जयपुर. प्रदेश के साथ ही देश में सांप्रदायिक तनाव के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है और आए दिन ऐसी घटनाएं आमजन के लिए चिंता का कारण बन रही है. लेकिन राजधानी जयपुर में जन-जन की आस्था के केंद्र और ऐतिहासिक खोले के हनुमान जी मंदिर में गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिल रही है. यहां हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन मुस्लिम कलाकारों ने भजनों की शानदार प्रस्तुति देकर समा बांध दिया.
इससे पहले खोले के हनुमान जी का आकर्षक शृंगार किया गया और 200 किलो से ज्यादा अंगूरों की झांकी सजाई गई. मंगलवार होने के कारण तीन दिवसीय जन्मोत्सव आयोजन के पहले दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां देखने को मिली. प्रकृति की वादियों के बीच पहाड़ियों के बीच में स्थित यह स्थान जयपुर और आसपास के इलाकों के लोगों की आस्था का प्रतीक है.
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पद्मश्री अनवर खान और मुन्ना मास्टर ने दी प्रस्तुतिः श्री खोले के हनुमान जी प्रन्यास के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि श्री नरवर आश्रम सेवा समिति, श्री खोले के हनुमान जी मंदिर के द्वारा पंडित राधे लाल जी चौबे की प्रेरणा के अनुसार हर वर्ष हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस बार तीन दिवसीय हनुमत जन्मोत्सव का आगाज मंगलवार से हुआ है. दिन में हनुमान जी महाराज को आज अंगूरों और फलों की झांकी से सजाया गया है. शाम को हुई भजन संध्या में सुप्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री अनवर खान, पद्मश्री मुन्ना मास्टर और जगदीश ने भजनों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया. उन्होंने गणेश वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया और हनुमान जी और राम जी के भजनों की प्रस्तुति दी.
लगातार तीन दिन चलेगा कार्यक्रम, मुख्य कार्यक्रम 6 कोः उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम निरंतर 3 दिन तक चलेगा. बुधवार को पद्मश्री गुलाबो भी यहां प्रस्तुति देंगी. इसके साथ ही देवी आकांक्षा भी यहां भजनों की प्रस्तुति देंगी. गुरुवार को सुबह हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर सुबह 6 बजे हनुमान जी महाराज को विभिन्न द्रव्यों, विभिन्न तीर्थों से लाए हुए जल के साथ 108 औषधियों से स्नान करवाया जाएगा. इस मौके पर नवीन पोशाक धारण करवा कर दिन में 12 बजे भव्य महाआरती का आयोजन किया जाएगा. शाम के समय दरबार में भजन संध्या आयोजित होगी.
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धर्म का भेद नहीं, देश की तरक्की और अमन-चैन की प्रार्थनाः बृजमोहन शर्मा ने बताया कि यह स्थान हमेशा से ही गंगा-जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध रहा है. खोले के हनुमान जी के पास ही प्रसिद्ध दरगाह भी है. जो भी कार्यक्रम होता है. वह मिलजुल कर ही होता है. यहां धर्म का कोई भेद नहीं है. पूरे हिंदुस्तान में शांति और अमन चैन कायम रहे, यही हम प्रार्थना करते हैं. इसके साथ यह हम देश की तरक्की की कामना करते हैं. वे बोले-सद्भावना के साथ सब प्राणी रहे, किसी भी प्राणी को किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हो. हम हनुमान जी महाराज से यही प्रार्थना करते हैं.
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300 साल पुराना है यह स्थानः खोले के हनुमान जी का मंदिर करीब 300 साल पुराना है. यहां मूर्ति नहीं है बल्कि पहाड़ी शीला पर हनुमानजी की आकृति बनी हुई है. साल 1960 में पंडित राधेलाल जी चौबे ने यहां जंगल में हनुमान जी महाराज की आराधना शुरू की थी. इसके बाद लगातार मंगलवार और शनिवार को यहां सिंदूर का चोला चढ़ाने लगे. तब से लेकर आज तक यह तपोभूमि प्रदेश बल्कि देश विदेश में प्रख्यात होती जा रही है. जयपुर के साथ ही आसपास के लोग भी अपनी मनोकामना लेकर हनुमानजी महाराज के दर्शन करने आते हैं और हनुमान जी महाराज उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. इसीलिए इस मंदिर के प्रति आस्था भक्तों की आस्था लगातार बढ़ रही है.