस्पताल की ओर से 8 करोड़ रुपए की मांग की गई थी लेकिन बीजेपी की सरकार ने अस्पताल के लिए पैसा जारी नहीं किया. इसके बाद साल 2016 में 9.25 करोड़ रुपए की मांग फिर अस्पताल की ओर से की गई, ताकि अस्पताल में इलाज को लेकर जरूरी उपकरण खरीदे जा सकें, लेकिन उसके लिए भी पैसा जारी नहीं किया गया.