जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के 4 साल पूरे हो गए. गहलोत सरकार इन 4 साल बेमिसाल बता रही और इन चार साल की उपलब्धियों को आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन विपक्ष में बैठी बीजेपी (Gulab Chand Kataria Made a Big Allegation) इन चार साल को कुशासन बता रही है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सरकार नाकाबिल नहीं, बल्कि कलंक की तरह है.
मुख्यमंत्री अपने सहयोगी को जो पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे हों उन्हें गद्दार कह सकता है तो उस पार्टी का डिसिप्लिन क्या है ? 4 साल तक बहुमत की सरकार को टिकाए रखने के लिए खुली छूट दी गई भ्रष्टाचार की. उन्होंने कहा कि जनता को भ्रष्टाचार की भट्टी में जलना पड़ा है, विकास की दृष्टि से जीरो है. कटारिया ने कहा कि यह 4 साल राजस्थान की राजनीति और लोकतंत्र में राज करने वाली पार्टियों के आधार पर मुझे कहना पड़ रहा है कि यह 4 साल राजस्थान नहीं, बल्कि भारत की राजनीति में कलंक के रूप में याद किए जाएंगे.
कलंक के चार साल : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सरकार ना काबिल नहीं, बल्कि कलंक की तरह है. मुख्यमंत्री अपने सहयोगी को जो पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे हो उन्हें गद्दार कह सकता है तो उस पार्टी का डिसिप्लिन क्या है ? उन्होंने कहा कि अगर वो गद्दार है तो उन्हें निकाला क्यों नहीं, अगर उन्हें नहीं निकाला तो आप निकल जाते. दोनों में एक बाहर हो जाता. कटारिया ने कहा कि इन 4 साल में बहुमत की सरकार को टिकाए रखने के लिए सहयोगियों को खुली छूट दी गई, पटवारी भी तुम लगाओ जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया.
उन्होंने कहा कि जनता को भ्रष्टाचार की भट्टी में जलना पड़ा है, विकास की दृष्टि से जीरो है. 4 बजट (Gehlot Government Fourth Anniversary) इस सरकार ने पेश कर दिए लेकिन जमीन पर नहीं उतर पाए. 2 साल कोरोना में, 2 साल उनके आपसी झगड़े में चले गए. राजस्थान के लिए तो यह 4 साल एक तरफ से राजस्थान की राजनीति और लोकतंत्र में राज करने वाली पार्टियों के आधार पर राजस्थान ही नहीं, बल्कि भारत की राजनीति में कलंक के रूप में याद किए जाएंगे.
पुरानी योजनाओं का नाम बदला : कटारिया ने कहा कि योजना जो घोषणा की वह हमारी पुरानी योजनाओं का नया नाम देकर उनको चालू करने का प्रयास किया और जो इन्होंने योजना शुरू की उन योजनाओं का तो नाम ही भरोसा है. एक योजना में से एक हाई एजुकेशन है, जिसका दी भखान ये कहते फिर रहे हैं. इस योजना को खूब प्रमोट करने के लिए प्रचार प्रसार किया गया, लेकिन एक लेक्चरर दी उन कॉलेज में नहीं लगाया तो बच्चों को पढ़ेगा कौन. फैकल्टी नहीं होगी तो पढ़ाई कैसी होगी. इस तरह का अन्याय यह सरकार बच्चों के साथ कर रही है. इसी तरह शिक्षा संबल योजना में फार्म भरवाए, उसके बाद फिर रोक लगा दी. संविदा पर सरकार चला रहे हो कम पैसे में बच्चों के साथ में शोषण किया जा रहा है. कटारिया ने कहा कि जितना राज्य सरकार के पास लवाजमा है उससे भी ज्यादा संविदा पर काम कर रहे हैं. इससे बड़ा क्या हो सकता है. ये सरकार बच्चों को रोजगार के साथ जो खिलवाड़ कर रही है, उससे इन्हें माफी मिलने वाली नहीं.
जनता मन से इस सरकार को बदलने का मन बना लिया : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस गहलोत सरकार 4 साल पूरे करने जा रही है, जिन वादों पर सरकार सत्ता में आई उनमें से कोई वादा पूरा नहीं हुआ. बेरोजगार अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. बेरोजगार बच्चों की पीड़ा सरकार ने नहीं समझी रही है. पढ़े-लिखे बच्चों के साथ में सरकार मजाक कर रही है, जिससे बच्चों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि घोषणापत्र में कहा था कि सरकार आएगी तो संविदा पर लगे इन बच्चों को नियमित किया जाएगा, बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. युवा इस बहकावे में आ गए, लेकिन नियमितीकरण के नाम पर सरकार ने उनके साथ मजाक किया.
4 साल में सरकार ने उन बच्चों को नियमित तो नहीं किया, लेकिन आखिरी में जाते वक्त उनके लिए मापदंड तय कर दिए 10 हजार, 20 हजार और 30 हजार रुपए तय कर दिया. ये समझ से परे है कि इस तरह से सरकार इन पड़े लिखे बच्चों के साथ मजाक क्यों कर रही है. कटारिया ने कहा कि इन सब कारण से युवाओं में असंतोष है. पेपर आउट होने से युवाओं के साथ धोखा हुआ. उस दर्द को गहलोत सरकार नहीं समझ पा रही है. उन्होंने कहा कि सवा लाख नौकरियों दी इन 4 सालों में. इनमें से 40 हजार तो कर्मचारी रिटायर हो गए. पेपर लगातार आउट हो रहे हैं, एक बार हो जाए दो बार हो जाए या 8 बार पेपर आउट हो जाए लेकिन पेपर आउट करने वाला सरगना गिरफ्तार नहीं हुआ. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है.
