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Postal Assistant promotion exam: परीक्षा निरस्त करने का आदेश सही, हाईकोर्ट ने कैट के आदेश को किया रद्द - राजस्थान हाईकोर्ट

डाक विभाग ने डाक सहायक के पद पर पदोन्नति के लिए वर्ष 2019 में विभागीय पदोन्नति परीक्षा आयोजित की थी. इस दौरान पेपर लीक के चलते परीक्षा रद्द की गई थी. इस आदेश को कैट ने रद्द किया था. अब हाईकोर्ट ने परीक्षा निरस्त करने के आदेश को सही माना (HC uphold decision of Postal department) है.

HC uphold decision of Postal department that cancelled Postal Assistant promotion exam
Postal Assistant promotion exam: परीक्षा निरस्त करने का आदेश सही, हाईकोर्ट ने कैट के आदेश को किया रद्द
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Published : Jan 12, 2023, 7:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने डाक विभाग की राजस्थान सर्किल के लिए वर्ष 2019 में आयोजित पदोन्नति परीक्षा को पेपर लीक के चलते विभाग की ओर से रद्द करने को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के 18 दिसंबर, 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें अधिकरण ने परीक्षा रद्द करने के विभाग के आदेश को निरस्त कर दिया था. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश डाक विभाग, भारत सरकार की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राजस्थान सर्किल में प्रश्न पत्र लीक होना प्रथम दृष्टया साबित है. इस संबंध में प्राधिकारियों ने जांच कर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया था और इसी कारण से परीक्षा रद्द की गई थी. अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा तथ्य सामने नहीं आया कि यहां लीक हुए प्रश्न पत्र का लाभ अन्य सर्किलों के अभ्यर्थियों ने उठाया हो और यह मान भी लें कि अन्य सर्किलों में गलत रूप से पदोन्नति दी गई है, तो भी अभ्यर्थी इस गलती को यहां लागू करने का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि नकारात्मक समानता का विधि में कोई अधिकार नहीं है.

पढ़ें: डाक सहायक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले अभ्यर्थी के खिलाफ मामला दर्ज

केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने अदालत को बताया कि विभाग ने डाक सहायक के पद पर पदोन्नति के लिए वर्ष 2019 में विभागीय पदोन्नति परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें हजारों कर्मचारी शामिल हुए थे. वहीं प्रथम और द्वितीय प्रश्न पत्र का परिणाम 24 जनवरी, 2020 को घोषित किया गया और सफल अभ्यर्थियों को तृतीय प्रश्न पत्र के लिए 9 फरवरी, 2020 को बुलाया गया. इसी बीच विभाग को पता चला कि राजस्थान सर्किल की परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा तिथि से पूर्व ही कुछ लोगों को प्राप्त हो गया था. ऐसे में विभाग ने 3 अप्रैल, 2020 को परीक्षा निरस्त कर दी.

पढ़ें: फर्जी अंकतालिका मामले में डाक सहायक का पीए गिरफ्तार

वहीं मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. जिसकी जांच फिलहाल सीबीआई के पास लंबित है. परीक्षा निरस्त करने के आदेश को कुछ अभ्यर्थियों ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने चुनौती दी. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने माना कि पूरी परीक्षा को निरस्त करना सही नहीं था और पेपर लीक का लाभ लेने वालों को अलग किया जा सकता था. वहीं सीबीआई जांच भी पूरी नहीं हुई है. इसलिए प्रशासनिक आधारों का हवाला देकर सर्किल की पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती. इसके साथ ही अधिकरण ने परीक्षा निरस्त करने के विभागीय आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने डाक विभाग की राजस्थान सर्किल के लिए वर्ष 2019 में आयोजित पदोन्नति परीक्षा को पेपर लीक के चलते विभाग की ओर से रद्द करने को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के 18 दिसंबर, 2020 के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें अधिकरण ने परीक्षा रद्द करने के विभाग के आदेश को निरस्त कर दिया था. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश डाक विभाग, भारत सरकार की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राजस्थान सर्किल में प्रश्न पत्र लीक होना प्रथम दृष्टया साबित है. इस संबंध में प्राधिकारियों ने जांच कर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया था और इसी कारण से परीक्षा रद्द की गई थी. अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा तथ्य सामने नहीं आया कि यहां लीक हुए प्रश्न पत्र का लाभ अन्य सर्किलों के अभ्यर्थियों ने उठाया हो और यह मान भी लें कि अन्य सर्किलों में गलत रूप से पदोन्नति दी गई है, तो भी अभ्यर्थी इस गलती को यहां लागू करने का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि नकारात्मक समानता का विधि में कोई अधिकार नहीं है.

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केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने अदालत को बताया कि विभाग ने डाक सहायक के पद पर पदोन्नति के लिए वर्ष 2019 में विभागीय पदोन्नति परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें हजारों कर्मचारी शामिल हुए थे. वहीं प्रथम और द्वितीय प्रश्न पत्र का परिणाम 24 जनवरी, 2020 को घोषित किया गया और सफल अभ्यर्थियों को तृतीय प्रश्न पत्र के लिए 9 फरवरी, 2020 को बुलाया गया. इसी बीच विभाग को पता चला कि राजस्थान सर्किल की परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा तिथि से पूर्व ही कुछ लोगों को प्राप्त हो गया था. ऐसे में विभाग ने 3 अप्रैल, 2020 को परीक्षा निरस्त कर दी.

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वहीं मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. जिसकी जांच फिलहाल सीबीआई के पास लंबित है. परीक्षा निरस्त करने के आदेश को कुछ अभ्यर्थियों ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने चुनौती दी. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने माना कि पूरी परीक्षा को निरस्त करना सही नहीं था और पेपर लीक का लाभ लेने वालों को अलग किया जा सकता था. वहीं सीबीआई जांच भी पूरी नहीं हुई है. इसलिए प्रशासनिक आधारों का हवाला देकर सर्किल की पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती. इसके साथ ही अधिकरण ने परीक्षा निरस्त करने के विभागीय आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

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