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जीनोम सिक्वेंसिंग: 99 फीसदी मामलों में ओमिक्रोन डिटेक्ट, कोटा और जोधपुर में जल्द शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

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Published : Dec 30, 2022, 8:36 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 11:04 PM IST

कोरोना के एक बा​र फिर बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई (Genome Sequencing in Rajasthan) है. हालांकि इससे प्राप्त डाटा में ओमिक्रोन के ही मामले देखने को मिले हैं. नए वैरिएंट बीएफ.7 के मामले सामने नहीं आए हैं. एसएमएस के अलावा कोटा और जोधपुर में भी जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा शुरू की जाएगी.

Genome Sequencing in Rajasthan begins, only omicron detected in 99 percent cases
जीनोम सिक्वेंसिंग: 99 फीसदी मामलों में ओमिक्रोन डिटेक्ट, कोटा और जोधपुर में जल्द शुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
क्या अब तक राजस्थान में मिला कोई कोरोना के नए वैरिएंट का मरीज...

जयपुर. विश्व में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और कोरोना के नए स्ट्रेन बीएफ.7 के मामले विश्व के कुछ देशों में तेजी से देखने को मिल रहे हैं. जिसके बाद राजस्थान में भी जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई है और कोरोना से संक्रमित मरीजों के सैंपल लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है. फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा एसएमएस मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध (Genome Sequencing in SMS of Jaipur) है, लेकिन जल्द ही कोटा और जोधपुर में भी इसे शुरू करने की बात कही जा रही है.

राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डॉ सुधीर भंडारी का कहना है कि विश्व के कुछ देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके बाद राजस्थान में भी सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. फिलहाल राजस्थान में स्थिति सामान्य है और कोरोना संक्रमित मरीजों की जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू की है. डॉक्टर भंडारी का कहना है कि फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग के जो डाटा प्राप्त हुए हैं उनमें ओमिक्रोन के मामले ही देखने को मिले हैं.

पढ़ें: कोविड वैक्सीनेशन के लिए लगेंगे कैंप, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के पास नहीं कोविशील्ड और कॉर्बेक्स

फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले सामने नहीं आए हैं. यह एक राहत भरी खबर है. इसके अलावा फिलहाल जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही जोधपुर मेडिकल कॉलेज और कोटा मेडिकल कॉलेज में भी जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा शुरू कर दी जाएगी. हालांकि जोधपुर एम्स में जिनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है.

पढ़ें: Genome Sequencing Test in Jodhpur: जोधपुर में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग, डॉक्टरों की ट्रेनिंग शुरू

हालात फिलहाल सामान्य: वहीं चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में कोविड पॉजिटिवीटी रेट मात्र 0.1 प्रतिशत है और स्थिति एकदम सामान्य है. फिर भी किसी कारण से यदि संक्रमण दर बढ़ती है, तो विभाग हर परिस्थिति से निटपने के लिए पूरी तरह तैयार है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर एवं आईसीयू बैड्स उपलब्ध हैं और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय फ्लाईट्स से आने वाले यात्रियों में से 2 प्रतिशत यात्रियों की स्क्रीनिंग करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

क्या अब तक राजस्थान में मिला कोई कोरोना के नए वैरिएंट का मरीज...

जयपुर. विश्व में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और कोरोना के नए स्ट्रेन बीएफ.7 के मामले विश्व के कुछ देशों में तेजी से देखने को मिल रहे हैं. जिसके बाद राजस्थान में भी जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई है और कोरोना से संक्रमित मरीजों के सैंपल लेकर जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है. फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा एसएमएस मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध (Genome Sequencing in SMS of Jaipur) है, लेकिन जल्द ही कोटा और जोधपुर में भी इसे शुरू करने की बात कही जा रही है.

राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस चांसलर डॉ सुधीर भंडारी का कहना है कि विश्व के कुछ देशों में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसके बाद राजस्थान में भी सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. फिलहाल राजस्थान में स्थिति सामान्य है और कोरोना संक्रमित मरीजों की जिनोम सिक्वेंसिंग शुरू की है. डॉक्टर भंडारी का कहना है कि फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग के जो डाटा प्राप्त हुए हैं उनमें ओमिक्रोन के मामले ही देखने को मिले हैं.

पढ़ें: कोविड वैक्सीनेशन के लिए लगेंगे कैंप, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के पास नहीं कोविशील्ड और कॉर्बेक्स

फिलहाल जिनोम सिक्वेंसिंग में कोरोना के नए स्ट्रेन के मामले सामने नहीं आए हैं. यह एक राहत भरी खबर है. इसके अलावा फिलहाल जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही जोधपुर मेडिकल कॉलेज और कोटा मेडिकल कॉलेज में भी जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा शुरू कर दी जाएगी. हालांकि जोधपुर एम्स में जिनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है.

पढ़ें: Genome Sequencing Test in Jodhpur: जोधपुर में भी होगी जीनोम सिक्वेंसिंग, डॉक्टरों की ट्रेनिंग शुरू

हालात फिलहाल सामान्य: वहीं चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में कोविड पॉजिटिवीटी रेट मात्र 0.1 प्रतिशत है और स्थिति एकदम सामान्य है. फिर भी किसी कारण से यदि संक्रमण दर बढ़ती है, तो विभाग हर परिस्थिति से निटपने के लिए पूरी तरह तैयार है. चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि प्रदेश में ऑक्सीजन, वेंटीलेटर एवं आईसीयू बैड्स उपलब्ध हैं और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय फ्लाईट्स से आने वाले यात्रियों में से 2 प्रतिशत यात्रियों की स्क्रीनिंग करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

Last Updated : Dec 30, 2022, 11:04 PM IST
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