घोषणा पत्र का कौन सा वादा पूरा हुआ : गुलाबी कटारा ने कहा कि सत्ता में आने के बाद 10 दिन में कर्जा माफ हो जाएगा वह कितना माफ हुआ, उसका हिसाब दो ? सरकार ने कहा था कि 24 घंटे बिजली मिलेगी, कितनी बिजली मिल रही है वह बताओ ? कृषि में 8 घंटे बिजली देने की बात की थी, कितनी बिजली सरकार दे रही है ? किसानों को 10 हजार तक बिल नहीं चुकाने की योजना को 2 साल तक दफ्तर में बंद रखा, जिसे 2 साल तक बंद रखा और उसके बाद मात्र 2000 रुपये बढ़ाकर फिर से शुरू कर दिया. मतलब 30 हजार की जेब काट कर 4 हजार दिए.
हमारी सरकार में 16 लाख किसान थे. आज सरकार कह रही है कि 4 लाख किसानों को राहत दी जा रही है तो बाकी किसान कहां गए ये बता दें ? किसानों को खाद नहीं दे पा रहे हैं, उनको डंडे पड़ रहे हैं. सरकार पूर्णतया फेल हो रही. जनता जो चाहती है वह ये सरकार नहीं कर पाई. फिर 80 फीसदी कौन से काम किए यह तो गिना दे सरकार ? कटारिया ने कहा कि सरकार जिन घोषणा को करके सत्ता में आई उसे भूल गई. कटारिया ने कहा कि 1 लाख 25 हजार को नोकरी दी, जबकि 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी रिटायर हो गए. संविदा पर जो कर्मचारियों को नियमित करने की बात थी उन्हें नियमित नहीं किया गया, बल्कि उनके लिए नियम बना दिए गए. 10, 20, 30 हजार के मानदेय पर संविदा कर्मचारी कैसे काम करेंगे और कैसे परिवार को पालेंगे. कटारिया ने कहा कि बेरोजगारों को लेकर किए गए हर घोषणा पर सरकार फेल हुई है. न रोजगार उपलब्ध करा पाई और ना ही संविदा कर्मचारियों को नियमित कर पाई.
कानून-व्यवस्था प्राथमिकता नहीं कुर्सी महत्वपूर्ण है : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कानून-व्यवस्था इस सरकार की प्राथमिकता कभी रही नहीं. इस सरकार की प्राथमिकता तो सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी कैसे बनी रहे. इसलिए उन्होंने जितने भी पोस्टिंग हो रही है पुलिस में वो नेताओं की सिफारिशों रही है. उसी आधार पर पुलिस काम कर रही है. इसलिए यह कहना कि पुलिस न्याय संगत काम कर रही है यह सही नहीं है. कटारिया ने कहा कि नाबालिग बच्चियों के रेप के मामलों को झूठा बताने पर गहलोत सरकार और पुलिस पर सवाल उठाए. 1300 से ज्यादा मामले नाबालिग बच्चियों की दुष्कर्म के झूठे बताए गए. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा और उसमें भी 40 फीसदी मामले मेवात के हैं, जो तुष्टीकरण का नमूना है. दुष्कर्म की दृष्टि से राजस्थान 2 साल से पहले नम्बर पर है. लॉ एंड ऑर्डर की भयावह स्थिति है. 2020 से 2022 तक मुकदमों की वृद्धि 22 फीसदी हुई है. बलात्कार और ST-SC मामलों में बेहतासा बढ़ोतरी हो रही है. कटारे ने कहा कि पोस्ट को एक तुम्हें और हत्या के मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करें, यह कहना गलत है. संगीन केस में पुलिस मुकदमा दर्ज करना चाहे कांग्रेस की सरकार हो चाहे बीजेपी की हो फिर यह कहना कि हमने ऐसा कंपलसरी किए, इसलिए मुकदमों की संख्या ज्यादा बड़ी है यह गलत बात है.
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही : गुलाबचंद कटारिया ने भ्रष्टाचार के मामलों पर कहा कि यह सरकार जिस तरह से भ्रष्ट कर्मचारियों अधिकारियों को बचा रही है, उससे स्पष्ट है कि सरकार में भ्रष्टाचार किस तरह से चरम सीमा पर पहुंच गया है. प्रदेश में घटनाएं हो रही हैं. इस तरह से आंकड़े आसमान छू रहे हैं . भ्रष्टाचार का आलम यह है कि आईजी, एसपी कलेक्टर भ्रष्टाचार में ट्रैप होते हैं, उसके बाद भी उसकी सरकार अनुमति नहीं देती है. चालान पेश करने की, इससे साफ कि सरकार भ्रष्टाचार को रोकना नहीं बल्कि बढ़ाना चाह रही है.
कटारिया ने कहा कि जब सरकार बहुमत वाली नहीं होती है. जोड़-तोड़ से बनती है तो जिनका सहयोग लेते हैं, उनको खुश रखना पड़ता है. यह राजनीति का तरीका है. इनकी सरकार में तो यह किन के घर में दो टुकड़े हो गए तो कमजोर से और कमजोर हो गए. इसलिए कुर्सी में बने रहने के लिए सब को खुश रखने के लिए खुली छूट दी है. उन्होंने कहा कि कुर्सी के लालच में जनता की हजामत हो गई. विकास के बारे में कोई कुछ नहीं सोच रहा, सब अपने-अपने धंधे में लगे हुए हैं. इससे बड़ा उदाहरण क्या चाहिए कि मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के बीच में भाषण देते पूछा कि ट्रांसफर के पैसे देने पर शिक्षकों ने कहा कि हां देने पड़ते हैं.