जयपुर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों को नए सत्र में पाठ्यक्रम के साथ-साथ आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि स्कूल आते-जाते समय या बाजार में मनचलों से बचने की बजाए उन्हें सबक सिखा सकें. बीते सत्रों में कुछ स्कूलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया भी गया, लेकिन अब शिक्षा महकमा इसे प्रदेश के उन सभी सरकारी स्कूलों में शुरू करने जा रहा है, जहां छात्राएं अध्यनरत हैं. इन छात्राओं को स्कूल के पीटीआई नियमित कक्षाएं देंगे. इसके अलावा समय-समय पर स्पेशल ट्रेनिंग के लिए एक्सपर्ट और कमांडर्स भी छात्राओं को गुर सिखाएंगे.
किसी भी बदमाश की फब्तियां सुनने की बजाए अब स्कूल की छात्राएं उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगी. शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में छात्राओं को कराटे, ब्लॉकिंग, हैंड मूवमेंट, प्राणायाम, योगासन जैसे कार्यक्रमों के जरिए आत्मरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि आईटी एजुकेशन और विशेष बच्चों की शिक्षा के अलावा इस बार काउंसलिंग बढ़ाने पर फोकस रहेगा. इसके अलावा कुछ स्कूलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है. इसे और पुख्ता तरीके से बनाए रखने की कोशिश करेंगे. इस प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उन सभी सरकारी स्कूलों में शुरू किया जाएगा, जहां छात्राएं अध्यनरत हैं.
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वहीं, माध्यमिक शिक्षा जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि विद्यालयों में छात्राओं को डिफेंस के साथ-साथ अटैक करना भी सिखाया जाता है. इसके लिए स्कूलों में लगे शारीरिक शिक्षकों को पहले ट्रेनिंग दी गई और अब वही शिक्षक स्कूलों में छात्रों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी कुछ स्कूलों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है लेकिन नए सत्र में प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में विशेषकर जहां छात्राएं पड़ रही है, वहां आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसमें ना सिर्फ पीटीआई टीचर बल्कि एक्सपर्ट और पुलिस प्रशासन के ट्रेंड कमांडर्स भी बुलाए जाएंगे. जो छात्रों को मोटिवेट भी करेंगे और गुर भी सिखाएंगे. बीते सत्रों में जिन स्कूलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम चले उनमें कुछ छात्राएं ऐसी है, जिनका प्रदर्शन देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं. अब प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि छात्राओं को कोई अबला न समझें.