जयपुर. नगरीय निकायों की ओर से डेयरी बूथ आवंटन के लिए निकाली जा रही लॉटरी को लेकर अंसतोष सामने आया है. ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने डेयरी बूथ आवंटन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की आंशका जताई है. साथ ही निगम के कार्यों में जनप्रतिनिधियों को गौण किए जाने का आरोप लगाते हुए सीएम को पत्र लिखा है.
ग्रेटर नगर निगम में 563 डेयरी बूथों के लिए 19 हजार 905 आवेदन आए थे. इनमें से 10 हजार 158 आवेदनों को स्वीकृत किया गया, जबकि 7 हजार 29 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया. स्वीकृत आवेदनों में से ही 2 हजार 718 आवेदन ऐसे थे जिन्हें एक ही जनाधार से एक से ज्यादा बार आवेदन किए गए थे. आखिर में श्रेणी वार 563 के चार गुना आवेदनों की गुरुवार को 2252 आवेदनों की लॉटरी निकाली गई.
पढ़ें. 563 डेयरी बूथ आवंटन के लिए निकाली लॉटरी, 10 से 26 अप्रैल तक होंगे साक्षात्कार
इस पर ग्रेटर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही अधिकारियों को साक्षात्कार के जरिए आवेदकों को बूथ आवंटन करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि जयपुर ग्रेटर निगम के क्षेत्र में 563 डेयरी बूथ का आवंटन किया जा रहा है. इस पूरी प्रक्रिया में चुने हुए जनप्रतिनिधियों की कोई सहभागिता नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बारे में न महापौर को जानकारी है, न उपमहापौर को और न ही लाइसेंस समिति के चेयरमैन को कुछ पता है.
पढ़ें. Saras dairy in Chittorgarh: 75 करोड़ की लागत से लगेगा पाउडर प्लांट, प्रतापगढ़ में खुलेगी नई डेयरी
अधिकारियों की ओर से सरकार के संरक्षण में डेयरी बूथों का आवंटन किया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया है कि जो लॉटरी निकाली गई है उसका आधार क्या है और आवंटन किस आधार पर होगा, इसकी भी कोई जानकारी अधिकारियों या सरकार की ओर से चुने हुए जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गई है. इससे पहले जो भी आवंटन होता था वह बोर्ड के माध्यम से और लाइसेंस कमेटी के जरिए होता था.
जब तक निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता था तब तक पारदर्शिता पर सवाल उठते रहेंगे. उन्होंने कहा कि ये आवंटन पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगा और जिन लोगों को वास्तविकता में डेयरी की आवश्यकता है, उन्हें डेयरी नहीं मिल पाएगी. इस पर उन्होंने सरकार से तुरंत संज्ञान लेने की अपील की और इस संबंध में सीएम को पत्र भी लिखा है.