जयपुर. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ऐप बेस कंपनियों के लिए काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए बिल लेकर आ रही है. राजस्थान देश का पहला राज्य होगा, जहां गिग वर्कर्स के लिए बिल लाया जा रहा है. इस बिल का मसौदा अंतिम चरण में है. यूथ बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लांबा की देख-रेख में इसे तैयार किया जा रहा है. इसे लेकर बुधवार को गिग वर्कर्स, उनकी यूनियन और विभिन्न सामाजिक संगठनों से वार्ता करते हुए उनके सुझाव भी मांगे गए. जिसमें उन्होंने सिक्योरिटी से लेकर पेंशन तक के सुझाव दिए.
यूथ बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लांबा का कहना है कि देश में लाखों लोग ऐप बेस काम करते हैं, उनकी बहुत समस्याएं हैं, जिन्हें सुनने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गिग वर्कर्स ने उनसे मुलाकात की. इसके बाद राहुल गांधी ने सीएम अशोक गहलोत से गिग वर्कस की परेशानी शेयर करते हुए गिग वर्कर्स के लिए काम करने की बात कही थी.
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ऐसे में राजस्थान सरकार गिग वर्कर्स के लिए बिल ला रही है. उन्होंने बताया कि बिल का मसौदा तैयार है. विधानसभा के अगले सत्र में इसे पेश भी किया जाएगा, लेकिन इससे पहले गिग वर्कर्स, यूनियन, सामाजिक संगठनों ने अपनी राय इस बिल को लेकर दी है. जिन्हें बिल में शामिल करते हुए गिग वर्कर्स की सोशल सिक्योरिटी का रास्ता साफ किया जाएगा.
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि गिग वर्कर को लेबर नहीं कहा जा रहा है, जबकि ये लेबर ओरिएंटेड वर्क है. जब इन वर्कर के हक की बात आती है, तब इन्हें पार्टनर बता दिया जाता है, जबकि इनके पार्टनर होने का भी कोई लीगल फॉरमेशन नहीं है. ऐसे में इनके वेलफेयर और सिक्योरिटी की व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए लंबे समय से गिग वर्कर बोर्ड बनाने की मांग करते आए हैं. अब जब राजस्थान में इसे लेकर बिल लाया जा रहा है, तो उनकी सिक्योरिटी, पेंशन, बच्चों की स्कॉलरशिप, इंश्योरेंस, लोन आदि की व्यवस्था को लेकर सुझाव दिए गए हैं.