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Ganesh Chaturthi 2023 : छोटी काशी में गणेश उत्सव की धूम, कहीं क्यूआर कोड स्कैन करके होंगे बप्पा के दर्शन तो कहीं कोलकाता और बेंगलुरु के फूलों से हो रहा भव्य शृंगार

छोटी काशी में गणेश उत्सव की धूम है. यहां प्रथम पूज्य के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन हो रहे हैं तो कोलकाता और बेंगलुरु से मंगवाए गए खास फूलों से बप्पा का भव्य शृंगार किया जा रहा है.

Ganesh Chaturthi 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 17, 2023, 6:28 PM IST

जयपुर. बप्पा के स्वागत के लिए छोटी काशी तैयार है. प्रथम पूज्य के मंदिरों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. नहर के गणेश मंदिर में भगवान के पट बंद करके चोला चढ़ाया जा रहा है तो बंगाली बाबा गणेश मंदिर में रंग-बिरंगी रोशनी के साथ ही कोलकाता और बेंगलुरु से मंगवाए गए फूलों से भगवान का शृंगार करने की तैयारी शुरू हो गई है. वहीं, शहर के प्रमुख मोती डूंगरी गणेश मंदिर परिसर के आसपास भगवान गणेश के स्वरूप का क्यूआर कोड लगाया गया है, जिसे स्कैन कर भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

गणेश चतुर्थी से पहले ही शहर में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है. इसी कड़ी में रविवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत सुगम संगीत की प्रस्तुति दी गई. साथ ही गणेश चतुर्थी की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. मंदिर में साज सज्जा और भक्तों की सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. इसके इतर यहां पहली बार दो हजार इको फ्रेंडली प्रतिमा भी भेंट की जाएगी. साथ ही तकनीक का विशेष इस्तेमाल करते हुए भगवान गणेश की क्यूआर कोड रूपी तस्वीरें भी लगाई गई हैं, जिसे भक्त अपने मोबाइल से स्कैन कर झांकियों के दर्शन कर सकेंगे.

Ganesh Chaturthi 2023
क्यूआर कोड स्कैन करने पर होंगे बप्पा के दर्शन

इसे भी पढ़ें - Special : छोटी काशी के इस मंदिर में गणेश चतुर्थी के दिन भी नहीं होता भगवान गणपति का अभिषेक, भस्म से बने हैं विनायक

चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे बप्पा - इसके अलावा भगवान की आरी-तारी, गोटा पत्ती की विशेष पोशाक भी आकर्षण का केंद्र है. साथ ही प्रथम पूज्य गणेश जी हर रोज अलग-अलग पोशाक धारण करेंगे. इससे पहले सोमवार को सिंजारे पर नौलखा हार और हीरे जड़ित सोने का मुकुट पहनाकर भगवान को चांदी के सिंहासन पर विराजमान करवाया जाएगा. इधर, दिल्ली रोड स्थित बंगाली बाबा गणेश मंदिर में रविवार से ही तीन दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई, जिसमें महामूषक ध्वजार्पण, पंचामृत अभिषेक, सिंदूर अर्पण और सिंजारा जैसे धार्मिक आयोजन होंगे. गणेश चतुर्थी को सुबह पांच बजे भगवान को मोदक अर्पित किए जाएंगे. साथ ही कोलकाता और बेंगलुरु से आए फूलों से विशेष झांकी सजेगी. इसी तरह सूरजपोल स्थित श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर में 56 भोग की झांकियां सजाई गई हैं तो चांदपोल स्थित परकोटा गणेश मंदिर में 31000 लड्डुओं की झांकी सजी है.

जयपुर. बप्पा के स्वागत के लिए छोटी काशी तैयार है. प्रथम पूज्य के मंदिरों में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. नहर के गणेश मंदिर में भगवान के पट बंद करके चोला चढ़ाया जा रहा है तो बंगाली बाबा गणेश मंदिर में रंग-बिरंगी रोशनी के साथ ही कोलकाता और बेंगलुरु से मंगवाए गए फूलों से भगवान का शृंगार करने की तैयारी शुरू हो गई है. वहीं, शहर के प्रमुख मोती डूंगरी गणेश मंदिर परिसर के आसपास भगवान गणेश के स्वरूप का क्यूआर कोड लगाया गया है, जिसे स्कैन कर भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

गणेश चतुर्थी से पहले ही शहर में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है. इसी कड़ी में रविवार को मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत सुगम संगीत की प्रस्तुति दी गई. साथ ही गणेश चतुर्थी की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. मंदिर में साज सज्जा और भक्तों की सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. इसके इतर यहां पहली बार दो हजार इको फ्रेंडली प्रतिमा भी भेंट की जाएगी. साथ ही तकनीक का विशेष इस्तेमाल करते हुए भगवान गणेश की क्यूआर कोड रूपी तस्वीरें भी लगाई गई हैं, जिसे भक्त अपने मोबाइल से स्कैन कर झांकियों के दर्शन कर सकेंगे.

Ganesh Chaturthi 2023
क्यूआर कोड स्कैन करने पर होंगे बप्पा के दर्शन

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चांदी के सिंहासन पर विराजेंगे बप्पा - इसके अलावा भगवान की आरी-तारी, गोटा पत्ती की विशेष पोशाक भी आकर्षण का केंद्र है. साथ ही प्रथम पूज्य गणेश जी हर रोज अलग-अलग पोशाक धारण करेंगे. इससे पहले सोमवार को सिंजारे पर नौलखा हार और हीरे जड़ित सोने का मुकुट पहनाकर भगवान को चांदी के सिंहासन पर विराजमान करवाया जाएगा. इधर, दिल्ली रोड स्थित बंगाली बाबा गणेश मंदिर में रविवार से ही तीन दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई, जिसमें महामूषक ध्वजार्पण, पंचामृत अभिषेक, सिंदूर अर्पण और सिंजारा जैसे धार्मिक आयोजन होंगे. गणेश चतुर्थी को सुबह पांच बजे भगवान को मोदक अर्पित किए जाएंगे. साथ ही कोलकाता और बेंगलुरु से आए फूलों से विशेष झांकी सजेगी. इसी तरह सूरजपोल स्थित श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर में 56 भोग की झांकियां सजाई गई हैं तो चांदपोल स्थित परकोटा गणेश मंदिर में 31000 लड्डुओं की झांकी सजी है.

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