जयपुर. प्रदेश विधानसभा सत्र में शुक्रवार को प्रश्नकाल दौरान भाजपा विधायक कन्हैया लाल द्वारा लगाए गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार पर हमला बोला. दरअसल प्रश्नकाल में विधायक कन्हैया लाल ने टोंक जिले में रेलवे लाइन हेतु अधिग्रहित भूमि के मुआवजे से जुड़ा सवाल उठाया और सरकार से पूछा कि क्या सरकार जमीन अधिग्रहित का आधा पैसा देने का विचार रखती हैं.
इस पर जवाब देते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पिछली गहलोत सरकार के समय राज्य सरकार ने केंद्र से इस रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे में आधा पैसा देने की हामी भरी थी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और उसके बाद वसुंधरा राजे सरकार ने अपनी ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश में आर्थिक हालात खराब होने का हवाला देकर जमीन अधिग्रहित करने और मुआवजा देने का खर्चा केंद्र के स्तर पर वहन करने की मांग कर डाली.
इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहां की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पत्र के बाद तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस खर्चे को वहन करने में असमर्थता जताई. खाचरियावास ने कहा राजस्थान में 25 सीटें भाजपा और उनके सहयोगियों के पास हैं और साथ ही प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में भी भाजपा की सरकार हैं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में हम सब को प्रधानमंत्री मोदी के पास जाना चाहिए.
गहलोत ने वसुंधरा सरकार पर साधा निशाना
इस दौरान सदन में मौजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वक्तव्य देने के लिए उठे और उन्होंने वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप तक लगा दिया. गहलोत ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के चलते हम हैं. खराब माली हालत में राजस्थान मिला है, जिसे हम सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.
ऐसी स्थिति में हम सब भाजपा के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री के पास जाने को तैयार है. मैं खुद उनको कहूंगा कि जब राजस्थान की हालत बेहतर हो जाएगी तो हम खुद यह खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन करवाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस वक्तव्य के दौरान सदन में मौजूद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि गहलोत साहब केवल यह जवाब दें कि वर्तमान स्थिति में इस काम के लिए जमीन अधिग्रहण का मुआवजा का खर्चा सरकार उठाएगी या नहीं.