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स्पेशल रिपोर्ट: विश्व का एकमात्र गणेश मंदिर, यहां है बिना सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा

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Published : Sep 2, 2019, 12:43 PM IST

राजधानी सिर्फ अपने हेरिटेज लुक की वजह से मशहूर नहीं है. बल्कि जयपुर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. यहां के मंदिर भी उतने ही प्राचीन है जितना जयपुर. शहर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित गढ़-गणेश जी मंदिर भी उन्हीं में से एक है. ये विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है. जहां बिना सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा है. जिन्हें देखकर लोग चकित भी हो जाते हैं.

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जयपुर. पूरा देश आज गणेश चतुर्थी पर प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज का जन्मदिन मनाया जा रहा है. भगवान गणेश के जन्म की पौराणिक मान्यता और कथा कहानियों से सभी परिचित हैं. सभी ये भी जानते हैं कि किस तरह भगवान गणेश को हाथी के सिर वाला स्वरूप मिला. लेकिन हम आपको बताएंगे की राजधानी जयपुर में एक मंदिर ऐसा भी है. जहां भगवान गणेश के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित है. यानी बिना सूंड वाले गणेश जी की पूजा अर्चना होती है.

बिना सूंड वाले गणेश जी का मंदिर

नाहरगढ़ पहाड़ी पर महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ करवाकर गणेश जी के बाल स्वरूप वाली प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी. इसके बाद जयपुर की नींव रखी गई थी. रियासत कालीन ये मंदिर करीब 450 साल पुराना है. जानकारी के अनुसार यहां मंदिर में गणपति को इस तरह प्रतिष्ठित किया गया था. ताकि सिटी पैलेस के इंद्र महल से महाराज दूरबीन से भगवान के दर्शन करके अपने दिन की शुरुआत कर सके.

पढ़ें- आज पधारेंगें गणपति, जानिए कौन सा है वो शुभ मुहूर्त जिसमें करा सकते हैं गणपति को दहलीज पार

इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हर रोज एक सीढ़ी का निर्माण किया गया था. पूरे 1 साल तक निर्माण कार्य चला और 365 सीढ़ियां बनाई गई. इन सीढ़ियों के निर्माण से पहले पहाड़ से ही आने का रास्ता हुआ करता था. जहां से आज भी सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर परिसर तक पहुंचते हैं.

भगवान को शादियों का निमंत्रण देने आते हैं भक्त

आज गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान विनायक के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से भक्त यहां पहुंचे. श्रद्धालुओं की माने तो गढ़ गणेश से मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूर्ण होती है. यहां शहरवासी शादियों के निमंत्रण लेकर आज भी गणेश जी महाराज के दर पर पहुंचते हैं.

पढ़ें- जयपुर सहित कई जिलों में जमकर हुई बारिश, 6 जिलों में भारी बारिश के संकेत

आपको बता दें कि मंदिर के निर्माण के समय सवाई जयसिंह ने वास्तु का भी ध्यान रखा. शहर की बसावट भी इसी वास्तु के आधार पर की गई. चूंकि मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की सख्त मनाही है. ऐसे में हम आपको बाल गणेश के दर्शन नहीं करा सकते. लेकिन यदि आप जयपुर आते हैं, तो नाहरगढ़ पहाड़ी पर मौजूद गढ़ गणेश मंदिर पहुंच भगवान के दर्शन जरूर कर सकते हैं.

जयपुर. पूरा देश आज गणेश चतुर्थी पर प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज का जन्मदिन मनाया जा रहा है. भगवान गणेश के जन्म की पौराणिक मान्यता और कथा कहानियों से सभी परिचित हैं. सभी ये भी जानते हैं कि किस तरह भगवान गणेश को हाथी के सिर वाला स्वरूप मिला. लेकिन हम आपको बताएंगे की राजधानी जयपुर में एक मंदिर ऐसा भी है. जहां भगवान गणेश के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित है. यानी बिना सूंड वाले गणेश जी की पूजा अर्चना होती है.

बिना सूंड वाले गणेश जी का मंदिर

नाहरगढ़ पहाड़ी पर महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ करवाकर गणेश जी के बाल स्वरूप वाली प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी. इसके बाद जयपुर की नींव रखी गई थी. रियासत कालीन ये मंदिर करीब 450 साल पुराना है. जानकारी के अनुसार यहां मंदिर में गणपति को इस तरह प्रतिष्ठित किया गया था. ताकि सिटी पैलेस के इंद्र महल से महाराज दूरबीन से भगवान के दर्शन करके अपने दिन की शुरुआत कर सके.

