जयपुर. प्रदेश के दो से ज्यादा संतान वाले कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश की गहलोत सरकार ने दो संतान से अधिक होने की स्थिति में 3 या 5 साल के प्रमोशन, इंक्रीमेंट से वंचित और दंडित होने वाले राजकीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है. अब ऐसे सरकारी कर्मचारियों को उसी वर्ष से उसकी मूल वरिष्ठता और पदोन्नति मिल सकेगी, जिस वर्ष से उसका प्रमोशन लंबित कर रखा है.
डीओपी ने जारी की संशोधित अधिसूचना : पिछले दिनों कैबिनेट के अनुमोदन बाद गुरुवार को कार्मिक विभाग ने संशोधित अधिसूचना जारी की है. जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक दो से अधिक संतान होने पर दंडित होने वाले उन कर्मचारी को बड़ी राहत दी गई है, जिनका प्रमोशन रोक लिया गया था. अधिसूचना जारी होने के बाद 2019-20 में जिनका प्रमोशन ड्यू है, उसे उसी वर्ष से प्रमोशन का लाभ मिल सकेगा. वहीं, वेतन वृद्धि का वास्तविक लाभ 3 साल बाद मिलेगा. हालांकि सीधी भर्ती से आए नए कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.
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अब तक ये थी स्थिति : बता दें कि गहलोत सरकार के संवेदनशील निर्णय से पहले दो से ज्यादा संतान होने पर अभी तक 3 साल तक प्रमोशन और उनके साथ वेतन वृद्धि रोकने का भी नियम है. इस वजह से कर्मचारी की 3 वर्ष तक की वरिष्ठता भी प्रभावित होती थी, लेकिन अब अधिसूचना में संशोधन से प्रमोशन के साथ मूल वरिष्ठता भी मिलेगी.
सदन में की थी घोषणा : बता दें कि शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बुधवार को विधानसभा में कहा था कि दो से अधिक संतान के कारण पदोन्नति से 3 तथा 5 वर्ष वंचित किए जा चुके कार्मिकों को पदोन्नति के बाद उनकी मूल वरिष्ठता दिए जाने के लिए नियमों में संशोधन वर्तमान में प्रक्रियाधीन है. डॉ. कल्ला ने ये जानकारी विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विधायक निर्मल कुमावत की ओर से इस सम्बन्ध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए दी थी. उन्होंने कहा था कि नियमों में संशोधन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और कैबिनेट की ओर से इसे मंजूरी दी जा चुकी है.