ETV Bharat / state

अपनी मांगों के समर्थन में कर्मचारी 11 को निकालेंगे विशाल रैली

author img

By

Published : Aug 2, 2023, 4:22 PM IST

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले बुधवार को कर्मचारियों ने आंदोलन किया. इस दौरान ऐलान किया कि आगामी 11 अगस्त को जयपुर में विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा.

government employees protest in Jaipur, announces big rally on August 11
अपनी मांगों के समर्थन में कर्मचारी 11 को निकालेंगे विशाल रैली

जयपुर. विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ अब सरकारी कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. प्रदेश भर में कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले बुधवार को जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया. महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तो 11 अगस्त को जयपुर में एक विशाल रैली निकाली जाएगी और आने वाले विधानसभा चुनाव में कर्मचारी सरकार के खिलाफ वोट करेंगे.

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुए. सरकारी कर्मचारियों के साथ ठेकाकर्मी भी धरने में शामिल हुए जिनमें महिलाओं की संख्या भी काफी अधिक थी. कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया और जमकर नारेबाजी की. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर महासंघ से जुड़े हुए कर्मचारी नेताओं ने कर्मचारियों को संबोधित किया. धरने के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम दिनेश कुमार शर्मा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से ज्ञापन भी दिया गया.

पढ़ें: Jail guards hunger strike: भूखे ड्यूटी कर रहे जेलकर्मी, तबीयत बिगड़ने पर 640 कर्मचारी अस्पताल में भर्ती

राठौड़ ने बताया कि खेमराज कमेटी और सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. यदि जल्द ही दोनों ही कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया, तो 11 अगस्त को जयपुर में विशाल रैली आयोजित की जाएगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ध्यान रखें कि पिछली बार की पुनरावृति ना हो. कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होने पर पिछले चुनाव में कर्मचारियों ने वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ वोट किया था.

राठौड़ ने चेतावनी दी कि गहलोत सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कर्मचारी गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करेंगे. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में राज्य कर्मचारी से उनके वेतन विसंगतियों को दूर करने और संविदा कर्मियों सहित अन्य अस्थाई कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के सारे साढ़े चार साल पूरे होने के बाद भी उन वादों को पूरा नहीं किया. इससे सरकारी कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ें: सचिवालय कूच करने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, जमकर हुई धक्का-मुक्की

राठौड़ ने कहा कि महासंघ ने लंबित मांगों को लेकर 2 मार्च को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन 27 व 28 फरवरी को प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग ने महासंघ के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर वित्तीय मांगों पर मुख्यमंत्री स्तर पर वार्ता कराने का भरोसा दिलाया और विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रद्द करवा दिया था, लेकिन अब तक न तो कोई आदेश पारित हुए और ना ही इस संबंध में कोई कार्यवाही हुई.

पढ़ें: तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती की मांग को लेकर 19 को प्रदर्शन, ढोल नगाड़े बजा अधिकारियों को जगायेंगे नींद से

राठौड़ ने बताया कि वेतन विसंगतियों के लिए गठित खेमराज चौधरी और सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, संविदाकर्मी सहित सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, चयनित वेतनमान का लाभ 9, 18, 27 वर्ष के स्थान पर 8,16, 24, 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के सामान देने, अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने, ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत ग्रामीण भत्ता देने और अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग को सचिवालय कर्मियों के समान पदोन्नति व वेतन भत्ते देने, द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे 4200 करने की मांग की गई है.

राठौड़ ने कहा कि निविदा और संविदा पर लगे कार्मिकों को न्यूनतम मेहनताना 18 हजार रुपये करने, एमटीएस का पद सृजित कर सहायक कर्मचारियों को उसमे समायोजित करने, सत्र 2009-10 पातेय वेतन पर पदस्थापित वरिष्ठ अध्यापक और प्रधानाध्यापक ग्रेड 11 को एडहोक प्रमोशन की दिनांक से नियमित सुनिश्चित करने की मांग की गई. राठौड़ ने पेंशनर्स को भी 75 और 80 साल पर 10-10 प्रतिशत पेंशन वृद्धि के स्थान पर65, 70, 75, और 80 साल के होने पर 5-5 प्रतिशत पेंशन वृद्धि करने की मांग की. धरने में प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष छोटे लाल मीणा, भंवर सिंह, अमरजीत सिंह सैनी, सुरेश नारायण शर्मा, कुलदीप यादव, ओम प्रकाश चौधरी, राजेंद्र शर्मा, महेश कुमार, धर्मपाल चौहान आदि मौजूद रहे.

