जयपुर. विश्व में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और कोरोना के नए स्ट्रेन बीएफ.7 के मामले विश्व के कुछ देशों में तेजी से देखने को मिल रहे हैं. जिसके बाद राजस्थान में भी जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई है और कोरोना से संक्रमित मरीजों के सैंपल लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है. फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा एसएमएस मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध (Genome Sequencing in SMS of Jaipur) है, लेकिन जल्द ही कोटा और जोधपुर में भी इसे शुरू करने की बात कही जा रही है.
राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डॉ सुधीर भंडारी का कहना है कि विश्व के कुछ देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके बाद राजस्थान में भी सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. फिलहाल राजस्थान में स्थिति सामान्य है और कोरोना संक्रमित मरीजों की जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू की है. डॉक्टर भंडारी का कहना है कि फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग के जो डाटा प्राप्त हुए हैं उनमें ओमिक्रोन के मामले ही देखने को मिले हैं.
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फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले सामने नहीं आए हैं. यह एक राहत भरी खबर है. इसके अलावा फिलहाल जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही जोधपुर मेडिकल कॉलेज और कोटा मेडिकल कॉलेज में भी जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा शुरू कर दी जाएगी. हालांकि जोधपुर एम्स में जिनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है.
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हालात फिलहाल सामान्य: वहीं चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में कोविड पॉजिटिवीटी रेट मात्र 0.1 प्रतिशत है और स्थिति एकदम सामान्य है. फिर भी किसी कारण से यदि संक्रमण दर बढ़ती है, तो विभाग हर परिस्थिति से निटपने के लिए पूरी तरह तैयार है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर एवं आईसीयू बैड्स उपलब्ध हैं और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय फ्लाईट्स से आने वाले यात्रियों में से 2 प्रतिशत यात्रियों की स्क्रीनिंग करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.