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Rainwater harvesting: भविष्य में जल संकट से बचने के लिए सहेजें वर्षा जल की एक-एक बूंद: महेश जोशी

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री डॉ महेश जोशी का कहना है (Mahesh Joshi on conservation of water) कि भविष्य में जल संकट को देखते हुए वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजना चाहिए. साथ ही वर्षा जल को स्टोर करने के तकनीकी उपायों को अपनाने की जरूरत है.

Ground water minister Dr Mahesh Joshi urges to save water and rainwater harvesting
Rainwater harvesting: भविष्य में जल संकट से बचने के लिए सहेजें वर्षा जल की एक-एक बूंद: महेश जोशी
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Published : Jan 12, 2023, 6:53 PM IST

जयपुर. भविष्य में जल संकट की भयावहता से बचने के लिए वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजने एवं तकनीक का उपयोग कर पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की जरूरत है. यह कहना है जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी का.

डॉ जोशी गुरूवार को राजस्थान राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा के सभागार में अटल भूजल योजना के समयबद्ध और सफल क्रियान्वयन में पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. जोशी ने अटल भूजल योजना में सहभागी विभागों विशेषकर पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनश्चित किये जाने की आवयश्कता जताई. उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग अटल भूजल योजना में सक्रिय भूमिका निभाए.

पढ़ें: भूजल दोहन से उपजे जल संकट को परंपरागत तरीकों से कर सकते हैं दूर: जल प्रहरी पुरस्कार से सम्मानित जयेश जोशी

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने योजना में सक्रिय सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया. साथ ही योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सहभागी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने की बात कही. उन्होंने भूजल विभाग को अन्य सहभागी विभागों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए. पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने नियमित बैठकों के आयोजन के लिए जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए.

पढ़ें: Alwar Water Crisis: रिपोर्ट में खुलासा...अलवर में जितना पानी जमीन में रिचार्ज हो रहा है...उससे दोगुना है खपत

कार्यशाला में परियोजना क्षेत्र से संबंधित 17 जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, 17 जिला नोडल अधिकारी अधिशाषी अभियंता, ब्लॉक विकास अधिकारी, सहभागी विभागों के अधिकारियों सहित 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया. योजना में पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किये जाने के निर्देश दिये गये. कार्यशाला में परियोजना क्षेत्र में गिरते भूजल को रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने की.

जयपुर. भविष्य में जल संकट की भयावहता से बचने के लिए वर्षा जल की एक-एक बूंद को सहेजने एवं तकनीक का उपयोग कर पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण की जरूरत है. यह कहना है जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री डॉ. महेश जोशी का.

डॉ जोशी गुरूवार को राजस्थान राज्य कृषि अनुसंधान केन्द्र, दुर्गापुरा के सभागार में अटल भूजल योजना के समयबद्ध और सफल क्रियान्वयन में पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी करने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. जोशी ने अटल भूजल योजना में सहभागी विभागों विशेषकर पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनश्चित किये जाने की आवयश्कता जताई. उन्होंने कहा कि पंचायतीराज विभाग अटल भूजल योजना में सक्रिय भूमिका निभाए.

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जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने योजना में सक्रिय सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया. साथ ही योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सहभागी विभागों की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने की बात कही. उन्होंने भूजल विभाग को अन्य सहभागी विभागों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए. पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने नियमित बैठकों के आयोजन के लिए जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए.

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कार्यशाला में परियोजना क्षेत्र से संबंधित 17 जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, 17 जिला नोडल अधिकारी अधिशाषी अभियंता, ब्लॉक विकास अधिकारी, सहभागी विभागों के अधिकारियों सहित 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया. योजना में पंचायतीराज विभाग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किये जाने के निर्देश दिये गये. कार्यशाला में परियोजना क्षेत्र में गिरते भूजल को रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने की.

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