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गहलोत के मंत्री और ब्यूरोक्रेट्स में ठनी! खफा आईएएस एसोसिएशन ने दिया ज्ञापन

अब तक गहलोत सरकार के मंत्री नौकरशाहों को लेकर बयान देते रहे (Gehlot Ministers And Bureaucrats Face off), उन्हें कटघरे में खड़ा करते रहे. अब मंत्री बनाम ब्यूरोक्रेसी पार्ट टू शुरू हो गया है यानी नौकरशाहों ने मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजस्थान के अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि IAS Lobby ने सीएम के नाम सीधे-सीधे ज्ञापन सौंपा हो.

Gehlot Ministers And Bureaucrats Face off
IAS Lobby ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
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Published : Nov 22, 2022, 12:12 PM IST

जयपुर. ब्यूरोक्रेसी और गहलोत सरकार के मंत्रियों के बीच की अदावत के किस्से सुनाए जाते रहे हैं. लेकिन अब ये तकरार खुलकर सामने आने लगी है. ताजा मामला बीकानेर में मंत्री रमेश मीणा और जिला कलेक्टर के बीच का है. मंत्री ने जिला कलेक्टर को मीटिंग से बाहर भेजा था. इसे लेकर अब ब्यूरोक्रेसी लामबंद हो गई है (Gehlot Ministers Vs Bureaucracy). आईएएस एसोसिएशन ने इस घटना को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा है. राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार ही हुआ है.

25 आईएएस ने सीएस से की मुलाकात- एसोसिएशन की ओर से दिए गए इस ज्ञापन में 25 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अधिकारियों के साथ में जनप्रतिनिधियों का व्यवहार किया जा रहा है , वो ठीक नहीं है. ज्ञापन में बीकानेर जिला कलेक्टर के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से ग्रामीण एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा की ओर से व्यवहार किया गया वो ठीक नही है.

कहा गया कि अगर कोई भी अधिकारी काम ठीक से नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है , लेकिन सिर्फ पब्लिक में तालियां बजाने के लिए किसी अधिकारी को इस तरह से सबके सामने जलील करना ठीक नहीं है. इस तरह के व्यवहार से अधिकारियों का मनोबल टूटता है. ज्ञापन में रमेश मीणा के अलवर जिला कलेक्टर संग किए व्यवहार का भी जिक्र है. कहा गया है कि यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले अलवर में भी इसी तरह से रमेश मीणा ने जिला कलेक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया था.

Gehlot Ministers And Bureaucrats Face off
आईएएस एसोसिएशन ने दिया ज्ञापन

सीएम से कठोर कार्रवाई की मांग- आईएएस एसोसिएशन ने उषा शर्मा को दिए ज्ञापन में मांग की है कि मंत्री मीणा के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बढ़ रही ऐसी घटनाओं से फील्ड में काम करने वाले मेहनती और ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिर रहा है. ज्ञापन में कहा गया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ पब्लिसिटी के लिए विपरीत टिप्पणियां करते रहते हैं जबकि यदि किसी अधिकारी का काम असंतोषजनक हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.

एसोसिएशन ने सीएम गहलोत से इस प्रकरण में जरूरी कार्रवाई की मांग करते हुए ये सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि भविष्य में ऐसे प्रकरण दोहराए ना जाएं. कहा गया है कि सीएम ऐसे प्रकरणों की सार्वजनिक निंदा करें तो ये प्रशंसनीय होगा क्योंकि राजस्थान ऐसे राज्य के रूप में जाना जाता है जहां अफसरों और नेताओं में तालमेल और अंडरस्टैंडिंग है. सीएस उषा शर्मा ने आईएएस अधिकारियों की भावना से सहमति जताते हुए सीएम के आने के बाद इस बारे में बात करने का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ें-मंत्री रमेश मीणा ने जिला कलेक्टर को संवाद कार्यक्रम से निकाला बाहर, जानिए क्यों...

ये भी पढ़ें-रमेश मीणा ने कलेक्टर को संवाद कार्यक्रम से क्यों बाहर निकाला, खुद मंत्री ने बताई वजह

मंत्री ने कलेक्टर को भेजा मीटिंग से बाहर- दरअसल, सोमवार सुबह (21 नवंबर 2022) बीकानेर के रविंद्र रंगमंच पर चल रहे कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा सरकार की योजनाओं के बारे में बोल रहे थे. इस दौरान मीणा ने पीछे मुड़कर देखा तो कलेक्टर मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे. मीणा ने कहा, हम सरकार की योजनाओं पर बात कर रहे हैं. आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे हैं? क्या इस सरकार पर ब्यूरोक्रेट इतने हावी हो गए हैं? इस पर कलेक्टर उठकर जाने लगे. फिर मंत्री कह दिया, आप यहां से जाइए. इसके बाद कुछ अन्य लोगों ने कॉल किया और कलेक्टर को वापस बुलाया.