पढ़ें- आज पधारेंगें गणपति, जानिए कौन सा है वो शुभ मुहूर्त जिसमें करा सकते हैं गणपति को दहलीज पार

इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हर रोज एक सीढ़ी का निर्माण किया गया था. पूरे 1 साल तक निर्माण कार्य चला और 365 सीढ़ियां बनाई गई. इन सीढ़ियों के निर्माण से पहले पहाड़ से ही आने का रास्ता हुआ करता था. जहां से आज भी सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर परिसर तक पहुंचते हैं.

भगवान को शादियों का निमंत्रण देने आते हैं भक्त

आज गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान विनायक के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से भक्त यहां पहुंचे. श्रद्धालुओं की माने तो गढ़ गणेश से मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूर्ण होती है. यहां शहरवासी शादियों के निमंत्रण लेकर आज भी गणेश जी महाराज के दर पर पहुंचते हैं.

पढ़ें- जयपुर सहित कई जिलों में जमकर हुई बारिश, 6 जिलों में भारी बारिश के संकेत

आपको बता दें कि मंदिर के निर्माण के समय सवाई जयसिंह ने वास्तु का भी ध्यान रखा. शहर की बसावट भी इसी वास्तु के आधार पर की गई. चूंकि मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की सख्त मनाही है. ऐसे में हम आपको बाल गणेश के दर्शन नहीं करा सकते. लेकिन यदि आप जयपुर आते हैं, तो नाहरगढ़ पहाड़ी पर मौजूद गढ़ गणेश मंदिर पहुंच भगवान के दर्शन जरूर कर सकते हैं.

Intro:जयपुर - राजधानी सिर्फ अपने हेरिटेज लुक की वजह से मशहूर नहीं। बल्कि जयपुर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के मंदिर भी उतने ही प्राचीन है जितना जयपुर। शहर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित गढ़ गणेश जी मंदिर भी उन्हीं में से एक है। ये विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान गणेश के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित है। या यूं कहे बिना सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा है। जिन्हें देखकर लोग चकित भी हो जाते हैं।


Body:पूरा देश आज गणेश चतुर्थी पर प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज का जन्मदिन मना रहा है। भगवान गणेश के जन्म की पौराणिक मान्यता और कथा कहानियों से सभी परिचित हैं। और सभी ये भी जानते हैं कि किस तरह भगवान गणेश को हाथी के सिर वाला स्वरूप मिला। लेकिन हम आपको बताएंगे की राजधानी जयपुर में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान गणेश के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित है। यानी बिना सूंड वाले गणेश जी की पूजा अर्चना होती है।

नाहरगढ़ पहाड़ी पर महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ करवाकर गणेश जी के बाल स्वरूप वाली प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी। इसके बाद जयपुर की नींव रखी गई थी। रियासत कालीन ये मंदिर करीब 450 साल पुराना है। जानकारी के अनुसार यहां मंदिर में गणपति को इस तरह प्रतिष्ठित किया गया था, कि सिटी पैलेस के इंद्र महल से महाराजा दूरबीन से भगवान के दर्शन करके अपने दिन की शुरुआत कर सके। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हर रोज एक सीढ़ी का निर्माण किया गया था। पूरे 1 साल तक निर्माण कार्य चला और 365 सीढ़ियां बनाई गई। इन सीढ़ियों के निर्माण से पहले पहाड़ से ही आने का रास्ता हुआ करता था। जहां से आज भी सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर परिसर तक पहुंचते हैं।
बाईट - अविनाश जाकड़, श्रद्धालु

आज गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान विनायक के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से भक्त यहां पहुंचे। श्रद्धालुओं की माने तो गढ़ गणेश से मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूर्ण होती है। यहां शहरवासी शादियों के निमंत्रण लेकर आज भी गणेश जी महाराज के दर पर पहुंचते हैं।
बाईट - प्रज्ञा शर्मा, श्रद्धालु


Conclusion:आपको बता दें कि मंदिर के निर्माण के समय सवाई जयसिंह ने वास्तु का भी ध्यान रखा, और शहर की बसावट भी इसी वास्तु के आधार पर की गई। चूंकि मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की सख्त मनाही है, ऐसे में हम आपको बाल गणेश के दर्शन नहीं करा सकते। लेकिन यदि आप जयपुर आते हैं तो नाहरगढ़ पहाड़ी पर मौजूद गढ़ गणेश मंदिर पहुंच भगवान के दर्शन जरूर कर सकते हैं।
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