जयपुर. विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ अब सरकारी कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. प्रदेश भर में कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले बुधवार को जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया. महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तो 11 अगस्त को जयपुर में एक विशाल रैली निकाली जाएगी और आने वाले विधानसभा चुनाव में कर्मचारी सरकार के खिलाफ वोट करेंगे.

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुए. सरकारी कर्मचारियों के साथ ठेकाकर्मी भी धरने में शामिल हुए जिनमें महिलाओं की संख्या भी काफी अधिक थी. कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया और जमकर नारेबाजी की. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर महासंघ से जुड़े हुए कर्मचारी नेताओं ने कर्मचारियों को संबोधित किया. धरने के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम दिनेश कुमार शर्मा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम से ज्ञापन भी दिया गया.

पढ़ें: Jail guards hunger strike: भूखे ड्यूटी कर रहे जेलकर्मी, तबीयत बिगड़ने पर 640 कर्मचारी अस्पताल में भर्ती

राठौड़ ने बताया कि खेमराज कमेटी और सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने से कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. यदि जल्द ही दोनों ही कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया, तो 11 अगस्त को जयपुर में विशाल रैली आयोजित की जाएगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ध्यान रखें कि पिछली बार की पुनरावृति ना हो. कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं होने पर पिछले चुनाव में कर्मचारियों ने वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ वोट किया था.

राठौड़ ने चेतावनी दी कि गहलोत सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती है, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कर्मचारी गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करेंगे. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में राज्य कर्मचारी से उनके वेतन विसंगतियों को दूर करने और संविदा कर्मियों सहित अन्य अस्थाई कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के सारे साढ़े चार साल पूरे होने के बाद भी उन वादों को पूरा नहीं किया. इससे सरकारी कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ें: सचिवालय कूच करने वाले मंत्रालयिक कर्मचारियों को पुलिस ने रोका, जमकर हुई धक्का-मुक्की

राठौड़ ने कहा कि महासंघ ने लंबित मांगों को लेकर 2 मार्च को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन 27 व 28 फरवरी को प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग ने महासंघ के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर वित्तीय मांगों पर मुख्यमंत्री स्तर पर वार्ता कराने का भरोसा दिलाया और विधानसभा घेराव का कार्यक्रम रद्द करवा दिया था, लेकिन अब तक न तो कोई आदेश पारित हुए और ना ही इस संबंध में कोई कार्यवाही हुई.

पढ़ें: तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती की मांग को लेकर 19 को प्रदर्शन, ढोल नगाड़े बजा अधिकारियों को जगायेंगे नींद से

राठौड़ ने बताया कि वेतन विसंगतियों के लिए गठित खेमराज चौधरी और सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, संविदाकर्मी सहित सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, चयनित वेतनमान का लाभ 9, 18, 27 वर्ष के स्थान पर 8,16, 24, 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के सामान देने, अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने, ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों को मूल वेतन का 10 प्रतिशत ग्रामीण भत्ता देने और अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग को सचिवालय कर्मियों के समान पदोन्नति व वेतन भत्ते देने, द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे 4200 करने की मांग की गई है.

राठौड़ ने कहा कि निविदा और संविदा पर लगे कार्मिकों को न्यूनतम मेहनताना 18 हजार रुपये करने, एमटीएस का पद सृजित कर सहायक कर्मचारियों को उसमे समायोजित करने, सत्र 2009-10 पातेय वेतन पर पदस्थापित वरिष्ठ अध्यापक और प्रधानाध्यापक ग्रेड 11 को एडहोक प्रमोशन की दिनांक से नियमित सुनिश्चित करने की मांग की गई. राठौड़ ने पेंशनर्स को भी 75 और 80 साल पर 10-10 प्रतिशत पेंशन वृद्धि के स्थान पर65, 70, 75, और 80 साल के होने पर 5-5 प्रतिशत पेंशन वृद्धि करने की मांग की. धरने में प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष छोटे लाल मीणा, भंवर सिंह, अमरजीत सिंह सैनी, सुरेश नारायण शर्मा, कुलदीप यादव, ओम प्रकाश चौधरी, राजेंद्र शर्मा, महेश कुमार, धर्मपाल चौहान आदि मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.