जयपुर. ब्यूरोक्रेसी और गहलोत सरकार के मंत्रियों के बीच की अदावत के किस्से सुनाए जाते रहे हैं. लेकिन अब ये तकरार खुलकर सामने आने लगी है. ताजा मामला बीकानेर में मंत्री रमेश मीणा और जिला कलेक्टर के बीच का है. मंत्री ने जिला कलेक्टर को मीटिंग से बाहर भेजा था. इसे लेकर अब ब्यूरोक्रेसी लामबंद हो गई है (Gehlot Ministers Vs Bureaucracy). आईएएस एसोसिएशन ने इस घटना को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा है. राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार ही हुआ है.

25 आईएएस ने सीएस से की मुलाकात- एसोसिएशन की ओर से दिए गए इस ज्ञापन में 25 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अधिकारियों के साथ में जनप्रतिनिधियों का व्यवहार किया जा रहा है , वो ठीक नहीं है. ज्ञापन में बीकानेर जिला कलेक्टर के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से ग्रामीण एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा की ओर से व्यवहार किया गया वो ठीक नही है.

कहा गया कि अगर कोई भी अधिकारी काम ठीक से नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है , लेकिन सिर्फ पब्लिक में तालियां बजाने के लिए किसी अधिकारी को इस तरह से सबके सामने जलील करना ठीक नहीं है. इस तरह के व्यवहार से अधिकारियों का मनोबल टूटता है. ज्ञापन में रमेश मीणा के अलवर जिला कलेक्टर संग किए व्यवहार का भी जिक्र है. कहा गया है कि यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले अलवर में भी इसी तरह से रमेश मीणा ने जिला कलेक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया था.

Gehlot Ministers And Bureaucrats Face off
आईएएस एसोसिएशन ने दिया ज्ञापन

सीएम से कठोर कार्रवाई की मांग- आईएएस एसोसिएशन ने उषा शर्मा को दिए ज्ञापन में मांग की है कि मंत्री मीणा के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बढ़ रही ऐसी घटनाओं से फील्ड में काम करने वाले मेहनती और ईमानदार अधिकारियों का मनोबल गिर रहा है. ज्ञापन में कहा गया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ पब्लिसिटी के लिए विपरीत टिप्पणियां करते रहते हैं जबकि यदि किसी अधिकारी का काम असंतोषजनक हो तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.

एसोसिएशन ने सीएम गहलोत से इस प्रकरण में जरूरी कार्रवाई की मांग करते हुए ये सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि भविष्य में ऐसे प्रकरण दोहराए ना जाएं. कहा गया है कि सीएम ऐसे प्रकरणों की सार्वजनिक निंदा करें तो ये प्रशंसनीय होगा क्योंकि राजस्थान ऐसे राज्य के रूप में जाना जाता है जहां अफसरों और नेताओं में तालमेल और अंडरस्टैंडिंग है. सीएस उषा शर्मा ने आईएएस अधिकारियों की भावना से सहमति जताते हुए सीएम के आने के बाद इस बारे में बात करने का आश्वासन दिया है.

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मंत्री ने कलेक्टर को भेजा मीटिंग से बाहर- दरअसल, सोमवार सुबह (21 नवंबर 2022) बीकानेर के रविंद्र रंगमंच पर चल रहे कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा सरकार की योजनाओं के बारे में बोल रहे थे. इस दौरान मीणा ने पीछे मुड़कर देखा तो कलेक्टर मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे. मीणा ने कहा, हम सरकार की योजनाओं पर बात कर रहे हैं. आप हमारी बात क्यों नहीं सुन रहे हैं? क्या इस सरकार पर ब्यूरोक्रेट इतने हावी हो गए हैं? इस पर कलेक्टर उठकर जाने लगे. फिर मंत्री कह दिया, आप यहां से जाइए. इसके बाद कुछ अन्य लोगों ने कॉल किया और कलेक्टर को वापस बुलाया.

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